लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्राविधिक शिक्षा के छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देकर उन्हें प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार किया जाए. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ही छात्र-छात्राओं को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराते हुए उनका भविष्य उज्ज्वल बनाती है. उन्होंने सभी पाॅलीटेक्निक में एम.एस.एम.ई.सेक्टर की आवश्यकताओं के अनुरूप डिजाइन करने के निर्देश देते हुए कहा कि इससे विद्यार्थियों को रोजगार मिलने में आसानी होगी.
मुख्यमंत्री शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर प्राविधिक शिक्षा निदेशालय के नियंत्रणाधीन संस्थाओं में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों के शैक्षिक सत्र 2020-21 के लिए प्रवेश क्षमता के निर्धारण एवं सीटों और कोर्सेज में परिवर्तन के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण का अवलोकन कर रहे थे.
'गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है सरकार'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सभी विद्यार्थियों को हर स्तर पर गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है. सभी शिक्षण संस्थाओं में गुणवत्तापरक और रोजगारोन्मुखी शिक्षा उपलब्ध कराई जाए. पाॅलीटेक्निक और फार्मेसी डिप्लोमा प्रदान करने वाली संस्थाओं सहित प्रदेश में कार्यरत सभी निजी प्राविधिक शिक्षा संस्थाओं में आवश्यक फैकल्टी और अवस्थापना सुविधाओं की उपलब्धता तथा अन्य निर्धारित मानकों के सत्यापन के लिए एक अभियान चलाया जाए.
'छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं'
मुख्यमंत्री ने इन संस्थाओं के शिक्षण स्टाॅफ इत्यादि सहित अन्य मानकों के सम्बन्ध में सूचनाएं ऑनलाइन करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि यदि निजी प्राविधिक शिक्षण संस्थाएं निर्धारित मानक पूरी नहीं करती हैं तो उनके खिलाफ फाइन लगाते हुए कार्रवाई की जाए. किसी को भी छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा.
'शिक्षा की गुणवत्ता पर दें ध्यान'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं में पुस्तकालय, प्रयोगशालाओं सहित अन्य निर्धारित मानकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. दक्ष फैकल्टी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए. उन्होंने सभी राजकीय पाॅलीटेक्निक में मौजूद रिक्तियों को शीघ्र भरने के भी निर्देश दिए. उन्होंने ऐसे सभी पाॅलिटेक्निक, जहां प्रिंसिपल का पद रिक्त है, में पूर्णकालिक प्रिंसिपल तैनात करने के निर्देश दिए.
'ऑनलाइन उपलब्ध हो सभी सुविधाएं'
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो व्यक्ति अपनी निजी प्राविधिक शिक्षण संस्था निर्धारित मानकों के अनुरूप स्थापित करना चाहते हैं, उनका सत्यापन करते हुए उन्हें तुरन्त मान्यता दी जाए. उन्होंने निजी शिक्षण संस्थाओं से निर्धारित मानकों के सम्बन्ध में सेल्फ डिक्लेरेशन लेने के भी निर्देश दिए. सभी सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएं. अच्छी शिक्षण संस्थाओं की स्थापना से रोजगार की सम्भावनाएं खुल जाती हैं.
मुख्यमंत्री को दी गई जानकारी
मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुतीकरण करते हुए अपर मुख्य सचिव, प्राविधिक शिक्षा, एस.राधा चौहान ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 147 राजकीय, 19 अनुदानित तथा 1203 निजी पाॅलीटेक्निक संचालित किए जा रहे हैं. इसी प्रकार 3 राजकीय, 2 अनुदानित और 866 निजी संस्थाओं द्वारा प्रदेश में फार्मेसी डिप्लोमा प्रदान किया जा रहा है. अपर मुख्य सचिव प्राविधिक शिक्षा द्वारा मुख्यमंत्री को शैक्षिक सत्र 2020-21 में इन प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं की निर्धारित प्रवेश क्षमता, प्रवेश की स्थिति, ए.आई.सी.टी.ई.द्वारा इंजीनियरिंग ब्रांच की सीटों में परिवर्तन, पीसीआईj द्वारा फार्मेसी की ई.डब्ल्यू.एस.की सीटों में परिवर्तन, डिप्लोमा सेक्टर में शिक्षण व्यवस्था को सुदृढ़ करने पारदर्शिता के दृष्टिगत नवीनतम तकनीक को अपनाकर किए गए व्यवस्थात्मक परिवर्तनों के सम्बन्ध में विस्तार से अवगत कराया गया.
कई अधिकारी रहे मौजूद
प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री को डाॅ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ के तहत नवीन फार्मेसी संस्थान खोले जाने के लिए पी.सी.आई.द्वारा अनुमति प्रदान करने के सम्बन्ध में भी अवगत कराया. प्रस्तुतीकरण के अवसर पर प्राविधिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह, सचिव, मुख्यमंत्री आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.