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एक्सपर्ट की राय- कोविड संक्रमण की चौथी लहर हो सकती है तेज, मरीज के गंभीर होने की नहीं होगी स्थिति

देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण की दर बढ़ने लगी है. कोरोना संक्रमण की बढ़ती दर को देखते हुए चौथी लहर आने की आशंका जताई जा रही है. कोविड संक्रमण को रोकने के लिए यूपी सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है.

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Published : Apr 20, 2022, 10:45 PM IST

लखनऊ : प्रदेश में कोरोना की चौथी लहर की आशंका को लेकर योगी सरकार अलर्ट मोड पर काम कर रही है. कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए सीएम योगी ने बुधवार को स्वास्थ्य सलाहकार समिति के साथ बैठक की. बैठक में विशेषज्ञ डॉक्‍टरों के पैनल ने बताया कि कोरोना संक्रमण की चौथी लहर में संक्रमण का स्‍वरूप नहीं बदलेगा.

आगामी समय में कोरोना का ओमीक्रॉन वेरिएंट कम खतरनाक होगा. इसकी संक्रमण दर तेज होगी, लेकिन मरीज के अति गंभीर होने की स्थिति नहीं बनेगी. संजय गांधी पीजीआई के निदेशक डॉ. आरके धीमान ने बताया कि यूपी स्वास्थ्य सलाहकार समिति की इस बैठक में चौथी लहर को लेकर कई फैसले लिए गए. उन्‍होंने बताया कि संक्रमण की चौथी लहर से घबराने की कोई बात नहीं है. लेकिन कोविड गाइडलाइन का पालन, टेस्‍ट व टीकाकरण से चौथी लहर से बचा जा स‍कता है.

डॉ. आरके धीमान ने कहा कि संभव है कि कोरोना केस की संख्या में बढ़ोत्तरी हो, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने अथवा मरीज के अति गंभीर होने की स्थिति नहीं होगी. उन्‍होंने बताया कि बैठक के बाद मुख्‍य बिन्‍दुओं को लेकर एक ड्राफ्ट तैयार किया गया है. जिसको मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को सौंपा जाएगा. स्वास्थ्य सलाहकार समिति ने आपस में विचार-विमर्श करके चौथी लहर के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी.

प्रदेश में 10 हजार नए स्वास्थ्य उपकेंद्रों की होगी स्थापना
नवजात बच्‍चों को बेहतर इलाज देने व स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए योगी सरकार ने हर जिले में न्यू बॉर्न स्टेबिलाइजेशन यूनिट और स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट बनाने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा सरकार ने अस्पतालों में बेड की संख्‍या में विस्‍तार करने के लिए भी आदेश दिए हैं. गौरतलब है कि प्रदेश के महिला अस्‍पतालों में नवजातों के लिए 12 बेड वाले स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट हैं. जिनकी संख्‍या में तेजी से इजाफा किया जाएगा.

आने वाले 5 सालों में स्वास्थ्य उपकेंद्रों की स्थापना तेजी से की जाएगी. अगले पांच सालों में 10,000 नए उपकेंद्रों की स्थापना करने का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है. इन स्‍वास्‍थ्‍य उपकेन्‍द्रों के खुलने से ग्रामीण लोगों को कई सुविधाएं मिलेंगी. इन केंद्रों में मातृत्व स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, किशोर स्वास्थ्य, मधुमेह, रक्तचाप की जांच, संचारी और गैर संचारी रोग प्रबंधन और उपचार की व्यवस्था होगी. इसके साथ ही योग और एक्सरसाइज, काउंसिलिंग, स्कूल हेल्थ एजुकेशन, आपात कालीन चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी.

इसे पढ़ें- तीन दिवसीय दौरे पर काशी पहुंचे मॉरीशस के प्रधानमंत्री

लखनऊ : प्रदेश में कोरोना की चौथी लहर की आशंका को लेकर योगी सरकार अलर्ट मोड पर काम कर रही है. कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए सीएम योगी ने बुधवार को स्वास्थ्य सलाहकार समिति के साथ बैठक की. बैठक में विशेषज्ञ डॉक्‍टरों के पैनल ने बताया कि कोरोना संक्रमण की चौथी लहर में संक्रमण का स्‍वरूप नहीं बदलेगा.

आगामी समय में कोरोना का ओमीक्रॉन वेरिएंट कम खतरनाक होगा. इसकी संक्रमण दर तेज होगी, लेकिन मरीज के अति गंभीर होने की स्थिति नहीं बनेगी. संजय गांधी पीजीआई के निदेशक डॉ. आरके धीमान ने बताया कि यूपी स्वास्थ्य सलाहकार समिति की इस बैठक में चौथी लहर को लेकर कई फैसले लिए गए. उन्‍होंने बताया कि संक्रमण की चौथी लहर से घबराने की कोई बात नहीं है. लेकिन कोविड गाइडलाइन का पालन, टेस्‍ट व टीकाकरण से चौथी लहर से बचा जा स‍कता है.

डॉ. आरके धीमान ने कहा कि संभव है कि कोरोना केस की संख्या में बढ़ोत्तरी हो, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने अथवा मरीज के अति गंभीर होने की स्थिति नहीं होगी. उन्‍होंने बताया कि बैठक के बाद मुख्‍य बिन्‍दुओं को लेकर एक ड्राफ्ट तैयार किया गया है. जिसको मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को सौंपा जाएगा. स्वास्थ्य सलाहकार समिति ने आपस में विचार-विमर्श करके चौथी लहर के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी.

प्रदेश में 10 हजार नए स्वास्थ्य उपकेंद्रों की होगी स्थापना
नवजात बच्‍चों को बेहतर इलाज देने व स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए योगी सरकार ने हर जिले में न्यू बॉर्न स्टेबिलाइजेशन यूनिट और स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट बनाने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा सरकार ने अस्पतालों में बेड की संख्‍या में विस्‍तार करने के लिए भी आदेश दिए हैं. गौरतलब है कि प्रदेश के महिला अस्‍पतालों में नवजातों के लिए 12 बेड वाले स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट हैं. जिनकी संख्‍या में तेजी से इजाफा किया जाएगा.

आने वाले 5 सालों में स्वास्थ्य उपकेंद्रों की स्थापना तेजी से की जाएगी. अगले पांच सालों में 10,000 नए उपकेंद्रों की स्थापना करने का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है. इन स्‍वास्‍थ्‍य उपकेन्‍द्रों के खुलने से ग्रामीण लोगों को कई सुविधाएं मिलेंगी. इन केंद्रों में मातृत्व स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, किशोर स्वास्थ्य, मधुमेह, रक्तचाप की जांच, संचारी और गैर संचारी रोग प्रबंधन और उपचार की व्यवस्था होगी. इसके साथ ही योग और एक्सरसाइज, काउंसिलिंग, स्कूल हेल्थ एजुकेशन, आपात कालीन चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी.

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