ETV Bharat / state

सरकार-संगठन के बीच तालमेल बनाने में जुटे सीएम योगी - bjp strategy for assembly election in uttar pradesh

मुख्यमंत्री ने कई बार अधिकारियों को यह निर्देश दिए कि सभी जनप्रतिनिधियों को सरकारी दफ्तरों में पूरा सम्मान दिया जाए. विधायकों के प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए अधिकारी उनका सम्मान ही नहीं करें बल्कि उनसे बातचीत के तरीके में भी बदलाव ले आएं. मुख्यमंत्री ने यहां तक कहा कि किसी भी परियोजना का लोकार्पण एवं शिलान्यास का कार्यक्रम बिना किसी जनप्रतिनिधि के नहीं होगा.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
author img

By

Published : Mar 13, 2021, 7:22 AM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए अभी एक साल का वक्त है, लेकिन राजनीतिक पार्टियों में अभी से हलचल तेज हो गई है. विधानसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों के साथ ही सत्ताधारी दल की चिंता भी साफ झलक रही है. भाजपा चुनाव जीते इसका दारोमदार पार्टी नेतृत्व से कहीं ज्यादा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऊपर है. सीएम योगी चुनाव जीतने के लिए अभी से सभी खील-कांटे मजबूत करने में जुट गए हैं.

सरकार के कामकाज को जनता तक पहुंचाने का मुद्दा हो, संगठन के साथ सामंजस्य बिठाने की बात या फिर नाराज विधायकों की नाराजगी दूर करने की मामला, सभी मोर्चों पर मुख्यमंत्री योगी डटे हुए हैं. यही वजह है कि मुख्यमंत्री योगी सरकार की योजनाओं को जमीन पर उतारने के साथ ही जनता को बताने के लिए खुद मोर्चा संभाल लिए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बार फिर प्रदेश के जिलों का दौरा शुरू कर दिए हैं.

सीएम कार्यालय को पार्टी के विधायक लिख चुके पत्र
अपनी ही सरकार में उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाते हुए कई विधायकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऑफिस में शिकायत भी कर चुके हैं. विधायकों और कार्यकर्ताओं का कहना है कि अधिकारी उनकी नहीं सुनते हैं. भाजपा विधायक ने तो भ्रष्टाचार के मामले में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अधिकारियों की शिकायत की. एक बार तो नौबत यह आ गई कि सदन के भीतर बड़ी संख्या में विधायक धरने पर बैठ गए. विधायकों की नाराजगी दूर करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पिछले कुछ समय से प्रयास करते हुए दिखाई दे रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने कई बार अधिकारियों को यह निर्देश दिए कि सभी जनप्रतिनिधियों को सरकारी दफ्तरों में पूरा सम्मान दिया जाए. विधायकों के प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए अधिकारी उनका सम्मान ही नहीं करें, बल्कि उनसे बातचीत के तरीके में भी बदलाव ले आएं. मुख्यमंत्री ने यहां तक कहा कि किसी भी परियोजना का लोकार्पण एवं शिलान्यास का कार्यक्रम बिना किसी जनप्रतिनिधि के नहीं होगा. उस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर अधिकारी के बजाय जनप्रतिनिधि ही होंगे. दरअसल, यह बार-बार शिकायत आ रही थी कि इस सरकार में अधिकारी विधायकों को बुलाये बगैर योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण कर दे रहे हैं.

विधायक निधि हुई बहाल
सरकार ने कोविड के दौरान क्षेत्रीय विकास निधि स्थगित कर दी थी. सरकार ने फिर से यह निधि बहाल कर दी है. विधायक अपने प्रस्ताव पर अपने अपने क्षेत्रों में विकास का कार्य करा सकेंगे. विधायकों ने इसकी मांग सदन में भी की थी. उनका कहना था कि अगर सरकार विकास निधि नहीं देती है तो अगले चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. पार्टी के विधायक जनता के बीच वोट मांगने के लिए कैसे जाएंगे. सरकार ने इसके अलावा विधायकों को उनके क्षेत्रों में पर्यटन स्थलों के विकास के लिए भी 50-50 लाख रुपये दिए हैं.

अब स्थितियां हुईं सामान्य
राजनीतिक विश्लेषक पीएन द्विवेदी का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बेहद ही साफ-सुथरी छवि है. देश में कोरोना काल में एक कर्मठ मुख्यमंत्री के रूप में उभरकर वह सामने आए हैं. हो सकता है कि कुछ विधायकों की आकांक्षा के अनुरूप कोई काम नहीं हुआ हो, लेकिन अभी की बात की जाए तो स्थितियां सामान्य दिखाई दे रही हैं. विधायकों को क्षेत्र विकास निधि ही नहीं मिली बल्कि उनके क्षेत्रों में पर्यटन स्थलों के विकास के लिए भी अतिरिक्त बजट दिया गया है. सरकार की अन्य योजनाएं भी सीधे उन क्षेत्रों में जा रहे हैं.

जनता दर्शन भी हुआ शुरू

कोरोना काल के दौरान मुख्यमंत्री आवास पर जनता दर्शन का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब सीधे जनता से संवाद का कार्यक्रम एक बार फिर से शुरू कर दिए हैं. गोरखपुर में उनके जनसुनवाई कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो रहे हैं. आम लोग मुख्यमंत्री से सीधे संवाद भी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री इस बात को लेकर भी अधिकारियों की कई बार फटकार लगा चुके हैं.

