लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी जवाबदेही जनता के प्रति होनी चाहिए. जनप्रतिनिधि को अपना जीवन जनता के लिए समर्पित करना चाहिए और नकारात्मकता जनप्रतिनिधि के लिए खतरनाक है. साथ ही उन्होंने विधायकों को ठेका पट्टी व ट्रांसफर पोस्टिंग से दूर रहने की भी नसीहत दी. दरअसल, मुख्यमंत्री शनिवार को विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम में बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने नकारात्मकता को लेकर कई उदाहरण पेश किए और कहा कि एक विधायक बार-बार धरना प्रदर्शन करते थे. इस बार चुनाव हार गए और तो और वो चौथे नंबर पर पहुंच गए. मुख्यमंत्री ने कहा कि ठेका पट्टी से अनुराग रखने वाले नेता नीचे खिसकते जाते हैं. अगर जाति की राजनीति होती तो सुरेश खन्ना व सतीश महाना कैसे जीतते. कई सदस्य जनता के प्रति तटस्थता रखते हैं. ठेका पट्टी व ट्रांसफर पोस्टिंग से विधायक दूर रहें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल के मार्गदर्शन में यूपी आगे बढ़ रहा है. यूपी विधानसभा अब वैसी हो गई है, जैसी दिखनी चाहिए. सदन में लगी डिवाइस मोबाइल फोन की तरह ही इस्तेमाल में आसान है. केवल इसे रुचि से सीखना होगा. राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के लिए जरूरत पड़े तो अध्यक्ष जी को रात में भी सदन चलाना चाहिए. इतना ही नहीं आगे उन्होंने कहा कि हमने नेशनल ई विधान सबसे पहले लागू किया.
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सीएम ने कहा कि गोरखपुर में मैं 1998 में सांसद बना. जब मैंने मेडिकल कॉलेज का हाल देखा तो वहां कुछ भी नहीं था. ऐसे में मैंने 100 बेडशीट खरीदा और तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह से कहकर मुफ्त में उपचार शुरू करवाया. इतना ही नहीं व्यवस्थाओं को लेकर संसद में सवाल भी उठाए. खैर, तब प्रमोद महाजन जी ने मौका नहीं दिया. मगर बाद में संसद में अपनी बातें रखने का मौका मिला और कई सांसदों ने मेरा समर्थन भी किया. उन्होंने कहा कि काम करने वाले को जनता भी याद रखती है.
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