लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने मंगलवार को टीम-9 की बैठक में अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. बैठक में सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि 17 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र (Assembly Session) से पहले सभी विधायकों और विधान सभा सचिवालय के समस्त कर्मचारियों की कोविड-19 की जांच कराना सुनिश्चित करें. सीएम ने कहा कि प्रभावी रणनीति और निरंतर प्रयासों से प्रदेश में कोविड संक्रमण नियंत्रित स्थिति में है, लेकिन अभी समाप्त नहीं हुआ है. इसलिए संक्रमण से बचाव के संबंध में थोड़ी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है. सीएम ने अधिकारियों को कोरोना प्रोटोकाॅल का पूर्णतया पालन सुनिश्चित किये जाने और कोविड-19 से बचाव और उपचार की व्यवस्था को प्रभावी रूप से जारी रखने के निर्देश दिए.
बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि विगत दिवस लखनऊ में 11 कोरोना संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई है. इनमें मलिहाबाद क्षेत्र से चार लोग एक ही परिवार के सदस्य हैं. इनके सम्पर्क में आए लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कराई गई, जिनमें कोई भी व्यक्ति संक्रमित नहीं पाया गया. लखनऊ में केरल से लौटे चार अन्य लोग भी कोरोना पाॅजिटिव पाए गए हैं. मुख्यमंत्री ने इन सभी के सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग कराए जाने के निर्देश दिए. उन्होंने कोरोना के प्रति अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलाधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि कोविड और नाॅन कोविड मरीजों की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने में कोई कठिनाई न हो.
इसे भी पढ़ें-राम मंदिर निर्माण भूमि पूजन के 1 साल: 5 अगस्त को रामलला के दरबार में हाजिरी लगाएंगे सीएम योगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से प्रदेश में चार पुलिस कमिश्नरेट का गठन किया गया है. इनके बेहतर परिणाम मिल रहे हैं. इस व्यवस्था से कानून-व्यवस्था में हुए सुधार का आंकलन करने के लिए उन्होंने अपर मुख्य सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक को सभी चार पुलिस कमिश्नरेट के कार्यों की समीक्षा करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि खाद्य वस्तुओं के स्टाॅकिस्ट निर्धारित सीमा तक ही वस्तुओं को संग्रहित करें. यदि तय सीमा से अधिक खाद्य वस्तुओं का संग्रहण किया जाता है तो ऐसे जमाखोरों के खिलाफ अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि गो-आश्रय स्थलों को सुचारु एवं व्यवस्थित ढंग से संचालित किया जाए. प्रत्येक गोआश्रय स्थल की एक पशु चिकित्सा अधिकारी व एक राजस्व अधिकारी द्वारा नियमित माॅनिटरिंग की जाए.