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सीएम योगी ने महात्मा ज्योतिबा फुले को दी श्रद्धांजलि, कहा- महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अर्पण किया जीवन - आज की ताजा खबर

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
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Published : Apr 11, 2022, 6:46 AM IST

Updated : Apr 11, 2022, 8:26 AM IST

  • अद्भुत विचारक, प्रखर समाजसेवी, वंचितों, शोषितों व महिलाओं के सशक्तिकरण व उन्नयन हेतु अपना सम्पूर्ण जीवन अर्पण करने वाले 'युग पुरुष' महात्मा ज्योतिबा फुले जी की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!

    — Yogi Adityanath (@myogiadityanath) April 10, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

06:35 April 11

सीएम योगी ने महात्मा ज्योतिबा फुले को श्रद्धांजलि

लखनऊ: महात्मा ज्योतिबा फुले की आज जयंती है. इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि अपर्ति की है. मुख्यमंत्री योगी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, "अद्भुत विचारक, प्रखर समाजसेवी, वंचितों, शोषितों व महिलाओं के सशक्तिकरण व उन्नयन हेतु अपना सम्पूर्ण जीवन अर्पण करने वाले 'युग पुरुष' महात्मा ज्योतिबा फुले जी की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!"

महात्मा ज्योतिबा फुले का जन्म 11 अप्रैल 1827 को पुणे में हुआ था. उन्हें जातिगत भेदभाव को दूर करने के लिए और समाज के उत्थान के लिए जाना जाता है. 1848 में ज्योतिबा फुले अपने एक ब्राह्मण मित्र के विवाह में सम्मलित हुए थे और वहां दूल्हे के परिजनों ने जाति को लेकर उनका अपमान किया था. इस घटना ने ज्योतिबा फुले पर काफी प्रभाव डाला.

समाज की कुरीतियों को दूर करने के लिए ज्योतिबा फुले ने अछूतों और लड़कियों की पढ़ाई के लिए एक स्कूल की शुरुआत की. सबसे पहले उन्होंने अपनी पत्नी सावित्रीबाई पढ़ना-लिखना सिखाया. इस तरह 1848 में सावित्रीबाई पहली महिला शिक्षिका बनीं और लोगों तक लड़कियों और अछूतों की शिक्षा के महत्व को पहुंचाया. इस पहल को समाज ने स्वीकार किया. हालांकि, इस बीच दोनों को बहुत सी समस्याओं को सामना करना पड़ा.

यह भी पढ़ें: PM मोदी को राम और CM योगी को कृष्ण बताने वाले कामरान की पिटाई के बाद दबंगों ने घर पर फेंके पत्थर, वीडियो आया सामने

आज स्कूलों में लड़कियां पढ़ रही हैं. इतना हीं नहीं, वह देश-विदेश में पुरुषों से कंधा से कंधा मिलाकर चल रही हैं. इसका श्रेय अगर किसी को जाता है तो उसमें महात्मा ज्योतिबा फुले को सबसे पहले स्थान पर माना जाता है.

  • अद्भुत विचारक, प्रखर समाजसेवी, वंचितों, शोषितों व महिलाओं के सशक्तिकरण व उन्नयन हेतु अपना सम्पूर्ण जीवन अर्पण करने वाले 'युग पुरुष' महात्मा ज्योतिबा फुले जी की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!

    — Yogi Adityanath (@myogiadityanath) April 10, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

06:35 April 11

सीएम योगी ने महात्मा ज्योतिबा फुले को श्रद्धांजलि

लखनऊ: महात्मा ज्योतिबा फुले की आज जयंती है. इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि अपर्ति की है. मुख्यमंत्री योगी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, "अद्भुत विचारक, प्रखर समाजसेवी, वंचितों, शोषितों व महिलाओं के सशक्तिकरण व उन्नयन हेतु अपना सम्पूर्ण जीवन अर्पण करने वाले 'युग पुरुष' महात्मा ज्योतिबा फुले जी की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!"

महात्मा ज्योतिबा फुले का जन्म 11 अप्रैल 1827 को पुणे में हुआ था. उन्हें जातिगत भेदभाव को दूर करने के लिए और समाज के उत्थान के लिए जाना जाता है. 1848 में ज्योतिबा फुले अपने एक ब्राह्मण मित्र के विवाह में सम्मलित हुए थे और वहां दूल्हे के परिजनों ने जाति को लेकर उनका अपमान किया था. इस घटना ने ज्योतिबा फुले पर काफी प्रभाव डाला.

समाज की कुरीतियों को दूर करने के लिए ज्योतिबा फुले ने अछूतों और लड़कियों की पढ़ाई के लिए एक स्कूल की शुरुआत की. सबसे पहले उन्होंने अपनी पत्नी सावित्रीबाई पढ़ना-लिखना सिखाया. इस तरह 1848 में सावित्रीबाई पहली महिला शिक्षिका बनीं और लोगों तक लड़कियों और अछूतों की शिक्षा के महत्व को पहुंचाया. इस पहल को समाज ने स्वीकार किया. हालांकि, इस बीच दोनों को बहुत सी समस्याओं को सामना करना पड़ा.

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आज स्कूलों में लड़कियां पढ़ रही हैं. इतना हीं नहीं, वह देश-विदेश में पुरुषों से कंधा से कंधा मिलाकर चल रही हैं. इसका श्रेय अगर किसी को जाता है तो उसमें महात्मा ज्योतिबा फुले को सबसे पहले स्थान पर माना जाता है.

Last Updated : Apr 11, 2022, 8:26 AM IST
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