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सीएम योगी ने राजस्व मामलों में लापरवाही पर एक दर्जन District Magistrates से मांगा स्पष्टीकरण

राजस्व मामलों के निपटारे की समीक्षा मुख्यमंत्री के स्तर पर हर 15 दिन में की जा रही है. खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को कार्यप्रणाली में सुधार लाने की सख्त हिदायत दी गई है. इसी क्रम में बीते दिनों हुई समीक्षा बैठक में खराब प्रदर्शन करने वाले जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण (Clarification from District Magistrates) तलब किया गया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 3, 2023, 5:46 PM IST

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से राजस्व मामलों को लेकर लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है. अब इसमें खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है. प्रदेश के विभिन्न जनपदों के 12 जिलों के डीएम, सहित विभिन्न तहसीलों के एसडीएम और तहसीलदारों के खिलाफ योगी सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. बीते 31 अक्टूबर को की गई राजस्व परिषद की उच्च स्तरीय समीक्षा में कुल राजस्व वादों, पैमाइश, नामांतरण और कुर्रा-बंटवारा के निस्तारण में खराब प्रदर्शन करने वाले जनपदों के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण, उपजिलाधिकारियों को चेतावनी और तहसीलदारों को प्रतिकूल प्रविष्टि थमाई गई है.

इन जिलों में बरती गई लापरवाही.
इन जिलों में बरती गई लापरवाही.


हर 15 दिन पर हो रही उच्चस्तरीय समीक्षा : अपर मुख्य सचिव राजस्व परिषद सुधीर गर्ग ने बताया कि प्रदेश में राजस्व मामलों के शीघ्रातिशीघ्र निस्तारण पर मुख्यमंत्री का विशेष जोर है. राजस्व विवादों के चलते कई बार कानून-व्यवस्था के लिए चुनौतियां उत्पन्न होती हैं. ऐसे में प्रदेश के 2941 राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों के त्वरित और समयबद्ध निस्तारण करने के लिए दो माह का विशेष अभियान चलाए जाने के निर्देश मुख्यमंत्री की ओर से दिए गए हैं.

इन जिलों और तहसीलों के अधिकारियों पर हुई कार्रवाई : कुल राजस्व मामलों के निस्तारण में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले जनपदों में प्रतापगढ़, जौनपुर, संत रविदास नगर, अयोध्या और रायबरेली के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. इसके अलावा पैमाइश के मामलों में खराब प्रदर्शन वाली पांच तहसीलों सफीपुर (उन्नाव), लोनी (गाजियाबाद), कोरांव (प्रयागराज), नकुड़ (सहारनपुर) और फतेहाबाद (आगरा) के उपजिलाधिकारियों को चेतावनी जारी की गई है. खराब प्रदर्शन करने वाले जनपदों मेरठ, संत रविदास नगर, प्रयागराज, शाहजहांपुर और आगरा के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है.

यह भी पढ़ें : जनसुनवाई में लापरवाही करने वाले अफसरों के खिलाफ सीएम योगी का एक्शन, नोटिस जारी

अवैध टावर मामला: SIT की जांच रिपोर्ट के बाद सीएम ने की कार्रवाई

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से राजस्व मामलों को लेकर लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है. अब इसमें खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है. प्रदेश के विभिन्न जनपदों के 12 जिलों के डीएम, सहित विभिन्न तहसीलों के एसडीएम और तहसीलदारों के खिलाफ योगी सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. बीते 31 अक्टूबर को की गई राजस्व परिषद की उच्च स्तरीय समीक्षा में कुल राजस्व वादों, पैमाइश, नामांतरण और कुर्रा-बंटवारा के निस्तारण में खराब प्रदर्शन करने वाले जनपदों के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण, उपजिलाधिकारियों को चेतावनी और तहसीलदारों को प्रतिकूल प्रविष्टि थमाई गई है.

इन जिलों में बरती गई लापरवाही.
इन जिलों में बरती गई लापरवाही.


हर 15 दिन पर हो रही उच्चस्तरीय समीक्षा : अपर मुख्य सचिव राजस्व परिषद सुधीर गर्ग ने बताया कि प्रदेश में राजस्व मामलों के शीघ्रातिशीघ्र निस्तारण पर मुख्यमंत्री का विशेष जोर है. राजस्व विवादों के चलते कई बार कानून-व्यवस्था के लिए चुनौतियां उत्पन्न होती हैं. ऐसे में प्रदेश के 2941 राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों के त्वरित और समयबद्ध निस्तारण करने के लिए दो माह का विशेष अभियान चलाए जाने के निर्देश मुख्यमंत्री की ओर से दिए गए हैं.

इन जिलों और तहसीलों के अधिकारियों पर हुई कार्रवाई : कुल राजस्व मामलों के निस्तारण में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले जनपदों में प्रतापगढ़, जौनपुर, संत रविदास नगर, अयोध्या और रायबरेली के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. इसके अलावा पैमाइश के मामलों में खराब प्रदर्शन वाली पांच तहसीलों सफीपुर (उन्नाव), लोनी (गाजियाबाद), कोरांव (प्रयागराज), नकुड़ (सहारनपुर) और फतेहाबाद (आगरा) के उपजिलाधिकारियों को चेतावनी जारी की गई है. खराब प्रदर्शन करने वाले जनपदों मेरठ, संत रविदास नगर, प्रयागराज, शाहजहांपुर और आगरा के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है.

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