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सीएम योगी बोले, मंदिरों से कोई भूखा न जाए, बच्चों को मिले वैदिक ज्ञान - हजरतगंज में हनुमंत धाम मंदिर

लखनऊ में हजरतगंज में गोमती नदी के तट पर हनुमंत धाम मंदिर के पुनरुद्धार के मौके पर 108 फीट की बजरंग बली की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई. इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंदिरों में भंडारे और वैदिक ज्ञान को लेकर खास बातें कहीं.

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यह बोले सीएम योगी आदित्यनाथ.
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Published : Jul 6, 2022, 3:17 PM IST

Updated : Jul 6, 2022, 7:18 PM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि हमारे मंदिर ऐसे स्थान होने चाहिए जहां दर्शन के बाद सभी को प्रसाद मिले. किसी की जाति को न देखा जाए, मंदिरों से कोई भूखा न जाए, इसकी व्यवस्था करनी होगी. उन्होंने कहा कि हमारी प्राचीन व्यवस्था में खाद्य सुरक्षा की जिम्मेदारी मठ, मंदिर और आश्रम ही उठाते थे. मेरे गुरु महंत अवैद्यनाथ ने भी मुझसे यही कहा था. इसके अलावा मंदिरों की यह जिम्मेदारी है कि वे बच्चों को वैदिक ज्ञान से परिचित करवाएं.

हजरतगंज में गोमती नदी के तट पर हनुमंत धाम मंदिर के पुनरुद्धार के मौके पर 108 फीट की बजरंग बली की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई. इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे. उनके अलावा हरिद्वार से आए जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर महंत अवधेशानंद गिरी ने विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहे. यह प्राण प्रतिष्ठा और मंदिर का पुनरुद्धार इकाना स्टेडियम का निर्माण करवाने वाले उदय सिन्हा, भाई विजय सिन्हा के परिवार की ओर से करवाई गई है. इस कार्यक्रम में महंत गोमती बाबा, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, पूर्व मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह, आशुतोष टंडन, वरिष्ठ भाजपा नेता अपर्णा यादव बिष्ट के अलावा प्रमुख सचिव सूचना नवनीत सहगल भी मौजूद रहे.

यह बोले सीएम योगी आदित्यनाथ.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मंदिर की बाहरी आभा से पता चलता है कि यह प्राचीन है इसलिए इसका पुनरुद्धार आवश्यक था. देवस्थल हमारी श्रद्धा के केंद्र बिंदु हैं. जब शंकराचार्य चारधाम की स्थापना करते हैं तो राजनीति बाधक नहीं बनती है. हमारे देश में द्वादश ज्योतिर्लिंग और 54 शक्तिपीठ हैं. श्रद्धा से व्यक्ति देवालय जाता है. हमारे देव मंदिर लोक कल्याण का माध्यम हैं. मंदिरों से कोई भूखा न जाए यह जिम्मेदारी मंदिरों को उठानी होगी.
कोरोना में हमने किसी को भूखा नहीं रहने दिया है. यह जिम्मेदारी अब मंदिरों को उठानी पड़ेगी. मंदिरों में यह व्यवस्था होनी चाहिए कि सनातनी बच्चे वहां वैदिक परंपरा का अध्ययन करें. मंदिर से कोई कूड़ा कचरा गोमती में न जाए. इस नदी के जल में औषधीय पौधे लगाए जाएं. तभी मंदिर की सार्थकता सिद्ध होगी.
स्वामी अवधेशानन्द गिरी महाराज ने कहा कि बहुत खुश हूं कि यहां सवा लाख बजरंग बली की प्रतिमा है. हनुमान किम पुरुष है. वे चिरंजीवी है. वे अनेक रूप धारण कर सकते हैं, जो किसी भी अवस्था आ सकता है. गुप्त नवरात्र पर आज उत्कृष्ट मुहूर्त है. गोमती अमर्तो भवः हैं. गोलोक से आकर जो हमारी मति को गोमति से पवित्र कर दे वह गोमती नदी है. योगी हिंदू हृदय सम्राट है. वे भारत का गौरव हैं. उन्होंने कहा कि सिन्हा बंधुओं को मैं धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने इस प्राचीन मंदिर को बनवाया है.

