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यूक्रेन से वतन वापसी करने वाले छात्रों से सीएम योगी ने की मुलाकात, छात्रों ने कही ये बड़ी बात

यूक्रेन से वतन वापसी करने वाले छात्रों से सीएम योगी ने मुख्यमंत्री आवास पर मुलाकातस की. छात्रों ने योगी और मोदी का आभार जताया. कहा जैसा प्रयास हमारे देश की सरकार कर रही है, उसने दूसरे देश के छात्रों को भी मोदी सरकार का कायल बना दिया है.

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छात्रों से सीएम योगी ने की मुलाकात
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Published : Mar 6, 2022, 4:37 PM IST

लखनऊ. मुख्यमंत्री आवास पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूक्रेन से वापस लौटे छात्रों से मुलाकात की. इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा भी मौजूद रहे. यूपी के छात्रों ने सीएम योगी को आभार करते हुए कहा कि भारत सरकार जैसा प्रयास परदेश में युद्ध के बीच से अपने लोगों को निकालने का प्रयास कर रही है, उसने दूसरे देशों के छात्रों को भी मोदी सरकार का कायल बना दिया है.

छात्रों से सीएम योगी ने की मुलाकात
छात्रों से सीएम योगी ने की मुलाकात

रविवार को मुख्यमंत्री आवास पर सीएम योगी आदित्यनाथ से भेंट करते हुए छात्रों ने कहा कि देश से 6000 किलोमीटर दूर परदेश में युद्ध के बीच अपने लोगों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार जैसा प्रयास कर रही है. उसने दूसरे देशों के साथी छात्रों को भी मोदी सरकार का कायल बना दिया है. रोमानिया और हंगरी के बॉर्डर तो केवल भारतीयों के लिए खुल रहे हैं. वहां समझ आया कि "मोदी है तो मुमकिन है".

वहीं, मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi Aditya Nath) ने 'ऑपरेशन गंगा' की सफलता को ऐतिहासिक करार देते हुए यूक्रेन-रूस युद्ध (Ukraine-Russia War) के बहाने देश में राजनीति कर रहे लोगों की निंदा की. सीएम ने कहा है कि ऐसे समय में जबकि हमारे बच्चों की सकुशक वापसी पूरे देश की शीर्ष प्राथमिकता है, तब भी कुछ लोग गंदी राजनीति से बाज नहीं आ रहे हैं. यह लोग नहीं चाहते कि हमारे बच्चों की सुरक्षित वापसी हो. अभिभावकों से सीएम ने धैर्य बनाये रखने की अपील की.

युद्धग्रस्त यूक्रेन से लौटे बच्चों ने सीएम योगी को बताया कि बॉर्डर पार करते समय अन्य देश के बच्चें भी साथ थे. जब उन्हें पता चला कि भारत सरकार ने हमारी वापसी के लिए पूरा इंतज़ाम किया है. हमें कोई खर्च नहीं करना होगा तो विदेशी छात्रों ने कहा कि गर्व करो कि तुम उस देश के हो जहां की सरकार तुम्हारे बारे में इतना सोचती है. तब हमें लगा की देश में सशक्त सरकार कितनी जरूरी है.

यह भी पढ़ें:यूक्रेन में फंसे हुए सभी भारतीय अपना मोबाइल नंबर और लोकेशन जल्द भेंजे : भारतीय दूतावास

बच्चों ने युद्ध शुरू होने से पहले भारतीय दूतावास से जारी एडवाइजरी (Advisory issued from Indian Embassy), बंकर में बिताए दिन के हालात की चर्चा करते हुए घर लौटने तक का पूरा वृत्तांत सुनाया. छात्रों ने बताया कि एक ओर उनसे केंद्र सरकार के मंत्री, अधिकारी, दूतावास के अधिकारी संपर्क में थे तो यहां यूपी में घर पर लेखपाल से लेकर जिलाधिकारी तक माता-पिता से लगातार बात कर रहे थे. ऐसे में मानसिक साहस भी बढ़ा. बच्चों ने दिल्ली में उत्तर प्रदेश भवन में रुकने और फिर घर तक सरकारी वाहन से पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार भी जताया.

