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कोरोना की आड़ में UP के अस्पतालों में अंग तस्करी, योगी ने दिए जांच के आदेश

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीते दिनों अंग तस्करी का एक मामला सामने आया था, जिसे ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया था. यहां के दो अस्पतालों पर कोरोना मरीजों से पैसा लेने और मौत के बाद उनके अंग निकालने के गंभीर आरोप लगे थे. अब इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लेकर जांच के आदेश दिए हैं.

organ trafficking in hospitals of lucknow
इंटीग्रल अस्पताल एवं एरा मेडिकल कॉलेज पर मानव अंगों की तस्करी का गंभीर आरोप.
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Published : Nov 25, 2020, 7:40 PM IST

Updated : Nov 25, 2020, 8:18 PM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के नामी प्राइवेट अस्पताल और एक मेडिकल कॉलेज पर मानव अंगों की तस्करी के गंभीर आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं. बताते चलें कि पिछले महीने की 23 अक्टूबर को मोहनलालगंज के भाजपा सांसद कौशल किशोर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इंटीग्रल अस्पताल और एरा मेडिकल कॉलेज पर मानव अंगों की तस्करी का गंभीर आरोप लगाया था. सांसद ने इस मामले में मुख्यमंत्री के अलावा पुलिस कमिश्नर को भी पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि इस प्रकरण की जांच कराकर अभियोग पंजीकृत किया जाए. इस खबर को 23 अक्टूबर को 'लखनऊः कोविड अस्पताल में शव को भी नहीं बख्शा, सांसद ने लिखा पत्र' शीर्षक से ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था.

organ trafficking in hospitals of lucknow
प्रकाशित खबर.

सांसद कौशल किशोर ने पत्र लिखकर लगाए थे आरोप
पत्र में सांसद ने एक शिकायतकर्ता के हवाले से संदेह जताया था कि इन अस्पतालों में मृत मरीजों को कोरोना पॉजिटिव बताकर मानव अंगों की तस्करी की जा रही है. उन्होंने लिखा था कि संक्रमित बताकर मरीज के शरीर से अंग निकालकर मानव अंगों की तस्करी का खेल चल रहा है. सांसद के अनुसार, लखनऊ के चिनहट कोतवाली थाना क्षेत्र के पक्का तालाब निवासी शिव प्रकाश पांडेय ने उन्हे अवगत कराया था कि कुर्सी रोड स्थित इंटीग्रल हॉस्पिटल एवं हरदोई रोड-दुबग्गा स्थित एरा मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान साजिशन उनके पुत्र आदर्श कमल पांडेय को जानबूझकर मार डाला गया है. उन्हे संदेह है कि इन अस्पतालों में भर्ती मरीजों को कोरोना पॉजिटिव मरीज घोषित कर उनका मृत शरीर परिवार को न देकर उसके अंग निकालकर मानव अंगों की तस्करी का घृणित खेल खेला जा रहा है.

organ trafficking in hospitals of lucknow
मुख्यमंत्री को लिखा गया सांसद का पत्र.

ये था मामला
चिनहट के पक्का तालाब निवासी शिव प्रकाश पांडे के बेटे आदर्श कमल पांडे को सर्दी और बुखार हुआ. आदर्श ने लोहिया संस्थान में कोरोना की जांच कराई. रिपोर्ट पॉजिटिव होने पर होम आइसोलेशन में घर पर रहे. तबीयत बिगड़ने पर शिव प्रकाश पांडे ने अपने बेटे को कुर्सी रोड स्थित इंटीग्रल अस्पताल में भर्ती कराया. शिव प्रकाश पांडे का आरोप है कि बेटे को इंटीग्रल अस्पताल में इलाज नहीं मिला और वहां पर उसका काफी उत्पीड़न हुआ. शिव प्रकाश पांडे ने बताया कि उनके बेटे को इलाज के दौरान इंटीग्रल अस्पताल में ऐसी दवाई दी गई, जिससे उनके बेटे की हालत और बिगड़ गई. इसके बाद उन्होंने सीएमओ व डीएम से आग्रह करके अपने बेटे को एरा अस्पताल में भर्ती कराया और वहां भी उसे सही इलाज नहीं मिला, जिसके बाद उसके बेटे की मौत हो गई. मृतक के पिता ने विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक को भी पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया था.

organ trafficking in hospitals of lucknow
प्रार्थी के द्वारा कानून मंत्री को लिखा गया पत्र.
organ trafficking in hospitals of lucknow
प्रार्थी के द्वारा कानून मंत्री को लिखा गया पत्र.

'जानबूझकर बेटे को मारा गया'
शिव प्रकाश पांडे का कहना है कि उनके बेटे को जानबूझकर मारा गया. इस पूरे मामले पर पिता के पत्र को आधार मानते हुए मोहनलालगंज से सांसद कौशल किशोर ने मुख्यमंत्री, पुलिस आयुक्त, जिलाधिकारी एवं चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखकर मामले की जांच करने की मांग की थी. मृतक के पिता ने कहा कि मुख्यमंत्री पर विश्वास है. मामले की जांच के आदेश हुए, इस बात की खुशी है.

