लखनऊ: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में जल्द ही 'कोबास 6800' मशीन लगाई जाएगी. इस मशीन से 1 दिन में 1200 कोरोना वायरस संदिग्ध व्यक्तियों की जांच की जा सकेगी.
प्रस्ताव पर शासन की मुहर
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी को उत्तर प्रदेश के कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों के नमूनों की जांच का नोडल सेंटर बनाया गया है. अभी यहां कोरोना वायरस से संदिग्ध व्यक्तियों की नमूनों की जांच राउंड ओ क्लॉक की जाती है. इस सिलसिले में माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने कोरोना संक्रमण की जांच में तेजी लाने के लिए ऑटोमेटिक मशीन 'कोबास 6800' लगाने के प्रस्ताव पर शासन ने मुहर लगा दी है.
1 दिन में हो सकेगी 1200 जांच
केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अमिता जैन ने बताया कि यह मशीन हाई थ्रोपुट है और ऑटोमेटिक काम कर सकती है. इस लिहाज से इस मशीन से प्रतिदिन 1200 कोरोना संक्रमण के संदिग्ध व्यक्तियों की जांच की जा सकेगी. इस मशीन के लगने से कई फायदे हो सकते हैं. पहला यह कि जांच में समय कम लगेगा और अधिक से अधिक जांचें की जा सकेंगी और इसके अलावा मानव श्रम की भी बचत होगी.
केजीएमयू देश का दूसरा संस्थान
यह मशीन अब तक सिर्फ पुणे की एनआईवी प्रयोगशाला में ही स्थापित है. केजीएमयू देश का दूसरा संस्थान होगा जहां पर यह मशीन स्थापित की जाएगी. इस मशीन के लिए उत्तर प्रदेश शासन से 10 करोड़ 86 लाख 29 हजार 173 रुपए की स्वीकृति दी गई है.
शासन का काबिले तारीफ निर्णय
केजीएमयू में इस मशीन के स्थापित हो जाने के बाद कोरोना वायरस संदिग्ध नमूनों की अधिक से अधिक जांचे हो सकेंगी. इस लिहाज से उत्तर प्रदेश शासन की ओर से लिया गया यह निर्णय काबिले तारीफ है.
लखनऊ: केजीएमयू में लगेगी 'कोबास-6800', 1 दिन में की जा सकेगी 1200 जांच
यूपी की राजधानी लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में जल्द ही 'कोबास 6800' मशीन लगाई जाएगी. इस मशीन से 1 दिन में 1200 कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों की जांच की जा सकेंगी. इस मशीन के लिए उत्तर प्रदेश शासन की ओर से 10 करोड़ 86 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है.
लखनऊ: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में जल्द ही 'कोबास 6800' मशीन लगाई जाएगी. इस मशीन से 1 दिन में 1200 कोरोना वायरस संदिग्ध व्यक्तियों की जांच की जा सकेगी.
प्रस्ताव पर शासन की मुहर
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी को उत्तर प्रदेश के कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों के नमूनों की जांच का नोडल सेंटर बनाया गया है. अभी यहां कोरोना वायरस से संदिग्ध व्यक्तियों की नमूनों की जांच राउंड ओ क्लॉक की जाती है. इस सिलसिले में माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने कोरोना संक्रमण की जांच में तेजी लाने के लिए ऑटोमेटिक मशीन 'कोबास 6800' लगाने के प्रस्ताव पर शासन ने मुहर लगा दी है.
1 दिन में हो सकेगी 1200 जांच
केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अमिता जैन ने बताया कि यह मशीन हाई थ्रोपुट है और ऑटोमेटिक काम कर सकती है. इस लिहाज से इस मशीन से प्रतिदिन 1200 कोरोना संक्रमण के संदिग्ध व्यक्तियों की जांच की जा सकेगी. इस मशीन के लगने से कई फायदे हो सकते हैं. पहला यह कि जांच में समय कम लगेगा और अधिक से अधिक जांचें की जा सकेंगी और इसके अलावा मानव श्रम की भी बचत होगी.
केजीएमयू देश का दूसरा संस्थान
यह मशीन अब तक सिर्फ पुणे की एनआईवी प्रयोगशाला में ही स्थापित है. केजीएमयू देश का दूसरा संस्थान होगा जहां पर यह मशीन स्थापित की जाएगी. इस मशीन के लिए उत्तर प्रदेश शासन से 10 करोड़ 86 लाख 29 हजार 173 रुपए की स्वीकृति दी गई है.
शासन का काबिले तारीफ निर्णय
केजीएमयू में इस मशीन के स्थापित हो जाने के बाद कोरोना वायरस संदिग्ध नमूनों की अधिक से अधिक जांचे हो सकेंगी. इस लिहाज से उत्तर प्रदेश शासन की ओर से लिया गया यह निर्णय काबिले तारीफ है.