लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी आवास पर गन्ना किसानों के भुगतान के संबंध में समीक्षा की. इस दौरान सीएम ने बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान तत्काल कराए जाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि डिफॉल्टर चीनी मिलों से गन्ना किसानों के बकाया मूल्य का तत्काल भुगतान कराया जाए. गन्ना किसानों के हितों की अनदेखी करने वाली चीनी मिलों के प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.
समीक्षा बैठक में सीएम योगी ने कहा कि अब तक एक लाख 42 हजार 650 करोड़ रुपये भुगतान 45 लाख गन्ना किसानों को कराया जा चुका है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना काल में भी प्रदेश में चीनी मिलें चलती रहीं. साथ ही, रमाला, मुण्डेरवा व पिपराइच में नई चीनी मिलों की स्थापना की गई. खाण्डसारी उद्योग में लाइसेंस की व्यवस्था को समाप्त किया गया. पेराई सत्र 2020-2021 में प्रदेश में कुल 120 चीनी मिलों का संचालन हुआ, गन्ना खरीद 1,028 लाख टन के सापेक्ष 33,025 करोड़ रुपये की गई. इस लक्ष्य के सापेक्ष चीनी मिलों ने 27,750 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया.
उन्होंने बताया कि पिछले 50 वर्षों में अब तक का सबसे अधिक गन्ना मूल्य का रिकॉर्ड भुगतान किया गया है. शीरा, एथेनॉल, बगास व प्रेसमड के कारण भी यह भुगतान करने में सहायता मिली है. प्रदेश में शीरा या गन्ने का रस से निर्मित एथेनॉल के उत्पादन और विक्रय होने से सैनिटाइजर का निर्माण व्यापक स्तर पर हुआ. इससे भी गन्ना मूल्य भुगतान में तेजी आई.
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समीक्षा बैठक में सीएम को बताया गया कि कुल 53 चीनी मिलों में पेराई सत्र 2020-2021 का शत-प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान किया जा चुका है. 67 चीनी मिलों का आंशिक गन्ना मूल्य भुगतान रुका हुआ है. यह मिलें चीनी तथा अन्य उत्पादों की बिक्री से प्राप्त धनराशि से चीनी मिलें गन्ना मूल्य का भुगतान कर रही हैं. वर्तमान सरकार ने एस्क्रो एकाउंट खोला, जिसे चीनी मिल प्रतिनिधि और जिला गन्ना अधिकारी/वरिष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया जाता है. इस एकाउंट की 85 प्रतिशत धनराशि किसानों के भुगतान के लिए तय है.