लखनऊ : कॉमन सिविल कोड और पसमांदा समाज की बदहाली को लेकर प्रधानमंत्री द्वारा हाल ही में जारी किए गए बयान को लेकर देश में चर्चा हो रही है. ऐसे में पसमांदा मुस्लिम समाज के लोगों में नाराजगी है. पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीस मंसूरी ने कहा कि अफसोस की बात यह है कि प्रधानमंत्री ने पसमांदा मुसलमानों की समस्याओं के निराकरण की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की है. इसके बावजूद चुनाव के वक्त पसमांदा समाज की वकालत कर रहे हैं.
पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हैदराबाद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में तीन जुलाई 2022 में पसमांदा मुसलमानों की बदहाली पर चिंता जताई थी. वहां विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री सहित पार्टी के वरिष्ठ नेतागण मौजूद थे. प्रधानमंत्री ने पार्टी के नेताओं से पसमांदा मुसलमानों को देश की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए काम करने की बात कही. इस बात को एक साल हो चुके हैं, लेकिन प्रधानमंत्री ने अब तक पसमांदा मुसलमानों के लिए कोई ठोस कार्य योजना नहीं बनाई है.
काॅमन सिविल कोड पर रखी यह बात
अनीस मंसूरी ने काॅमन सिविल कोड के मुद्दे पर प्रधानमंत्री के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया जताते हुऐ कहा कि भारत जैसे देश जहां पर विभिन्न धर्म, सम्प्रदायों व जाति के लोग सदियों से रहते आ रहे हैं जिनके अपने स्वयं धार्मिक व सामाजिक नियम कानून है जो कि दूसरे धर्म के लोगों से नहीं टकराते हैं. ऐसे में काॅमन सिविल कोड लागू करने का क्या औचित्य है. काॅमन सिविल कोड लागू करने से पहले विश्व के देशों में क्या प्रभाव पड़ेगा. इस बिंदु पर भी गहरा अध्यन करने की आवश्यकता है. प्रधानमंत्री के इस बयान पर कि घर में दो कानून नहीं चलेगा, अनीश मंसूरी ने कहा कि घर चलाना अलग बात है और देश चलाना अलग मुद्दा है. इस मौके पर मोहम्मद वसीम राईनी प्रदेश अध्यक्ष, हाजी नसीम अहमद कोषाध्यक्ष, खुर्शीद आलम सलमानी, मंडल अध्यक्ष लखनऊ मौलाना इलियास मंसूरी संगठन मंत्री उपस्थित रहे.
यह भी पढ़ें : Watch Video: हाथरस में घूस लेने के आरोप में लिपिक निलंबित