लखनऊ: 19 नवंबर से लखनऊ विश्वविद्यालय का शताब्दी उत्सव आरंभ हो गया है. गुरुवार को सुबह 11 बजे कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व विशिष्ट अतिथि उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने शिरकत की. सीएम ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इसके बाद स्टूडेंट्स ने लोक गीत 'शत शत नमन हमारा' सुनाकर अतिथियों का स्वागत किया. कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सभागार में कम ही लोगों को एंट्री दी गई. कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने यूनिवर्सिटी के 100 वर्ष के ऐतिहासिक यादों को साझा किया. उन्होंने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय के लिए 100 वर्ष पूरे करना गर्व की बात है.
डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि यूनिवर्सिटी को विकसित करने के लिए सरकार की ओर से कई सहयोग किए गए हैं. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से सभी को काफी अपेक्षाएं हैं. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के समय में बीएड परीक्षा कराना काफी चुनौती पूर्ण था, लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इसे सफलतापूर्वक कराया गया. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के आवास निर्माण, छात्रावास, डिपार्टमेंट समेत अन्य विभागों के लिए प्रदेश सरकार की ओर से धनराशि वितरित की गई है.
अध्यात्मिक क्लास भी जरूरी
डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए लखीमपुर, सीतापुर और रायबरेली समेत अन्य जिलों को जोड़ा गया है, जिससे इसकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके. जीवन में सफलता के लिए आध्यात्मिक क्लास भी जरूरी है. डिजिटल लाइब्रेरी में सबसे अधिक कंटेंट के रूप में लखनऊ विश्वविद्यालय का प्रथम स्थान रहा है. कोविड-19 की चुनौती में ऑनलाइन क्लासेस सफलतापूर्वक चल रही हैं. वैश्विक महामारी में विश्वविद्यालय ने काढ़ा व सैनिटाइजर बनाया. इस विश्वविद्यालय से सभी की महत्वपूर्ण यादें जुड़ी हुई है.
9वें विश्वविद्यालय ने पूरे किए 100 वर्ष
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने 45 मिनट के भाषण के दौरान कहा कि यह 9वां विश्वविद्यालय है, जो अपने 100 वर्ष पूरे करने जा रहा है. आने वाले समय में इस दिन को स्वर्णिम दिन के तौर पर याद किया जाएगा. वैश्विक महामारी कोरोना सबसे बड़ी चुनौती है तो दूसरी ओर पीएम के विजन के रूप में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति सामने आई है. कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए शैक्षिक क्षेत्र की उत्कृष्टा को बनाए रखने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय ने चुनौतियों के समय में भी तकनीकी का भरपूर इस्तेमाल किया है.
साल 2022 तक लागू हो जाएगी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय का अपना इतिहास ही अलग रहा है. यहां से उद्योगपति, प्रशासनिक अधिकारी, राजनेता, वैज्ञानिक, प्रोफेसर समेत अनेकों दिशाओं में लोगों ने मुकाम हासिल किया हैं. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति साल 2022 तक लागू हो जाएगी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जोड़कर नए कीर्तिमान स्थापित होंगे. उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थान से जन सरोकार दूर हो जाते हैं, जब समाज आगे और सरकार पीछे होगी तब ही हर देश आत्मनिर्भर बन सकता है.
पीएम मुद्रा योजना की छात्रों को जानकारी नहीं
सीएम ने कहा कि 2018 में एक जनपद एक उत्पाद कार्यक्रम शुरू हुआ. आज पूरे देश में यह योजना लागू कर दी गई है. वहीं वोकल फॉर लोकल का कांसेप्ट भी यहीं से शुरू हुआ. सीएम ने कहा कि पिछले दिनों उन्होंने 20 छात्रों को बुलाया था, जिनमें से 15 छात्रों ने कहा कि वह अपना स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं, लेकिन पूंजी नहीं है. इसके लिए क्या शासन की कोई स्कीम है. इसके बाद जानकारी हुई कि पीएम मुद्रा योजना की छात्रों को जानकारी ही नहीं है. ऐसी जानकारियां न होने के कारण छात्र वंचित हैं. अभी तक वोकल फ़ॉर लोकल निवेश के लिए वातावरण नहीं था, लेकिन अब अपार संभावनाएं हैं. इस योजना के तहत लोगों को जोड़कर आगे बढ़ाया जाए तो अन्य लोग भी प्रेरित होंगे. उन्होंने कहा कि तकनीकी के बिना कुछ आगे नहीं बढ़ सकता है. अगर तकनीकी नहीं होती तो कोविड-19 के दौरान उसका सामना करना मुमकिन नहीं होता.