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सूकर क्षेत्र-सोरों को तीर्थस्थल घोषित करने का सीएम योगी ने लिया निर्णय

स्थानीय लोगों की आस्था का सम्मान करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद कासगंज स्थित पवित्र सूकर क्षेत्र-सोरों को तीर्थस्थल घोषित करने का निर्णय लिया है. इस संबंध में गुरुवार को मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर जानकारी दी.

सीएम योगी
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Published : Oct 28, 2021, 4:53 PM IST

Updated : Oct 28, 2021, 5:01 PM IST

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद कासगंज स्थित पवित्र सूकर क्षेत्र-सोरों को तीर्थस्थल घोषित करने का निर्णय लिया है. सनातन आस्थावलंबियों की इस दशकों पुरानी मांग के पूरी होने के संबंध में गुरुवार को मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर जानकारी दी.

तीर्थ स्थल के रूप में इस प्राचीन एवं पवित्र तीर्थ को संरक्षण मिलने से उसके अंतर्गत आने वाले अनेकों छोटे-छोटे तीर्थों के जीर्णोद्धार में सुगमता होगी. साथ ही चक्रतीर्थ, योगतीर्थ, सूर्यतीर्थ, सोमतीर्थ एवं साकोटकतीर्थ आदि को भी लाभ होगा.

यही नहीं, सोरों सूकर क्षेत्र के तीर्थ स्थल घोषित होने से विकास के साथ-साथ स्थानीय निवासियों को रोजगार के नए साधन भी उपलब्ध होंगे. लंबे समय से संत-महात्माओं और विभिन्न संगठनों की ओर से सूकर क्षेत्र-सोरों को तीर्थस्थल घोषित करने की मांग की जा रही थी जिसे योगी सरकार ने पूरा कर दिया.

यह भी पढ़ेः लखनऊ के झूलेलाल पार्क हनुमान सेतु में दिपावली महोत्सव का आयोजन

ब्रजक्षेत्र स्थित सूकर क्षेत्र सोरों जनपद कासगंज भारत का आदितीर्थ है. विभिन्न पुराणों में सोरों सूकर क्षेत्र का महत्व बताया गया है. माना जाता है कि सोरों सूकर क्षेत्र में भगवान विष्णु के तीसरे अवतार के रूप में श्री बराह भगवान की निर्वाण स्थली है.

सोरों सूकर क्षेत्र के अन्तर्गत जो कुंड (हरिपदी गंगा) है. यह वही स्थान है जहां भगवान श्री बराह ने स्वर्गारोहरण किया था. तभी से इस कुंड में मृत्यु के पश्चात अस्थियों का विसर्जन किया जाता है.

सोरों सूकर क्षेत्र को मोक्ष प्रदान करने वाले तीर्थ के रूप में माना जाता है. योगी सरकार की कोशिशों से सोरों एवं आसपास धार्मिक, आध्यात्मिक एवं पौराणिक गतिविधियों में धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से विगत साढ़े चार वर्षों में काफी प्रगति हुई है.

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद कासगंज स्थित पवित्र सूकर क्षेत्र-सोरों को तीर्थस्थल घोषित करने का निर्णय लिया है. सनातन आस्थावलंबियों की इस दशकों पुरानी मांग के पूरी होने के संबंध में गुरुवार को मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर जानकारी दी.

तीर्थ स्थल के रूप में इस प्राचीन एवं पवित्र तीर्थ को संरक्षण मिलने से उसके अंतर्गत आने वाले अनेकों छोटे-छोटे तीर्थों के जीर्णोद्धार में सुगमता होगी. साथ ही चक्रतीर्थ, योगतीर्थ, सूर्यतीर्थ, सोमतीर्थ एवं साकोटकतीर्थ आदि को भी लाभ होगा.

यही नहीं, सोरों सूकर क्षेत्र के तीर्थ स्थल घोषित होने से विकास के साथ-साथ स्थानीय निवासियों को रोजगार के नए साधन भी उपलब्ध होंगे. लंबे समय से संत-महात्माओं और विभिन्न संगठनों की ओर से सूकर क्षेत्र-सोरों को तीर्थस्थल घोषित करने की मांग की जा रही थी जिसे योगी सरकार ने पूरा कर दिया.

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ब्रजक्षेत्र स्थित सूकर क्षेत्र सोरों जनपद कासगंज भारत का आदितीर्थ है. विभिन्न पुराणों में सोरों सूकर क्षेत्र का महत्व बताया गया है. माना जाता है कि सोरों सूकर क्षेत्र में भगवान विष्णु के तीसरे अवतार के रूप में श्री बराह भगवान की निर्वाण स्थली है.

सोरों सूकर क्षेत्र के अन्तर्गत जो कुंड (हरिपदी गंगा) है. यह वही स्थान है जहां भगवान श्री बराह ने स्वर्गारोहरण किया था. तभी से इस कुंड में मृत्यु के पश्चात अस्थियों का विसर्जन किया जाता है.

सोरों सूकर क्षेत्र को मोक्ष प्रदान करने वाले तीर्थ के रूप में माना जाता है. योगी सरकार की कोशिशों से सोरों एवं आसपास धार्मिक, आध्यात्मिक एवं पौराणिक गतिविधियों में धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से विगत साढ़े चार वर्षों में काफी प्रगति हुई है.

Last Updated : Oct 28, 2021, 5:01 PM IST
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