खबर का हुआ असर.

'जो भी दोषी होंगे, उनको बख्शा नहीं जाएगा'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा मामले पर जांच के आदेश के बाद जब हमने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. डीएस नेगी से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री के द्वारा जांच के आदेश दे दिए गए हैं. इसके बाद इस पूरे मामले पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जांच की जाएगी और जो भी दोषी होंगे, उनको बख्शा नहीं जाएगा.

'मुझे यहां से निकाल लो नहीं तो यह लोग मुझे मार डालेंगे'
मृतक आदर्श पांडेय की बहन युक्ता पांडेय ने कहा कि इलाज के दौरान उसके भाई की हत्या कर दी गई. उसने इस संदर्भ में लखनऊ के डीएम, सीएमओ और उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य राज्य मंत्री अतुल गर्ग से संपर्क भी किया, लेकिन कहीं से मदद नहीं मिली. युक्ता ने कहा कि उसके भाई ने उससे वाट्सएप चैट कर 21 सितंबर को कहा था, 'मैं ठीक हो चुका है, मुझे यहां से निकाल लो नहीं तो यह लोग मुझे मार डालेंगे और मेरी किडनी निकाल लेंगे.' इसी संदर्भ ने आदर्श ने एक वीडियो भी जारी किया था.

अस्पतालों में कोरोना की आड़ में हो रहा अंग तस्करी का खेल.

'डेड़ महीने तक नहीं लिखी गई एफआईआर'
मुख्यमंत्री द्वारा मामले में जांच के आदेश दिए जाने के बाद मृतक आदर्श पांडेय की बहन ने कहा है कि हम लोगों ने चिनहट और गुडंबा थाने के तमाम चक्कर लगाए, लेकिन डेढ़ महीने तक एफआईआर नहीं लिखी गई. एफआईआर लिखाने के लिए बड़े अफसरों के चक्कर काटे. आरोप है कि इंस्पेक्टर गुडंबा ने कहा था कि बड़े संस्थानों पर उंगली उठाना मतलब बैर लेने जैसा है.

सम्बन्धित खबर का लिंक: लखनऊः कोविड अस्पताल में शव को भी नहीं बख्शा, सांसद ने लिखा पत्र

बहन बोली-अब मिलेगा न्याय
युक्ता पांडे ने बताया कि भाई की मौत पर मुझे दुख जरूर है, लेकिन दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए. उसके भाई के साथ दोनों ही अस्पतालों के द्वारा अन्याय किया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा मामले में संज्ञान लेने पर अब न्याय की उम्मीद जगी है.

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के नामी प्राइवेट अस्पताल और एक मेडिकल कॉलेज पर मानव अंगों की तस्करी के गंभीर आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं. बताते चलें कि पिछले महीने की 23 अक्टूबर को मोहनलालगंज के भाजपा सांसद कौशल किशोर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इंटीग्रल अस्पताल और एरा मेडिकल कॉलेज पर मानव अंगों की तस्करी का गंभीर आरोप लगाया था. सांसद ने इस मामले में मुख्यमंत्री के अलावा पुलिस कमिश्नर को भी पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि इस प्रकरण की जांच कराकर अभियोग पंजीकृत किया जाए. इस खबर को 23 अक्टूबर को 'लखनऊः कोविड अस्पताल में शव को भी नहीं बख्शा, सांसद ने लिखा पत्र' शीर्षक से ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था.

organ trafficking in hospitals of lucknow
प्रकाशित खबर.

सांसद कौशल किशोर ने पत्र लिखकर लगाए थे आरोप
पत्र में सांसद ने एक शिकायतकर्ता के हवाले से संदेह जताया था कि इन अस्पतालों में मृत मरीजों को कोरोना पॉजिटिव बताकर मानव अंगों की तस्करी की जा रही है. उन्होंने लिखा था कि संक्रमित बताकर मरीज के शरीर से अंग निकालकर मानव अंगों की तस्करी का खेल चल रहा है. सांसद के अनुसार, लखनऊ के चिनहट कोतवाली थाना क्षेत्र के पक्का तालाब निवासी शिव प्रकाश पांडेय ने उन्हे अवगत कराया था कि कुर्सी रोड स्थित इंटीग्रल हॉस्पिटल एवं हरदोई रोड-दुबग्गा स्थित एरा मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान साजिशन उनके पुत्र आदर्श कमल पांडेय को जानबूझकर मार डाला गया है. उन्हे संदेह है कि इन अस्पतालों में भर्ती मरीजों को कोरोना पॉजिटिव मरीज घोषित कर उनका मृत शरीर परिवार को न देकर उसके अंग निकालकर मानव अंगों की तस्करी का घृणित खेल खेला जा रहा है.

organ trafficking in hospitals of lucknow
मुख्यमंत्री को लिखा गया सांसद का पत्र.