छात्रों से सीएम योगी ने की मुलाकात
छात्रों से सीएम योगी ने की मुलाकात


मोदी के निजी संबंधों से सुनिश्चित हो रही वापसी

छात्रों और अभिभावकों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा, 'यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के व्यक्तित्व का कमाल है जिस कारण हंगरी, पोलैंड और रोमानिया सहित विभिन्न राष्ट्राध्यक्षों से घनिष्ठ संबंध हैं. पिछले दिनों अफगानिस्तान संकट हो या आज का यूक्रेन संकट, हर भारतीय की सुरक्षा सुनिश्चित है.

सीएम ने कहा कि संवेदनशील सरकार की यही पहचान है. वह नागरिकों के सुख-दुःख में साथ खड़ी रहती है. यह 135 करोड़ भारतीयों का सौभाग्य है कि मोदी जी उनके प्रधानमंत्री हैं. अब तक कुल 2397 छात्रों में से 1400 की वापसी हो चुकी है. शेष के लिए भी प्रक्रिया चल रही है.


पिछली सरकारों ने मेडिकल शिक्षा पर ध्यान दिया होता तो बच्चे नहीं होते परेशान

बच्चों और अभिभावकों से भेंट करते हुए सीएम ने प्रदेश में दशकों तक बदहाल रहे मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के मुद्दे को उठाया. उन्होंने कहा, 'आजादी के बाद से 2017 तक प्रदेश में केवल 12 मेडिकल कॉलेज थे. अगर पहले ही इस ओर ध्यान दिया गया होता तो इन बच्चों को यूक्रेन नहीं जाना पड़ता. पांच साल के भीतर डबल इंजन की भाजपा सरकार ने 33 नए मेडिकल कॉलेज बनवाए हैं. रूस, यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई का खर्चा जहां 40 लाख है, वहीं, यूएस और यूके में लगभग 02 करोड़ है. इसीलिए बीजेपी सरकार राजकीय मेडिकल कॉलेज बनवा रही है जहां 4 से 5 लाख रुपये के शुल्क में मेडिकल की पढ़ाई हो जाएगी. गरीब का बच्चा भी पढ़ सकता है'. मुख्यमंत्री ने बच्चों से यूक्रेन के मेडिकल कॉलेजों में सुविधाओं, पाठ्यक्रम, सेशन आदि के बारे में भी जानकारी ली.

यह भी पढ़ें:भारतीय वायु सेना की विशेष उड़ान से यूक्रेन भेजी गई मानवीय सहायता


सीएम से मिले छात्र, बोले मोदी-योगी हैं तो सब मुमकिन है

प्रज्ज्वल वर्मा (बाराबंकी) ने कहा, 'मैं खारकीव में था. इंडियन एंबेसी ने बहुत मदद की. जनरल वीके सिंह लगातार संपर्क में रहे. हम लोगों को पहले पोलैंड में होटल में ठहराया गया. फिर 3 मार्च को फ्लाइट से वापस आए. हमारा एक भी रुपया खर्च नहीं हुआ'.

आकांक्षा चौरसिया (लखनऊ) ने कहा, 'मैं वेनेसा में थी. वहां सीरियस इशू नहीं थे. शुरुआत में थोड़ी असुविधा हुई डर भी लगा लेकिन दूतावास के अधिकारियों से बातचीत होती थी. मैं रोमानिया बॉर्डर पहुंची, वहां सब लोग मौजूद थे. भोजन, होटल, कपड़े सब सरकार ने दिया. मुंबई लाया गया फिर सरकारी वाहन से घर तक पहुंचाया'.

आयुष्मान (कानपुर देहात) ने कहा कि सौभाग्यशाली हूं कि मोदी और योगी हमारी चिंता करते हैं. मैंने एम्बेसी की एडवाइजरी को गंभीरता से लिया और 23 फरवरी को ही लौट आया. फिर तो सब बंद हो गया और युद्ध शुरू हो गया.

