लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गो-आश्रय स्थलों का बजट बढ़ाने के उद्देश्य से अहम कदम उठाया है. उन्होंने मंडियों को कहा है कि गो-आश्रय स्थलों को अब मंडियां 2% की बजाय 3% सेस दें. मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडियों की आय बढ़ी है, लिहाजा आश्रय स्थलों को दी जाने वाली 2% सेस को बढ़ाकर 3% कर दिया जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि यह पैसा उन्हीं संस्थाओं को मिले, जो सेवाभाव से गोशालाएं चलाते हैं. इसका कुछ हिस्सा पशुपालन विभाग को भी दिया जाए.
खाड़ी देशों में तनाव को लेकर सीएम योगी चिंतित
मुख्यमंत्री ने कहा कि खाड़ी देशों में तनाव बढ़ सकता है. इसकी आड़ में कुछ लोग जरूरी चीजों की कालाबाजारी, भंडारण और तस्करी में लिप्त हो सकते हैं. सीएम योगी ने कहा कि दाल, तेल और सब्जियों के दाम पर विशेष नजर रखें.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि जैविक उत्पादों के लिए लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर के साथ ही बुंदेलखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी एक-एक प्रयोगशाला दें. बेहतर तो यह होगा कि हर जिले में उपलब्ध कृषि विज्ञान केंद्रों में भी इस तरह की एक लैब स्थापित की जाए. केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश में जो 500 हॉट पैठ बनते हैं, वह संबंधित ग्राम पंचायतों की सहमति से बनें. उनके रखरखाव के लिए पंचायतों को जवाबदेह बनाएं. इसके लिए पंचायतें एक न्यूनतम शुल्क भी दें.
इसे भी पढ़ें- CAA को लेकर यूपी में 6 बड़ी रैलियां करेगी भाजपा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि बुंदेलखंड पैकेज के तहत जो मंडियां बनी हैं और अब तक शिफ्ट नहीं हुई हैं. वहां सुविधाएं बढ़ाकर व्यापारियों को शिफ्ट कराएं. प्रदेश से कृषि उत्पादन के निर्यात को प्रोत्साहन दें. इसके लिए जो भी शर्तें हों, वह बिल्कुल स्पष्ट हों, ताकि उनका कोई अपने हित के अनुसार व्याख्या न कर सकें. बैठक में कई प्रस्तावों का अनुमोदन भी हुआ है. बैठक में विभाग के राज्य मंत्री श्रीराम चौहान के अलावा मुख्य सचिव, संबंधित विभाग के प्रमुख सचिव, विशेष सचिव और निदेशक मौजूद थे.