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कोरोना काल में आर्थिक मजबूती के लिए योगी सरकार ने उठाए ये बड़े कदम - योगी सरकार की आर्थिक मजबूती

यूपी सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए कई कड़े कदम उठाए. साथ ही राजकोषीय घाटे को भी भरने का काम किया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी कर्मचारियों के भत्ते में कटौती की. वहीं विधायक और मंत्रियों के वेतन में भी 30 प्रतिशत की कटौती की.

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सीएम योगी की बैठक.
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Published : Jun 13, 2020, 10:23 AM IST

Updated : Jun 13, 2020, 12:37 PM IST

लखनऊः कोरोना वैश्विक महामारी का प्रकोप भारत में बढ़ता देख केंद्र की मोदी सरकार ने 25 मार्च से देश में लॉकडाउन घोषित किया. लॉकडाउन घोषित होने से उत्तर प्रदेश सरकार के आर्थिक स्रोत कमजोर पड़े. सरकार ने अपना खजाना समृद्ध करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए. सरकारी कर्मचारियों के भत्ते में कटौती की गई. शराब की कीमतों में इजाफा किया. वहीं अफसरों को बिजनेस क्लास के बजाय इकोनॉमी क्लास में हवाई यात्रा करने के निर्देश जारी किए गए. सरकार ने विधायक निधि समाप्त की. विधायक और मंत्रियों के वेतन में भी 30% की कटौती की गई.

भत्ते में की गई कटौती
कर्मचारियों को दिए जाने वाले भत्ते सरकार ने समाप्त किए हैं. ऐसे छह प्रकार के भत्ते हैं जिसे सरकार ने समाप्त किया. इसमें सरकार ने आदेश जारी कर नगर प्रतिकार, सचिवालय भत्ता, सिंचाई, पीडब्ल्यूडी के कर्मचारियों को मिलने वाले भत्ते, अवर अभियंताओं को मिलने वाले भत्तों को समाप्त किया है.

मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने दी जानकारी.

बिजनेस क्लास में यात्रा पर रोक
सरकार ने हवाई यात्रा में होने वाले खर्चों को कम करने की दृष्टि से भी कदम उठाए हैं. सरकार ने अफसरों को इकोनॉमी क्लास में चलने की बात कही. निर्देश जारी कर कहा गया कि अब आखिरी आदेश तक कोई बिजनेस क्लास में हवाई यात्रा नहीं करेगा.

आबकारी नीति में किया बदलाव
इसी प्रकार से योगी सरकार ने आबकारी नीति में बदलाव किया. उस पर अतिरिक्त टैक्स लगाकर कोरोना से लड़ने के लिए फंड एकत्र किया. देशी से लेकर विदेशी मदिरा के दाम बढ़ाए गए. पेट्रोल और डीजल के ऊपर टैक्स लगाया. मुख्यमंत्री ने साफ निर्देश दिए हैं कि अगर और भी कोई कदम उठाना होगा तो हम उस पर विचार कर निर्णय लेंगे.

बनाया कोविड-19 केयर फंड
योगी आदित्यनाथ सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए कोविड-19 केयर फंड की स्थापना की. धन जुटाने के लिए लोगों से सहयोग करने की अपील की गई. योगी सरकार ने सरकारी विभागों में नई भर्ती शुरू करने पर एक वर्ष तक के लिए रोक लगा दी है. पुरानी भर्ती प्रक्रिया को ही आगे बढ़ाया जा रहा है.

मुख्यमंत्री ने बनाई कमेटी
खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि स्वाभाविक है कि कोरोना के दौर में सरकार का रेवेन्यू कम होने वाला था. इसीलिए मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई. उसके अंदर हम लोगों ने जो कोरोना की दृष्टि में फिजूल खर्च हो सकते हैं, उसे कटौती के रूप में लिया. कई चीजों में कटौती की गई. वहीं कोविड-19 केयर फंड की स्थापना भी की गई.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: वृद्ध को लूट कर भाग रहे लुटेरे को पुलिस ने पकड़ा

लखनऊः कोरोना वैश्विक महामारी का प्रकोप भारत में बढ़ता देख केंद्र की मोदी सरकार ने 25 मार्च से देश में लॉकडाउन घोषित किया. लॉकडाउन घोषित होने से उत्तर प्रदेश सरकार के आर्थिक स्रोत कमजोर पड़े. सरकार ने अपना खजाना समृद्ध करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए. सरकारी कर्मचारियों के भत्ते में कटौती की गई. शराब की कीमतों में इजाफा किया. वहीं अफसरों को बिजनेस क्लास के बजाय इकोनॉमी क्लास में हवाई यात्रा करने के निर्देश जारी किए गए. सरकार ने विधायक निधि समाप्त की. विधायक और मंत्रियों के वेतन में भी 30% की कटौती की गई.

भत्ते में की गई कटौती
कर्मचारियों को दिए जाने वाले भत्ते सरकार ने समाप्त किए हैं. ऐसे छह प्रकार के भत्ते हैं जिसे सरकार ने समाप्त किया. इसमें सरकार ने आदेश जारी कर नगर प्रतिकार, सचिवालय भत्ता, सिंचाई, पीडब्ल्यूडी के कर्मचारियों को मिलने वाले भत्ते, अवर अभियंताओं को मिलने वाले भत्तों को समाप्त किया है.

मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने दी जानकारी.

बिजनेस क्लास में यात्रा पर रोक
सरकार ने हवाई यात्रा में होने वाले खर्चों को कम करने की दृष्टि से भी कदम उठाए हैं. सरकार ने अफसरों को इकोनॉमी क्लास में चलने की बात कही. निर्देश जारी कर कहा गया कि अब आखिरी आदेश तक कोई बिजनेस क्लास में हवाई यात्रा नहीं करेगा.

आबकारी नीति में किया बदलाव
इसी प्रकार से योगी सरकार ने आबकारी नीति में बदलाव किया. उस पर अतिरिक्त टैक्स लगाकर कोरोना से लड़ने के लिए फंड एकत्र किया. देशी से लेकर विदेशी मदिरा के दाम बढ़ाए गए. पेट्रोल और डीजल के ऊपर टैक्स लगाया. मुख्यमंत्री ने साफ निर्देश दिए हैं कि अगर और भी कोई कदम उठाना होगा तो हम उस पर विचार कर निर्णय लेंगे.

बनाया कोविड-19 केयर फंड
योगी आदित्यनाथ सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए कोविड-19 केयर फंड की स्थापना की. धन जुटाने के लिए लोगों से सहयोग करने की अपील की गई. योगी सरकार ने सरकारी विभागों में नई भर्ती शुरू करने पर एक वर्ष तक के लिए रोक लगा दी है. पुरानी भर्ती प्रक्रिया को ही आगे बढ़ाया जा रहा है.

मुख्यमंत्री ने बनाई कमेटी
खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि स्वाभाविक है कि कोरोना के दौर में सरकार का रेवेन्यू कम होने वाला था. इसीलिए मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई. उसके अंदर हम लोगों ने जो कोरोना की दृष्टि में फिजूल खर्च हो सकते हैं, उसे कटौती के रूप में लिया. कई चीजों में कटौती की गई. वहीं कोविड-19 केयर फंड की स्थापना भी की गई.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: वृद्ध को लूट कर भाग रहे लुटेरे को पुलिस ने पकड़ा

Last Updated : Jun 13, 2020, 12:37 PM IST
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