चाहत कपूर, (कानपुर) ने कहा कि देश से 6000 किलोमीटर दूर थे, डर लग रहा था. सब लोग परेशान थे. लेकिन प्रधानमंत्री के प्रयासों से हम लौट सके. पीएम को हमारा धन्यवाद. मैंने हंगरी बॉर्डर पार किया, वहां पर कई देश के बच्चे थे. सबने बताया वो लोग अपने खर्चे पर जा रहे हैं. मैंने बताया कि हमारी सरकार ने इवैक्युकेशन प्लान (Evacuation Plan) तैयार किया है. हमसे कुछ नहीं लिया जा रहा है. यह सुनकर सबने कहा कि आप लकी हैं कि आपके यहां ऐसी सरकार है.

यह भी पढ़ें:अपने कलेजे के टुकड़े को सीने से लगाकर परिजनों को मिली तसल्ली, देखें यूक्रेन आए स्टूडेंट्स की ये कहानी


शिवांजलि गुप्ता ( गोरखपुर) ने कहा कि उम्मीद छोड़ दी थी लेकिन सरकार ने हौसला बढ़ाया. भारत तो वापस लाये ही सीएम योगी सर ने दिल्ली में यूपी भवन में रुकने की व्यवस्था दी. इनोवा गाड़ी से घर तक पहुंचाया, बहुत आभार.

शिखर गुप्ता (गोंडा) ने कहा कि खारकीव में 5 दिन बंकर में रहा. शुरुआत में थोड़ी दिक्कत जरूर हुई लेकिन दूतावास से संपर्क बनाए रखा. एक बार बॉर्डर पार किया फिर तो हमारे अधिकारी-मंत्री सब हमारे सामने थे. मेंटली सपोर्ट बहुत मिला.

जय सक्सेना (हरदोई) ने कहा कि वहां सिचुएशन खराब थी. रोमैनिया बॉर्डर क्रॉस करने तक दिक्कत थी लेकिन सरकार ने पूरी व्यवस्था कर रखी थी. कहीं कोई दिक्कत नहीं हुई. बस हमारी पढ़ाई पूरी होने का प्रबंध हो तो और अच्छा है.

शिवेंद्र प्रताप सिंह (बहराइच) ने कहा कि वह तो कीव में ही थे. वहां बहुत खतरा था लेकिन हमें खुशी है कि हमारे यहां ऐसी सरकार है जो हमें वहां से सुरक्षित ला सकती है.

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लखनऊ. मुख्यमंत्री आवास पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूक्रेन से वापस लौटे छात्रों से मुलाकात की. इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा भी मौजूद रहे. यूपी के छात्रों ने सीएम योगी को आभार करते हुए कहा कि भारत सरकार जैसा प्रयास परदेश में युद्ध के बीच से अपने लोगों को निकालने का प्रयास कर रही है, उसने दूसरे देशों के छात्रों को भी मोदी सरकार का कायल बना दिया है.

छात्रों से सीएम योगी ने की मुलाकात
छात्रों से सीएम योगी ने की मुलाकात

रविवार को मुख्यमंत्री आवास पर सीएम योगी आदित्यनाथ से भेंट करते हुए छात्रों ने कहा कि देश से 6000 किलोमीटर दूर परदेश में युद्ध के बीच अपने लोगों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार जैसा प्रयास कर रही है. उसने दूसरे देशों के साथी छात्रों को भी मोदी सरकार का कायल बना दिया है. रोमानिया और हंगरी के बॉर्डर तो केवल भारतीयों के लिए खुल रहे हैं. वहां समझ आया कि "मोदी है तो मुमकिन है".