सीएम ने कहा कि जिन जिलों से ज्यादा शिकायतें शासन तक पहुंचेंगी, उस जिले के बारे में माना जाएगा कि स्थानीय प्रशासन काम में ढिलाई बरत रहा है. इसके आधार पर डीएम और कप्तान की रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी. ऐसे ही विभिन्न मोर्चों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काम करना शुरू कर दिए हैं, ताकि मौजूदा समय में प्रदेश में प्रस्तावित पंचायत चुनाव और उसके बाद अगले साल विधानसभा चुनाव में पार्टी का परचम फहरा सकें.

लखनऊः उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए अभी एक साल का वक्त है, लेकिन राजनीतिक पार्टियों में अभी से हलचल तेज हो गई है. विधानसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों के साथ ही सत्ताधारी दल की चिंता भी साफ झलक रही है. भाजपा चुनाव जीते इसका दारोमदार पार्टी नेतृत्व से कहीं ज्यादा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऊपर है. सीएम योगी चुनाव जीतने के लिए अभी से सभी खील-कांटे मजबूत करने में जुट गए हैं.

सरकार के कामकाज को जनता तक पहुंचाने का मुद्दा हो, संगठन के साथ सामंजस्य बिठाने की बात या फिर नाराज विधायकों की नाराजगी दूर करने की मामला, सभी मोर्चों पर मुख्यमंत्री योगी डटे हुए हैं. यही वजह है कि मुख्यमंत्री योगी सरकार की योजनाओं को जमीन पर उतारने के साथ ही जनता को बताने के लिए खुद मोर्चा संभाल लिए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बार फिर प्रदेश के जिलों का दौरा शुरू कर दिए हैं.

सीएम कार्यालय को पार्टी के विधायक लिख चुके पत्र
अपनी ही सरकार में उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाते हुए कई विधायकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऑफिस में शिकायत भी कर चुके हैं. विधायकों और कार्यकर्ताओं का कहना है कि अधिकारी उनकी नहीं सुनते हैं. भाजपा विधायक ने तो भ्रष्टाचार के मामले में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अधिकारियों की शिकायत की. एक बार तो नौबत यह आ गई कि सदन के भीतर बड़ी संख्या में विधायक धरने पर बैठ गए. विधायकों की नाराजगी दूर करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पिछले कुछ समय से प्रयास करते हुए दिखाई दे रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने कई बार अधिकारियों को यह निर्देश दिए कि सभी जनप्रतिनिधियों को सरकारी दफ्तरों में पूरा सम्मान दिया जाए. विधायकों के प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए अधिकारी उनका सम्मान ही नहीं करें, बल्कि उनसे बातचीत के तरीके में भी बदलाव ले आएं. मुख्यमंत्री ने यहां तक कहा कि किसी भी परियोजना का लोकार्पण एवं शिलान्यास का कार्यक्रम बिना किसी जनप्रतिनिधि के नहीं होगा. उस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर अधिकारी के बजाय जनप्रतिनिधि ही होंगे. दरअसल, यह बार-बार शिकायत आ रही थी कि इस सरकार में अधिकारी विधायकों को बुलाये बगैर योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण कर दे रहे हैं.

विधायक निधि हुई बहाल
सरकार ने कोविड के दौरान क्षेत्रीय विकास निधि स्थगित कर दी थी. सरकार ने फिर से यह निधि बहाल कर दी है. विधायक अपने प्रस्ताव पर अपने अपने क्षेत्रों में विकास का कार्य करा सकेंगे. विधायकों ने इसकी मांग सदन में भी की थी. उनका कहना था कि अगर सरकार विकास निधि नहीं देती है तो अगले चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. पार्टी के विधायक जनता के बीच वोट मांगने के लिए कैसे जाएंगे. सरकार ने इसके अलावा विधायकों को उनके क्षेत्रों में पर्यटन स्थलों के विकास के लिए भी 50-50 लाख रुपये दिए हैं.

अब स्थितियां हुईं सामान्य
राजनीतिक विश्लेषक पीएन द्विवेदी का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बेहद ही साफ-सुथरी छवि है. देश में कोरोना काल में एक कर्मठ मुख्यमंत्री के रूप में उभरकर वह सामने आए हैं. हो सकता है कि कुछ विधायकों की आकांक्षा के अनुरूप कोई काम नहीं हुआ हो, लेकिन अभी की बात की जाए तो स्थितियां सामान्य दिखाई दे रही हैं. विधायकों को क्षेत्र विकास निधि ही नहीं मिली बल्कि उनके क्षेत्रों में पर्यटन स्थलों के विकास के लिए भी अतिरिक्त बजट दिया गया है. सरकार की अन्य योजनाएं भी सीधे उन क्षेत्रों में जा रहे हैं.

जनता दर्शन भी हुआ शुरू

कोरोना काल के दौरान मुख्यमंत्री आवास पर जनता दर्शन का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब सीधे जनता से संवाद का कार्यक्रम एक बार फिर से शुरू कर दिए हैं. गोरखपुर में उनके जनसुनवाई कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो रहे हैं. आम लोग मुख्यमंत्री से सीधे संवाद भी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री इस बात को लेकर भी अधिकारियों की कई बार फटकार लगा चुके हैं.

सीएम ने कहा कि जिन जिलों से ज्यादा शिकायतें शासन तक पहुंचेंगी, उस जिले के बारे में माना जाएगा कि स्थानीय प्रशासन काम में ढिलाई बरत रहा है. इसके आधार पर डीएम और कप्तान की रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी. ऐसे ही विभिन्न मोर्चों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काम करना शुरू कर दिए हैं, ताकि मौजूदा समय में प्रदेश में प्रस्तावित पंचायत चुनाव और उसके बाद अगले साल विधानसभा चुनाव में पार्टी का परचम फहरा सकें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.