लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए नीतिगत प्रयास करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि भविष्य की जरूरतों को देखते हुए यह जरूरी है कि परंपरागत ईंधन जैसे डीजल, पेट्रोल चलित वाहनों के स्थान पर इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित किया जाए. ऐसे में प्रदेश सरकार राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण करने वाली कम्पनियों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगी. प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना के लिए विभिन्न अंतरराष्ट्रीय ऑटोमोबाइल कंपनियों की ओर से प्रस्ताव मिले हैं. यह प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने वाला होगा.
गुरुवार को लोकभवन में अवस्थापना एवं औद्योगिक विभाग विकास विभाग द्वारा प्रस्तुत ईवीएम सम्बन्धी प्रस्तुतीकरण को देखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में इकाइयों के लिए अनुसंधान एवं विकास, परीक्षण तथा प्रमाणन के लिए यथाशीघ्र एक 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' की स्थापना की जाए. इस कार्य में यथासंभव औद्योगिक संगठनों की सहायता भी ली जानी चाहिए.
रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क में भी छूट की तैयारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के लैंड-लॉक्ड होने के दृष्टिगत ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को प्लांट साइट से पोर्ट तक माल पहुंचाने के लिए परिवहन लागत को युक्तिसंगत बनाने की भी जरूरत बताई. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रस्तावित बल्क ड्रग/मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए जिस तरह प्रोत्साहन दिया है, उसी तरह इलेक्ट्रिक वाहनों के सम्बंध में भी लिया जाना चाहिए. यही नहीं, इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग के लिए लोगों को जागरूक और प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सीएम योगी ने रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क में भी छूट देने पर विचार करने की बात कही है.
'मेगा निवेश को दें प्रोत्साहन'
उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरिंग (ईवीएम) नीति- 2019 में प्रस्तावित संशोधनों पर उच्चाधिकारियों के साथ विमर्श करते हुए सीएम योगी ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र के नवोदित सेक्टर होने के दृष्टिगत यह जरूरी है कि इस नीति का उदारीकरण करके मेगा निवेश को प्रोत्साहित किया जाए. इससे सहायक इकाइयों को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही यह भी कहा कि निजी इलेक्ट्रिक वाहन पार्कों को राज्य के निजी औद्योगिक पार्क योजनान्तर्गत लाभ दिया जाना चाहिए. उन्होंने चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल को तार्किक रखने के भी निर्देश दिए. सीएम योगी ने ईवी उद्योगों को प्रदेश में स्थापना पर एसजीएसटी प्रतिपूर्ति के वर्तमान नियमों के स्थान पर पूंजीगत उपादान दिए जाने की नीति की जरूरत बताई. उन्होंने कहा कि एमएसएमई, वृहद, एंकर और मेगा एंकर इकाइयों को अलग-अलग दर पर पूंजीगत उपादान दिया जा सकता है. यह उद्योगों को विकास के लिए भी प्रोत्साहन होगा.
'ई-रिक्शा की खरीद के लिए सरकार देगी प्रोत्साहन'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शहरों में प्रदूषण का कारक बन रहे डीजल टेम्पो/ऑटो और पैडल रिक्शा के स्थान पर ई-रिक्शा को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है. उन्होंने निर्देश दिए कि रिक्शा, डीजल, ऑटो चालकों को ई-रिक्शा खरीद के लिए स्वरोजगार से सम्बंधित केंद्र अथवा राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत ऋण उपलब्ध कराया जाए. यही नहीं, मुख्यमंत्री ने ई-रिक्शा चालकों को ट्रैफिक नियमों के पालन, वाहन चलाने के प्रशिक्षण और रूट तय करने जैसे प्रयासों पर भी बल दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों की तादात जल्द ही बढ़ेगी. ऐसे में आमजन की सुविधा को देखते हुए पर्याप्त चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना की जाए. चार्जिंग स्टेशन पार्किंग क्षेत्रों में भी हों. साथ ही, पेट्रोल पंपों पर भी चार्जिंग स्टेशन की स्थापना के लिए प्रोत्साहित किया जाए.