ये था मामला
चिनहट के पक्का तालाब निवासी शिव प्रकाश पांडे के बेटे आदर्श कमल पांडे को सर्दी और बुखार हुआ. आदर्श ने लोहिया संस्थान में कोरोना की जांच कराई. रिपोर्ट पॉजिटिव होने पर होम आइसोलेशन में घर पर रहे. तबीयत बिगड़ने पर शिव प्रकाश पांडे ने अपने बेटे को कुर्सी रोड स्थित इंटीग्रल अस्पताल में भर्ती कराया. शिव प्रकाश पांडे का आरोप है कि बेटे को इंटीग्रल अस्पताल में इलाज नहीं मिला और वहां पर उसका काफी उत्पीड़न हुआ. शिव प्रकाश पांडे ने बताया कि उनके बेटे को इलाज के दौरान इंटीग्रल अस्पताल में ऐसी दवाई दी गई, जिससे उनके बेटे की हालत और बिगड़ गई. इसके बाद उन्होंने सीएमओ व डीएम से आग्रह करके अपने बेटे को एरा अस्पताल में भर्ती कराया और वहां भी उसे सही इलाज नहीं मिला, जिसके बाद उसके बेटे की मौत हो गई. मृतक के पिता ने विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक को भी पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया था.

organ trafficking in hospitals of lucknow
प्रार्थी के द्वारा कानून मंत्री को लिखा गया पत्र.
organ trafficking in hospitals of lucknow
प्रार्थी के द्वारा कानून मंत्री को लिखा गया पत्र.

'जानबूझकर बेटे को मारा गया'
शिव प्रकाश पांडे का कहना है कि उनके बेटे को जानबूझकर मारा गया. इस पूरे मामले पर पिता के पत्र को आधार मानते हुए मोहनलालगंज से सांसद कौशल किशोर ने मुख्यमंत्री, पुलिस आयुक्त, जिलाधिकारी एवं चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखकर मामले की जांच करने की मांग की थी. मृतक के पिता ने कहा कि मुख्यमंत्री पर विश्वास है. मामले की जांच के आदेश हुए, इस बात की खुशी है.

खबर का हुआ असर.

'जो भी दोषी होंगे, उनको बख्शा नहीं जाएगा'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा मामले पर जांच के आदेश के बाद जब हमने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. डीएस नेगी से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री के द्वारा जांच के आदेश दे दिए गए हैं. इसके बाद इस पूरे मामले पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जांच की जाएगी और जो भी दोषी होंगे, उनको बख्शा नहीं जाएगा.

'मुझे यहां से निकाल लो नहीं तो यह लोग मुझे मार डालेंगे'
मृतक आदर्श पांडेय की बहन युक्ता पांडेय ने कहा कि इलाज के दौरान उसके भाई की हत्या कर दी गई. उसने इस संदर्भ में लखनऊ के डीएम, सीएमओ और उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य राज्य मंत्री अतुल गर्ग से संपर्क भी किया, लेकिन कहीं से मदद नहीं मिली. युक्ता ने कहा कि उसके भाई ने उससे वाट्सएप चैट कर 21 सितंबर को कहा था, 'मैं ठीक हो चुका है, मुझे यहां से निकाल लो नहीं तो यह लोग मुझे मार डालेंगे और मेरी किडनी निकाल लेंगे.' इसी संदर्भ ने आदर्श ने एक वीडियो भी जारी किया था.

अस्पतालों में कोरोना की आड़ में हो रहा अंग तस्करी का खेल.

'डेड़ महीने तक नहीं लिखी गई एफआईआर'
मुख्यमंत्री द्वारा मामले में जांच के आदेश दिए जाने के बाद मृतक आदर्श पांडेय की बहन ने कहा है कि हम लोगों ने चिनहट और गुडंबा थाने के तमाम चक्कर लगाए, लेकिन डेढ़ महीने तक एफआईआर नहीं लिखी गई. एफआईआर लिखाने के लिए बड़े अफसरों के चक्कर काटे. आरोप है कि इंस्पेक्टर गुडंबा ने कहा था कि बड़े संस्थानों पर उंगली उठाना मतलब बैर लेने जैसा है.

सम्बन्धित खबर का लिंक: लखनऊः कोविड अस्पताल में शव को भी नहीं बख्शा, सांसद ने लिखा पत्र

बहन बोली-अब मिलेगा न्याय
युक्ता पांडे ने बताया कि भाई की मौत पर मुझे दुख जरूर है, लेकिन दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए. उसके भाई के साथ दोनों ही अस्पतालों के द्वारा अन्याय किया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा मामले में संज्ञान लेने पर अब न्याय की उम्मीद जगी है.

Last Updated : Nov 25, 2020, 8:18 PM IST
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