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UP में बिजली संकट, सीएम योगी आज करेंगे बैठक - blackout

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज सोमवार को बिजली संकट के मुद्दे पर बैठक करेंगे. बिजली समस्या से पार पाने के लिए सीएम अफसरों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग से बातचीत कर इसका हल ढूंढेंगे.

बिजली संकट.
बिजली संकट.
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Published : Oct 11, 2021, 11:10 AM IST

लखनऊ: बिजली संकट को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गंभीर हैं. उन्होंने कोयले की आपूर्ति और बिजली संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र भेजा था. उत्तर प्रदेश में विद्युत व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित किए जाने को लेकर सीएम आज वीडियो कांफ्रेंसिंग से अफसरों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे.

वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से होने वाली बैठक में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा सहित शासन के बड़े अफसर उपस्थित रहेंगे. वहीं प्रदेश भर के कमिश्नर, एडीजी और डीएम वीडियो कांन्फ्रेंसिंग में जुड़ेंगे. जानकारी के अनुसार अपरान्ह साढ़े तीन बजे सीएम योगी की इस महत्वपूर्ण बैठक में UPPCL के सभी डिस्कॉम के एमडी, सभी चीफ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जुड़ेंगे.

प्रदेश में विद्युत आपूर्ति, विद्युत चोरी और गलत मीटर रीडिंग को लेकर मुख्यमंत्री ने यह बैठक बुलाई है. इसके साथ ही बिजली व्यवस्था को सुचारू रूप से व्यवस्थित संचालित किए जाने को लेकर वह कोयला की आपूर्ति आदि को लेकर भी अफसरों से जानकारी लेते हुए दिशा-निर्देश देंगे.

गौरतलब है कि देश में ब्लैकआउट का खतरा मंडरा रहा है. दुनिया के दूसरे सबसे बड़े कोयला आयातक भारत के पास अब पर्याप्त स्टॉक ही नहीं है. जबकि भारत में अपने कोयला के खादान हैं. खादानों के मामले में भारत विश्व में चौथे नंबर पर है, मगर यहां के पावर प्लांट में कोयले का स्टॉक बहुत कम हो गया है.

देश में बिजली संकट गहराने लगा है. दिल्ली में पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी टाटा पावर ने लोगों को कटौती का संदेश भेज दिया है. अघोषित कटौती जारी है. राजस्थान के जयपुर और पंजाब के पटियाला जैसे शहरों में 4-4 घंटे की बिजली कटौती शुरू हो गई है. यूपी समेत पूरे देश में भी किल्लत का असर दिखने लगा है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और आंध्र के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर पावर प्लांट्स को पर्याप्त कोयले की आपूर्ति की मांग की है.

बताया जा रहा है कि देश में कोयले की किल्लत के कारण बिजली संकट शुरू हुआ है. देश के कुल 135 पावर प्लांट्स में बिजली का उत्पादन कोयले से होता है. इन प्लांट्स से ही देश की 70 फीसदी बिजली का उत्पादन होता है. हालत यह है कि अभी 72 प्लांट के पास सिर्फ 2 दिन का कोयला स्टॉक है. 50 प्लांट के पास सिर्फ 9 दिनों का भंडार है.

भारत के पास 300 अरब टन का कोयला भंडार है. फिर भी पावर हाउस के लिए इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका जैसे देशों से 2.22 करोड़ टन कोयले का आयात किया जाता है. पिछले दो महीनों में देश में कोयला का उत्पादन कम हुआ. मॉनसून सीजन में अक्सर भारत में भी कोयले का उत्पादन कम होता है, क्योंकि भारत के कोयला खादानों में अब भी पुराने तरीकों से ही खनन होता है.

इसे भी पढ़ें-power crisis : भारत में ब्लैकआउट का खतरा, पावर हाउस में क्यों कम पड़ गया कोयला ?

लखनऊ: बिजली संकट को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गंभीर हैं. उन्होंने कोयले की आपूर्ति और बिजली संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र भेजा था. उत्तर प्रदेश में विद्युत व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित किए जाने को लेकर सीएम आज वीडियो कांफ्रेंसिंग से अफसरों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे.

वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से होने वाली बैठक में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा सहित शासन के बड़े अफसर उपस्थित रहेंगे. वहीं प्रदेश भर के कमिश्नर, एडीजी और डीएम वीडियो कांन्फ्रेंसिंग में जुड़ेंगे. जानकारी के अनुसार अपरान्ह साढ़े तीन बजे सीएम योगी की इस महत्वपूर्ण बैठक में UPPCL के सभी डिस्कॉम के एमडी, सभी चीफ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जुड़ेंगे.

प्रदेश में विद्युत आपूर्ति, विद्युत चोरी और गलत मीटर रीडिंग को लेकर मुख्यमंत्री ने यह बैठक बुलाई है. इसके साथ ही बिजली व्यवस्था को सुचारू रूप से व्यवस्थित संचालित किए जाने को लेकर वह कोयला की आपूर्ति आदि को लेकर भी अफसरों से जानकारी लेते हुए दिशा-निर्देश देंगे.

गौरतलब है कि देश में ब्लैकआउट का खतरा मंडरा रहा है. दुनिया के दूसरे सबसे बड़े कोयला आयातक भारत के पास अब पर्याप्त स्टॉक ही नहीं है. जबकि भारत में अपने कोयला के खादान हैं. खादानों के मामले में भारत विश्व में चौथे नंबर पर है, मगर यहां के पावर प्लांट में कोयले का स्टॉक बहुत कम हो गया है.

देश में बिजली संकट गहराने लगा है. दिल्ली में पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी टाटा पावर ने लोगों को कटौती का संदेश भेज दिया है. अघोषित कटौती जारी है. राजस्थान के जयपुर और पंजाब के पटियाला जैसे शहरों में 4-4 घंटे की बिजली कटौती शुरू हो गई है. यूपी समेत पूरे देश में भी किल्लत का असर दिखने लगा है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और आंध्र के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर पावर प्लांट्स को पर्याप्त कोयले की आपूर्ति की मांग की है.

बताया जा रहा है कि देश में कोयले की किल्लत के कारण बिजली संकट शुरू हुआ है. देश के कुल 135 पावर प्लांट्स में बिजली का उत्पादन कोयले से होता है. इन प्लांट्स से ही देश की 70 फीसदी बिजली का उत्पादन होता है. हालत यह है कि अभी 72 प्लांट के पास सिर्फ 2 दिन का कोयला स्टॉक है. 50 प्लांट के पास सिर्फ 9 दिनों का भंडार है.

भारत के पास 300 अरब टन का कोयला भंडार है. फिर भी पावर हाउस के लिए इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका जैसे देशों से 2.22 करोड़ टन कोयले का आयात किया जाता है. पिछले दो महीनों में देश में कोयला का उत्पादन कम हुआ. मॉनसून सीजन में अक्सर भारत में भी कोयले का उत्पादन कम होता है, क्योंकि भारत के कोयला खादानों में अब भी पुराने तरीकों से ही खनन होता है.

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