लखनऊ: दक्षता के हिसाब से श्रमिकों को रोजगार देने के लिए सीएम योगी ने शुक्रवार को सरकारी आवास पर औद्योगिक एसोसिएशन के साथ बैठक की. दूसरे राज्यों से लौटे श्रमिकों के रोजगार के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए. इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, फिक्की, लघु उद्योग भारती, नरडेको और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच हुए इस करार में 11 लाख कामगारों और श्रमिकों को रोजगार मिलेगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा है कि प्रदेश में बाहर से वापस आ रहे श्रमिकों और कामगारों को उनकी दक्षता के अनुसार स्थानीय स्तर पर रोजगार देना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. इस संबंध में स्किल डेवलपमेंट व राजस्व विभाग द्वारा बाहर से आने वाले श्रमिक की स्किल मैपिंग हो रही है. कामगारों को प्रदेश में रोजगार देने के लिए लघु उद्योग सबसे बड़ा साधन है. सरकार सबको उनकी दक्षता के अनुसार रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध है. अब तक करीब 18 लाख श्रमिकों की स्किल मैपिंग हो चुकी है. बाकी श्रमिकों की सुरक्षित और सम्मानजनक वापसी भी हमारी प्रतिबद्धता है.
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जिस मजबूती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर आप सभी ने कार्य किया, उसके लिए मैं हृदय से आपको धन्यवाद देता हूं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में रहने वाले या बाहर से आने वाले हमारे जितने भी श्रमिक हैं, उनको रोजगार देने का हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं. जितने भी कामगार व श्रमिक आ रहे हैं. वह हमारी ताकत और पूंजी हैं. अब हम इनका इस्तेमाल नए उत्तर प्रदेश के निर्माण के लिए करेंगे. यह कार्य शुरू भी हो चुका है. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अपने श्रमिकों को हुनर के हिसाब से रोजगार मुहैया कराने के लिए निरंतर कार्य कर रही है. इसी क्रम में सरकार की तरफ से यह कदम उठाया गया है.