वहीं, मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi Aditya Nath) ने 'ऑपरेशन गंगा' की सफलता को ऐतिहासिक करार देते हुए यूक्रेन-रूस युद्ध (Ukraine-Russia War) के बहाने देश में राजनीति कर रहे लोगों की निंदा की. सीएम ने कहा है कि ऐसे समय में जबकि हमारे बच्चों की सकुशक वापसी पूरे देश की शीर्ष प्राथमिकता है, तब भी कुछ लोग गंदी राजनीति से बाज नहीं आ रहे हैं. यह लोग नहीं चाहते कि हमारे बच्चों की सुरक्षित वापसी हो. अभिभावकों से सीएम ने धैर्य बनाये रखने की अपील की.

युद्धग्रस्त यूक्रेन से लौटे बच्चों ने सीएम योगी को बताया कि बॉर्डर पार करते समय अन्य देश के बच्चें भी साथ थे. जब उन्हें पता चला कि भारत सरकार ने हमारी वापसी के लिए पूरा इंतज़ाम किया है. हमें कोई खर्च नहीं करना होगा तो विदेशी छात्रों ने कहा कि गर्व करो कि तुम उस देश के हो जहां की सरकार तुम्हारे बारे में इतना सोचती है. तब हमें लगा की देश में सशक्त सरकार कितनी जरूरी है.

यह भी पढ़ें:यूक्रेन में फंसे हुए सभी भारतीय अपना मोबाइल नंबर और लोकेशन जल्द भेंजे : भारतीय दूतावास

बच्चों ने युद्ध शुरू होने से पहले भारतीय दूतावास से जारी एडवाइजरी (Advisory issued from Indian Embassy), बंकर में बिताए दिन के हालात की चर्चा करते हुए घर लौटने तक का पूरा वृत्तांत सुनाया. छात्रों ने बताया कि एक ओर उनसे केंद्र सरकार के मंत्री, अधिकारी, दूतावास के अधिकारी संपर्क में थे तो यहां यूपी में घर पर लेखपाल से लेकर जिलाधिकारी तक माता-पिता से लगातार बात कर रहे थे. ऐसे में मानसिक साहस भी बढ़ा. बच्चों ने दिल्ली में उत्तर प्रदेश भवन में रुकने और फिर घर तक सरकारी वाहन से पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार भी जताया.

छात्रों से सीएम योगी ने की मुलाकात
छात्रों से सीएम योगी ने की मुलाकात


मोदी के निजी संबंधों से सुनिश्चित हो रही वापसी

छात्रों और अभिभावकों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा, 'यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के व्यक्तित्व का कमाल है जिस कारण हंगरी, पोलैंड और रोमानिया सहित विभिन्न राष्ट्राध्यक्षों से घनिष्ठ संबंध हैं. पिछले दिनों अफगानिस्तान संकट हो या आज का यूक्रेन संकट, हर भारतीय की सुरक्षा सुनिश्चित है.

सीएम ने कहा कि संवेदनशील सरकार की यही पहचान है. वह नागरिकों के सुख-दुःख में साथ खड़ी रहती है. यह 135 करोड़ भारतीयों का सौभाग्य है कि मोदी जी उनके प्रधानमंत्री हैं. अब तक कुल 2397 छात्रों में से 1400 की वापसी हो चुकी है. शेष के लिए भी प्रक्रिया चल रही है.


पिछली सरकारों ने मेडिकल शिक्षा पर ध्यान दिया होता तो बच्चे नहीं होते परेशान

बच्चों और अभिभावकों से भेंट करते हुए सीएम ने प्रदेश में दशकों तक बदहाल रहे मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के मुद्दे को उठाया. उन्होंने कहा, 'आजादी के बाद से 2017 तक प्रदेश में केवल 12 मेडिकल कॉलेज थे. अगर पहले ही इस ओर ध्यान दिया गया होता तो इन बच्चों को यूक्रेन नहीं जाना पड़ता. पांच साल के भीतर डबल इंजन की भाजपा सरकार ने 33 नए मेडिकल कॉलेज बनवाए हैं. रूस, यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई का खर्चा जहां 40 लाख है, वहीं, यूएस और यूके में लगभग 02 करोड़ है. इसीलिए बीजेपी सरकार राजकीय मेडिकल कॉलेज बनवा रही है जहां 4 से 5 लाख रुपये के शुल्क में मेडिकल की पढ़ाई हो जाएगी. गरीब का बच्चा भी पढ़ सकता है'. मुख्यमंत्री ने बच्चों से यूक्रेन के मेडिकल कॉलेजों में सुविधाओं, पाठ्यक्रम, सेशन आदि के बारे में भी जानकारी ली.

