लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी ने शनिवार को मिशन निरामया अभियान का शुभारंभ कर दिया है. उन्होंने एसजीपीजीआई के कन्वेन्शन सेंटर पहुंचकर इसकी लांचिंग की है. मिशन निरामया नर्सिंग एवं पैरामेडिकल छात्र-छात्राओं के लिए एक अभियान है. छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण प्लेसमेंट दिलाने, कैरियर काउंसिलिंग और आकांक्षी कैरियर बनाना इस मिशन का उद्देश्य है.
गौरतलब है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने मिशन निरामया अभियान का शुभारंभ कर दिया है. इस मौके पर सीएम ने चिकित्सा शिक्षा विभाग को इस मिशन के लिए बधाई दी है. इस दौरान उन्होंने कहा है कि किसी भी सभ्य समाज को आगे बढ़ने के लिए शिक्षा और स्वस्थ जैसै महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आगे बढ़ना आवश्यक होता है. इसके बिना सभ्य समाज की परिकल्पना नहीं की जा सकती है.
सीएम ने कहा कि उस समय के गुरुकुल शिक्षा के लिए जाने जाते थे. स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी दुनिया के सबसे प्राचीन पद्धति में हमारी पद्धति उत्तम है. लेकिन समय के साथ हम पिछड़ते गए. हम लकीर के फकीर हो गए. एक नई शुरुआत पीएम की प्रेरणा से हमने शुरू की थी. मिशन निरामया उसी की एक कड़ी है. इसे आम जन के भरोसे का प्रतीक बनाना है. यह क्षेत्र उपेक्षित था. कोई डॉक्टर बेहद कम समय मरीज को देता है. लेकिन मरीज पैरामेडिकल स्टाफ के साथ ज्यादा समय व्यतीत करता है.
सीएम ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र को हमने उपेच्छित छोड़ दिया. यह हमें तब पता चला जब हमने नौकरियां निकालीं. एक लाख से ज्यादा आवेदन आए तो सिर्फ 3 हजार पास हुए. इसमें से करीब 2 हजार को ही नियुक्ति पत्र मिल पाए. यह संस्थानों की गुणवत्ता को प्रदर्शित करता है. कुछ ऐसे कॉलेज हैं, जिन्होंने बेहतर किया है. उन्हे मेंटर का सर्टिफिकेट भी दिया गया है. यह सेवा रोजगार और स्वालंबन का क्षेत्र की ब्राइट फील्ड है. कोरोना के दौर में एएनएम की बहने गांव में जाकर घर-घर स्क्रीनिंग करती थी. मैं भी उन्हें साथ गांव-गांव जाता था. उनसे बातचीत करते थे. पब्लिक से बात करते थे. कोई संक्रमित होता था तो बेहतर उपचार कराया जाता था.
सीएम योगी ने कहा कि भारत के अंदर अब नर्सिंग क्षेत्र में पैरामेडिकल स्टाफ की जरूरत बढ़ी है. हमारी जिम्मेदारी है कि इन्हें इस फील्ड में आगे बढ़ाएं. सीएम ने कहा मैं चिकित्सा शिक्षा विभाग को मिशन निरामया शुरू करने के लिए बधाई देता हूं. बता दें कि मिशन निरामया अभियान के शुभारंभ के मौके पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और राज्यमंत्री चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्याण मयंकेश्वर शरण सिंह शामिल रहे.
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