लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार 12 फरवरी को स्वामित्व योजना के अंतर्गत ग्रामीणों को घरौनी (gharauni) प्रमाण पत्र बांटने की शुरुआत करेंगे. इसके बाद राजस्व विभाग के अफसर राज्य में 11 जिलों के 1001 गांवों के एक लाख 57 हजार 244 ग्रामीणों को उनकी आवासीय संपत्ति के मालिकाना हक देने संबंधी ग्रामीण आवासीय अभिलेख/घरौनी प्रमाण पत्र मुहैया कराएंगे.
वर्चुअल करेंगे संबोधित
ग्रामीणों को घरौनी देने संबंधी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वर्चुअल माध्यम से ग्रामीणों से भी जुड़ेंगे. इसके पहले बीते 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार के पंचायती राज मंत्रालय की स्वामित्व योजना का वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ किया था. पीएम मोदी ने देश के जिन छह राज्यों के 763 गांवों के लोगों को प्रॉपर्टी कार्ड (घरौनी) का वितरण किया, उनमें सर्वाधिक 346 गांव उत्तर प्रदेश के थे. तब यूपी के 37 जिलों के इन गांवों के आबादी क्षेत्रों में रहने वाले 41,431 लोगों को उनकी आवासीय संपत्ति के दस्तावेज (ग्रामीण आवासीय अभिलेख/घरौनी) मुहैया कराए गए थे.
गांव के हर घर का अभिलेख होगा मुहैया
उसके बाद अब फिर ग्रामीणों को उनकी आवासीय संपत्ति के दस्तावेज मुहैया कराएं जा रहे हैं. स्वामित्वयोजना के अंतर्गत दिया जाने वाला ग्रामीण आवासीय अभिलेख/घरौनी केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना है. इसके तहत उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में गांवों का ड्रोन की मदद से डिजिटल मानचित्र तैयार किया जाएगा. डिजिटल मानचित्र के जरिए राज्य के करीब 82 हजार गांवों में ग्रामीण आवासीय अधिकार अभिलेख (घरौनी) तैयार होगा. घरौनी के माध्यम से हर गांव और गांव में बने हर घर का अभिलेख ग्रामीण प्राप्त कर सकेंगे.
प्रदेश के राजस्व सचिव संजय गोयल के अनुसार, अभी तक गामीणों का गांव में घर तो है, लेकिन उसका मालिकाना हक नहीं था. आजादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर तैयार की गई स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण आबादी में बने घरों के असली मालिकों को योगी सरकार उनका मालिकाना हक दे रही है. केंद्र सरकार की इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए प्रदेश के 75 जिलों में सर्वे शुरू है.
ड्रोन से हो रहा हो रहा है सर्वे
इसके तहत प्रत्येक जिले के 20-20 गांवों को चुना गया है. जहां सर्वे शुरू किया जा चुका है. सर्वे ऑफ इंडिया 40 ड्रोन के जरिए इन गांवों में वास्तविक ग्रामीण आबादी में मौजूदा सभी घरों, उनके क्षेत्रफल आदि का सर्वे कर रहा है. इस सर्वे के आधार पर गांवों में घरों के मालिकों की सूची तैयार कर घरौनी बनाई जा रही है. इसके बाद सभी खातेदारों की आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद अंतिम रूप से मालिकाना हक घोषित किया जाएगा. इसके अलावा ग्रामीण आबादी में मौजूद सभी घरों की नम्बरिंग की जाएगी. इसका सबसे बड़ा फायदा पट्टीदारों के बीच विवाद समाप्त होने के साथ ही घरों का मालिकाना हक मिलने से उन पर बैंक लोन आदि भी मिल सकेगा.
प्रत्येक घर का होगा जियो टैगिंग
यूपी में ग्यारह जिलों के 1001 गांवों में ड्रोन के जरिए सर्वे कर 1,57,244 ग्रामीणों के आवास की घरौनी तैयार हो गई है. शुक्रवार को इस ग्रामीणों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक सौंप दिया जाएगा. इसके अलावा बुंदेलखंड के कई जिलों में तथा राम नगरी अयोध्या के गांवों में ड्रोन की मदद से स्वामित्व सर्वे चल रहा है. ग्रामीण आबादी का जीपीएस ड्रोन की मदद से एरियल सर्वे किया जा रहा है. इसके तहत ग्रामीण आबादी में बने प्रत्येक घर की जियो टैगिंग की जा रही है. प्रत्येक घर का क्षेत्रफल भी दर्ज किया जा रहा. सर्वे का कार्य पूरा होने पर प्रत्येक घर को एक यूनिक आईडी पता दिया जाएगा. सर्वे के बाद घरौनी में प्रत्येक घर के कब्जेदार और खाते दारों के नाम दर्ज किए जाएंगे. फिर सभी खातेदारों से आपत्तियां मांगकर उनका निस्तारण करने के बाद घरों का मालिकाना हक स्वामित्व कार्ड (घरौनी) के रूप में प्रदान किया जाएगा.