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सीएम से मिले छात्र, बोले मोदी-योगी हैं तो सब मुमकिन है

प्रज्ज्वल वर्मा (बाराबंकी) ने कहा, 'मैं खारकीव में था. इंडियन एंबेसी ने बहुत मदद की. जनरल वीके सिंह लगातार संपर्क में रहे. हम लोगों को पहले पोलैंड में होटल में ठहराया गया. फिर 3 मार्च को फ्लाइट से वापस आए. हमारा एक भी रुपया खर्च नहीं हुआ'.

आकांक्षा चौरसिया (लखनऊ) ने कहा, 'मैं वेनेसा में थी. वहां सीरियस इशू नहीं थे. शुरुआत में थोड़ी असुविधा हुई डर भी लगा लेकिन दूतावास के अधिकारियों से बातचीत होती थी. मैं रोमानिया बॉर्डर पहुंची, वहां सब लोग मौजूद थे. भोजन, होटल, कपड़े सब सरकार ने दिया. मुंबई लाया गया फिर सरकारी वाहन से घर तक पहुंचाया'.

आयुष्मान (कानपुर देहात) ने कहा कि सौभाग्यशाली हूं कि मोदी और योगी हमारी चिंता करते हैं. मैंने एम्बेसी की एडवाइजरी को गंभीरता से लिया और 23 फरवरी को ही लौट आया. फिर तो सब बंद हो गया और युद्ध शुरू हो गया.

चाहत कपूर, (कानपुर) ने कहा कि देश से 6000 किलोमीटर दूर थे, डर लग रहा था. सब लोग परेशान थे. लेकिन प्रधानमंत्री के प्रयासों से हम लौट सके. पीएम को हमारा धन्यवाद. मैंने हंगरी बॉर्डर पार किया, वहां पर कई देश के बच्चे थे. सबने बताया वो लोग अपने खर्चे पर जा रहे हैं. मैंने बताया कि हमारी सरकार ने इवैक्युकेशन प्लान (Evacuation Plan) तैयार किया है. हमसे कुछ नहीं लिया जा रहा है. यह सुनकर सबने कहा कि आप लकी हैं कि आपके यहां ऐसी सरकार है.

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शिवांजलि गुप्ता ( गोरखपुर) ने कहा कि उम्मीद छोड़ दी थी लेकिन सरकार ने हौसला बढ़ाया. भारत तो वापस लाये ही सीएम योगी सर ने दिल्ली में यूपी भवन में रुकने की व्यवस्था दी. इनोवा गाड़ी से घर तक पहुंचाया, बहुत आभार.

शिखर गुप्ता (गोंडा) ने कहा कि खारकीव में 5 दिन बंकर में रहा. शुरुआत में थोड़ी दिक्कत जरूर हुई लेकिन दूतावास से संपर्क बनाए रखा. एक बार बॉर्डर पार किया फिर तो हमारे अधिकारी-मंत्री सब हमारे सामने थे. मेंटली सपोर्ट बहुत मिला.

जय सक्सेना (हरदोई) ने कहा कि वहां सिचुएशन खराब थी. रोमैनिया बॉर्डर क्रॉस करने तक दिक्कत थी लेकिन सरकार ने पूरी व्यवस्था कर रखी थी. कहीं कोई दिक्कत नहीं हुई. बस हमारी पढ़ाई पूरी होने का प्रबंध हो तो और अच्छा है.

शिवेंद्र प्रताप सिंह (बहराइच) ने कहा कि वह तो कीव में ही थे. वहां बहुत खतरा था लेकिन हमें खुशी है कि हमारे यहां ऐसी सरकार है जो हमें वहां से सुरक्षित ला सकती है.

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