लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में वर्ष 2023 में भारत की अध्यक्षता में होने वाले जी-20 सम्मेलन (G20 conference) को लेकर समीक्षा बैठक की और अफसरों को दिशा निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत को विश्व के बड़े राष्ट्रों के समूह जी-20 की अध्यक्षता करने का गौरव प्राप्त हुआ है. यह समारोह उत्तर प्रदेश के लिए अपार संभावनाएं लेकर आया है. यह कार्यक्रम 'ब्रांड यूपी' को दुनिया से परिचय कराने का शानदार मंच है. हमें इस वैश्विक समारोह का अधिकाधिक लाभ लेना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की अध्यक्षता वाले जी-20 के एक वर्ष की अवधि में उत्तर प्रदेश के वाराणसी, लखनऊ, आगरा और ग्रेटर नोएडा में अलग-अलग कार्यक्रम होने प्रस्तावित हैं. इन जनपदों में 'अतिथि देवो भव' की भारतीय भावना के अनुरूप आयोजन को भव्य बनाने की तैयारी की जाए. यह आयोजन स्वच्छता, सुंदरता, सुरक्षा और सुव्यवस्था का मानक हो, इसके लिए एक टीम के रूप में सभी को प्रयास करना होगा. उन्होंने कहा कि विदेशी आगन्तुकों की सुरक्षा के मानक के अनुरूप प्रबंध किए जाएं. मेडिकल इमरजेंसी, ट्रैफिक आदि के संबंध में भी आवश्यक व्यवस्था की जाए. अतिथियों के भोजन में उत्तर प्रदेश की विविधतापूर्ण खान-पान संस्कृति का समावेश होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जी-20 सम्मेलनों की मेजबानी वाले शहरों को भव्य स्वरूप दिया जाए. शहर में ऐतिहासिक, सांस्कृतिक महत्व वाली विरासतों पर आकर्षक लाइटिंग की जानी चाहिए. अतिथियों के भ्रमण रूट पर दीवारों पर प्रदेश की संस्कृति को दर्शाने वाले चित्रों को प्रदर्शित किया जाए.
उन्होंने कहा कि राजधानी लखनऊ में अवध संस्कृति, आगरा में ब्रज संस्कृति, रंगोत्सव, वाराणसी में गंगा संस्कृति को थीम बनाकर कार्यक्रम आयोजित किए जाएं. प्रदेश आगमन पर पुष्पवर्षा के साथ अतिथियों का स्वागत किया जाए. स्थानीय सांस्कृतिक समूहों, स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग लें. सीएम ने कहा कि जी-20 सम्मेलनों की मेजबानी एक ऐतिहासिक अवसर है. इसे अविस्मरणीय बनाने के लिए राजधानी लखनऊ में एक 'जी-20 पार्क' की स्थापना की जानी चाहिए. इस संबंध में स्थान का चिन्हांकन कर पार्क की रूपरेखा के संबंध में कार्ययोजना तैयार की जाए. उन्होंने कहा कि जी-20 सम्मेलनों में सुरक्षा व्यवस्था एक महत्वपूर्ण विषय है. गृह विभाग द्वारा सभी डेलीगेट्स की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए जाएं. हर डेलीगेट्स के साथ एक अधिकारी की तैनाती की जाए. अधिकारी की विधिवत ट्रेनिंग कराई जाए. हर प्रकार के बाह्य और आतंरिक सुरक्षा की आशंकाओं के दृष्टिगत कड़े सुरक्षा इंतज़ाम किए जाएं. साइबर अपराध के प्रयासों पर भी नजर रखी जाए. अग्निशमन के लिए मानक अनुरूप इंतजाम होने चाहिए. बेहतर सर्विलांस, इंटेलिजेंस इनपुट आदि के लिए भारत सरकार से आवश्यक मार्गदर्शन लिया जाना चाहिए.
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