लखनऊ: बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के फायर ब्रांड नेता और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चुनावी सभाओं में खूब डिमांड रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भाजपा में एक ऐसे नेता के रूप में उभर रहे हैं, जिनमें हिंदुत्व और विकास का संतुलन बराबर दिख रहा है. बिहार विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बाद उनकी सभाओं की डिमांड थी. हैदराबाद नगर निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं की भी चुनावी सभाएं लगाई गई हैं.
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हीरो वाजपेई कहते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की डिमांड इसलिए देशभर में है, क्योंकि उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में उत्तर प्रदेश में बहुत कुछ किया है. उनके पास बताने के लिए है कि भाजपा की सरकारों में किस तरह से विकास किया जाता है. यही वजह है कि उनकी डिमांड हर प्रदेश में है. इसके साथ ही गोरक्ष पीठाधीश्वर के रूप में उनके चाहने वाले देश भर में पहले से ही मौजूद हैं. स्वाभाविक है कि ऐसे नेता को हर प्रत्याशी बुलाना चाहेगा. सीएम योगी का स्ट्राइक रेट 70 फीसदी है.
योगी हिंदुत्व का बड़ा चेहरा
असदुद्दीन ओवैसी की कट्टर चेहरे के रूप में पहचान है. हैदराबाद में ओवैसी की अपनी अलग साख है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उनके गढ़ में जाना अपने आप में बहुत कुछ बयां करता है. राजनीतिक विश्लेषक पीएन द्विवेदी कहते हैं कि बिहार में ओवैसी की पार्टी की जीत बीजेपी को बेचैन करने वाली है. इसलिये भाजपा की ओवैसी को घेरने की रणनीति होगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हैदराबाद में चुनावी सभाएं लगाना इसी रणनीति का हिस्सा है. दूसरी ओर, अगर ओवैसी अल्पसंख्यकों के चेहरे हैं तो सीएम योगी हिंदुत्व के बड़े चेहरे हैं. ओवैसी के घर में योगी का भाषण उन्हें परेशान करेगा.