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योगी ने शाह-मोदी के बाद राज्यपाल से की मुलाकात, मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज

योगी मंत्रिमंडल के विस्तार की अटकलें तेज हो गई हैं. गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के बाद आज शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से शिष्टाचार भेंट की है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि सीएम योगी जल्द ही अपने मंत्रिमंडल में नए सदस्यों को शामिल करेंगे.

मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज
मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज
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Published : Jan 10, 2021, 2:44 AM IST

लखनऊ: प्रदेश में योगी मंत्रिमंडल के विस्तार की अटकलें तेज हो गई हैं. गत मंगलवार बुधवार को क्रमश: गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के बाद आज शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से शिष्टाचार भेंट की है.

दो कैबिनेट मंत्रियों का रिक्त पद भरा जाना
सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री की इन मुलाकातों को भले ही शिष्टाचार भेंट के रूप बताया हो, लेकिन सत्ता के गलियारे में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा तेज हो गई है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द ही अपने मंत्रिमंडल में नए सदस्यों को शामिल करेंगे. कोरोना काल में योगी मंत्रिमंडल के दो वरिष्ठ सदस्यों कमल रानी वरुण और चेतन चौहान का संक्रमण के चलते निधन हो गया था. इन दोनों मंत्रियों के रिक्त पदों का भरा जाना है. इसके अलावा योगी सरकार कुछ राज्य मंत्रियों को भी शामिल कर सकती है. इसके साथ ही मंत्रिपरिषद के कुछ सदस्यों को प्रमोशन भी दिया जा सकता है.

केंद्रीय नेतृत्व से हुई चर्चा
बताते चलें कि मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा काफी दिनों से चल रही है. सरकार और संगठन के स्तर पर भी इस संबंध में चर्चा हो चुकी है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सरकार और संगठन की केंद्रीय नेतृत्व से भी चर्चा हुई है. योगी मंत्रिमंडल में ऐसे चेहरों को शामिल किए जाने पर जोर दिया जा रहा है, जिससे उस वर्ग और क्षेत्र को संदेश दिया जा सके जो सरकार से बहुत खुश नहीं दिखाई दे रहे हैं, ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में इसका लाभ पार्टी को मिल सके.

सामाजिक एवं क्षेत्रीय संतुलन साधना सरकार
2017 के विधानसभा चुनाव में जातीय समीकरण साधने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने छोटे दलों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था. इसमें से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए थे, लेकिन सरकार के साथ तालमेल नहीं होने की वजह से वह सरकार से अलग हो गए. अब भाजपा के खिलाफ मोर्चाबंदी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्वांचल को ठीक से समझ भी रहे हैं, लिहाजा वह इसकी काट भी निकालेंगे. इसी प्रकार पश्चिम उत्तर प्रदेश और बुन्देलखण्ड का भी संतुलन साधने का प्रयास दिखेगा. आगामी 2022 का विधानसभा चुनाव सरकार और संगठन दोनों के लिए बेहद जरूरी हो सकता है. इस मंत्रिमंडल विस्तार के रास्ते 2022 के चुनाव की जीत का सफर तय हो.

लखनऊ: प्रदेश में योगी मंत्रिमंडल के विस्तार की अटकलें तेज हो गई हैं. गत मंगलवार बुधवार को क्रमश: गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के बाद आज शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से शिष्टाचार भेंट की है.

दो कैबिनेट मंत्रियों का रिक्त पद भरा जाना
सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री की इन मुलाकातों को भले ही शिष्टाचार भेंट के रूप बताया हो, लेकिन सत्ता के गलियारे में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा तेज हो गई है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द ही अपने मंत्रिमंडल में नए सदस्यों को शामिल करेंगे. कोरोना काल में योगी मंत्रिमंडल के दो वरिष्ठ सदस्यों कमल रानी वरुण और चेतन चौहान का संक्रमण के चलते निधन हो गया था. इन दोनों मंत्रियों के रिक्त पदों का भरा जाना है. इसके अलावा योगी सरकार कुछ राज्य मंत्रियों को भी शामिल कर सकती है. इसके साथ ही मंत्रिपरिषद के कुछ सदस्यों को प्रमोशन भी दिया जा सकता है.

केंद्रीय नेतृत्व से हुई चर्चा
बताते चलें कि मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा काफी दिनों से चल रही है. सरकार और संगठन के स्तर पर भी इस संबंध में चर्चा हो चुकी है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सरकार और संगठन की केंद्रीय नेतृत्व से भी चर्चा हुई है. योगी मंत्रिमंडल में ऐसे चेहरों को शामिल किए जाने पर जोर दिया जा रहा है, जिससे उस वर्ग और क्षेत्र को संदेश दिया जा सके जो सरकार से बहुत खुश नहीं दिखाई दे रहे हैं, ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में इसका लाभ पार्टी को मिल सके.

सामाजिक एवं क्षेत्रीय संतुलन साधना सरकार
2017 के विधानसभा चुनाव में जातीय समीकरण साधने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने छोटे दलों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था. इसमें से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए थे, लेकिन सरकार के साथ तालमेल नहीं होने की वजह से वह सरकार से अलग हो गए. अब भाजपा के खिलाफ मोर्चाबंदी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्वांचल को ठीक से समझ भी रहे हैं, लिहाजा वह इसकी काट भी निकालेंगे. इसी प्रकार पश्चिम उत्तर प्रदेश और बुन्देलखण्ड का भी संतुलन साधने का प्रयास दिखेगा. आगामी 2022 का विधानसभा चुनाव सरकार और संगठन दोनों के लिए बेहद जरूरी हो सकता है. इस मंत्रिमंडल विस्तार के रास्ते 2022 के चुनाव की जीत का सफर तय हो.

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