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि हमारे मंदिर ऐसे स्थान होने चाहिए जहां दर्शन के बाद सभी को प्रसाद मिले. किसी की जाति को न देखा जाए, मंदिरों से कोई भूखा न जाए, इसकी व्यवस्था करनी होगी. उन्होंने कहा कि हमारी प्राचीन व्यवस्था में खाद्य सुरक्षा की जिम्मेदारी मठ, मंदिर और आश्रम ही उठाते थे. मेरे गुरु महंत अवैद्यनाथ ने भी मुझसे यही कहा था. इसके अलावा मंदिरों की यह जिम्मेदारी है कि वे बच्चों को वैदिक ज्ञान से परिचित करवाएं.

हजरतगंज में गोमती नदी के तट पर हनुमंत धाम मंदिर के पुनरुद्धार के मौके पर 108 फीट की बजरंग बली की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई. इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे. उनके अलावा हरिद्वार से आए जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर महंत अवधेशानंद गिरी ने विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहे. यह प्राण प्रतिष्ठा और मंदिर का पुनरुद्धार इकाना स्टेडियम का निर्माण करवाने वाले उदय सिन्हा, भाई विजय सिन्हा के परिवार की ओर से करवाई गई है. इस कार्यक्रम में महंत गोमती बाबा, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, पूर्व मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह, आशुतोष टंडन, वरिष्ठ भाजपा नेता अपर्णा यादव बिष्ट के अलावा प्रमुख सचिव सूचना नवनीत सहगल भी मौजूद रहे.

यह बोले सीएम योगी आदित्यनाथ.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मंदिर की बाहरी आभा से पता चलता है कि यह प्राचीन है इसलिए इसका पुनरुद्धार आवश्यक था. देवस्थल हमारी श्रद्धा के केंद्र बिंदु हैं. जब शंकराचार्य चारधाम की स्थापना करते हैं तो राजनीति बाधक नहीं बनती है. हमारे देश में द्वादश ज्योतिर्लिंग और 54 शक्तिपीठ हैं. श्रद्धा से व्यक्ति देवालय जाता है. हमारे देव मंदिर लोक कल्याण का माध्यम हैं. मंदिरों से कोई भूखा न जाए यह जिम्मेदारी मंदिरों को उठानी होगी.
कोरोना में हमने किसी को भूखा नहीं रहने दिया है. यह जिम्मेदारी अब मंदिरों को उठानी पड़ेगी. मंदिरों में यह व्यवस्था होनी चाहिए कि सनातनी बच्चे वहां वैदिक परंपरा का अध्ययन करें. मंदिर से कोई कूड़ा कचरा गोमती में न जाए. इस नदी के जल में औषधीय पौधे लगाए जाएं. तभी मंदिर की सार्थकता सिद्ध होगी.
स्वामी अवधेशानन्द गिरी महाराज ने कहा कि बहुत खुश हूं कि यहां सवा लाख बजरंग बली की प्रतिमा है. हनुमान किम पुरुष है. वे चिरंजीवी है. वे अनेक रूप धारण कर सकते हैं, जो किसी भी अवस्था आ सकता है. गुप्त नवरात्र पर आज उत्कृष्ट मुहूर्त है. गोमती अमर्तो भवः हैं. गोलोक से आकर जो हमारी मति को गोमति से पवित्र कर दे वह गोमती नदी है. योगी हिंदू हृदय सम्राट है. वे भारत का गौरव हैं. उन्होंने कहा कि सिन्हा बंधुओं को मैं धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने इस प्राचीन मंदिर को बनवाया है.
Last Updated : Jul 6, 2022, 7:18 PM IST
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