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सीएम योगी ने एचयूआरएल के यूरिया की प्रदेश में विपणन का किया शुभारंभ - hurl-urea

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के यूरिया की बिक्री का शुभारंभ किया है. इससे प्रदेश और खासकर पूर्वांचल के किसानों को यूरिया खाद की उपलब्धता में आसानी होगी.

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सीएम योगी.
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Published : Jul 16, 2020, 1:16 AM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के यूरिया की बिक्री का शुभारंभ किया है. इससे प्रदेश और खासकर पूर्वांचल के किसानों को यूरिया खाद की उपलब्धता में आसानी होगी.

हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड के गोरखपुर संयंत्र में अगले वर्ष उत्पादन आरंभ होने से इन क्षेत्रों में किसानों को न सिर्फ यूरिया खाद मिलेगी, बल्कि उन्हें कृषि के संबंध में जानकारी भी उपलब्ध होगी. यूरिया के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ये एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.

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सीएम योगी.

योगी आदित्यनाथ ने एचयूआरएल के सीडिंग कार्यक्रम के अंतर्गत आरसीएफ यूरिया उर्वरक रैक के गोरखपुर आगमन के अवसर पर वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के किसानों को शुभकामनाएं दी.

उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम गोरखपुर के एचयूआरएल के खाद कारखाने के लिए महत्वपूर्ण अवसर है. सीडिंग कार्यक्रम के अंतर्गत एचयूआरएल गोरखपुर द्वारा यूरिया का विपणन किया जाएगा. एक वर्ष के भीतर वर्ष 2021 में एचयूआरएल गोरखपुर उर्वरक संयंत्र के प्रारंभ होने की आशा व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इससे उत्पादित यूरिया किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी.

यूरिया उपलब्ध कराने के साथ-साथ एचयूआरएल किसानों को कई अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराएगी. इसमें कृषि सलाह, फसल संरक्षण, मौसम की जानकारी, आधुनिक तकनीक, जैविक खेत और फसल चक्र आदि शामिल होंगे.

बंद पड़े खाद कारखानों के पुनर्निर्माण का कार्य प्रारंभ

मुख्यमंत्री ने कहा कि एचयूआरएल द्वारा गोरखपुर, बिहार के बरौनी एवं सिंदरी झारखंड में पूर्व काल की यूरिया उत्पादन की तीन इकाइयों का पुनर्निर्माण किया जा रहा है. गोरखपुर का खाद संयंत्र जून 1990 में बंद हो गया था.

26 वर्ष बाद जुलाई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके पुनर्निर्माण की आधारशिला रखी. पहले यह कारखाना क्षेत्र की पहचान था. इसी प्रकार कई चीनी मिलें भी बंद हो गई और लोगों का पलायन हुआ.

विकास, आधुनिक, तकनीक, उर्वरक, रसायनों, रोजगार और किसानों के हित के लिए उर्वरक कारखानों की महत्वपूर्ण भूमिका है. प्रधानमंत्री ने इस आवश्यकता के दृष्टिगत बंद पड़े खाद कारखानों के पुनर्निर्माण का कार्य प्रारंभ कराया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी से जूझने के बावजूद एचयूआरएल द्वारा निर्माण कार्य को जारी रखा जा रहा है. यह किसानों की मदद और सामाजिक प्रतिबद्धताओं को दर्शाता है.

राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा परियोजना को समयबद्ध ढंग से पूर्ण करने के लिए हर संभव सहयोग दिया जा रहा है. इस मौके पर याची यूआरएल के एमडी अरुण कुमार गुप्ता, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही समेत अन्य महत्वपूर्ण अधिकारी भी मौजूद थे.

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के यूरिया की बिक्री का शुभारंभ किया है. इससे प्रदेश और खासकर पूर्वांचल के किसानों को यूरिया खाद की उपलब्धता में आसानी होगी.

हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड के गोरखपुर संयंत्र में अगले वर्ष उत्पादन आरंभ होने से इन क्षेत्रों में किसानों को न सिर्फ यूरिया खाद मिलेगी, बल्कि उन्हें कृषि के संबंध में जानकारी भी उपलब्ध होगी. यूरिया के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ये एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.

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योगी आदित्यनाथ ने एचयूआरएल के सीडिंग कार्यक्रम के अंतर्गत आरसीएफ यूरिया उर्वरक रैक के गोरखपुर आगमन के अवसर पर वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के किसानों को शुभकामनाएं दी.

उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम गोरखपुर के एचयूआरएल के खाद कारखाने के लिए महत्वपूर्ण अवसर है. सीडिंग कार्यक्रम के अंतर्गत एचयूआरएल गोरखपुर द्वारा यूरिया का विपणन किया जाएगा. एक वर्ष के भीतर वर्ष 2021 में एचयूआरएल गोरखपुर उर्वरक संयंत्र के प्रारंभ होने की आशा व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इससे उत्पादित यूरिया किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी.

यूरिया उपलब्ध कराने के साथ-साथ एचयूआरएल किसानों को कई अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराएगी. इसमें कृषि सलाह, फसल संरक्षण, मौसम की जानकारी, आधुनिक तकनीक, जैविक खेत और फसल चक्र आदि शामिल होंगे.

बंद पड़े खाद कारखानों के पुनर्निर्माण का कार्य प्रारंभ

मुख्यमंत्री ने कहा कि एचयूआरएल द्वारा गोरखपुर, बिहार के बरौनी एवं सिंदरी झारखंड में पूर्व काल की यूरिया उत्पादन की तीन इकाइयों का पुनर्निर्माण किया जा रहा है. गोरखपुर का खाद संयंत्र जून 1990 में बंद हो गया था.

26 वर्ष बाद जुलाई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके पुनर्निर्माण की आधारशिला रखी. पहले यह कारखाना क्षेत्र की पहचान था. इसी प्रकार कई चीनी मिलें भी बंद हो गई और लोगों का पलायन हुआ.

विकास, आधुनिक, तकनीक, उर्वरक, रसायनों, रोजगार और किसानों के हित के लिए उर्वरक कारखानों की महत्वपूर्ण भूमिका है. प्रधानमंत्री ने इस आवश्यकता के दृष्टिगत बंद पड़े खाद कारखानों के पुनर्निर्माण का कार्य प्रारंभ कराया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी से जूझने के बावजूद एचयूआरएल द्वारा निर्माण कार्य को जारी रखा जा रहा है. यह किसानों की मदद और सामाजिक प्रतिबद्धताओं को दर्शाता है.

राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा परियोजना को समयबद्ध ढंग से पूर्ण करने के लिए हर संभव सहयोग दिया जा रहा है. इस मौके पर याची यूआरएल के एमडी अरुण कुमार गुप्ता, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही समेत अन्य महत्वपूर्ण अधिकारी भी मौजूद थे.

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