लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लोक भवन में सातवीं आर्थिक गणना 2019 का शुभारंभ किया. सीएम योगी ने बटन दबाकर ऐप का शुभारंभ किया. मोबाइल ऐप के माध्यम से आर्थिक गणना की जाएगी. इसके साथ ही आर्थिक गणना का कार्य प्रदेश के सभी जिलों में प्रारंभ हो जाएगा. यह आर्थिक गणना सीएससी, ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड करेगी.
आर्थिक गणना में दो लाख कर्मियों की तैनाती
- आर्थिक गणना में करीब दो लाख कर्मचारियों को लगाया गया है.
- इसमें 60 हजार पर्यवेक्षकों की भी तैनाती की गई.
- मोबाइल ऐप के माध्यम से आर्थिक गणना होगी.
- 3.5 माह में आर्थिक गणना पूरी की जाएगी.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आर्थिक गणना का अपना महत्त्व होता है. इसके जरिए हम यह तय कर पाएंगे कि आगे काम कैसे करना है. नेशनल एवरेज के बराबर ही पहले उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय थी, लेकिन समय के साथ यह पिछड़ गई. इस समय आधी रह गई है, जिसका सबसे बड़ा कारण परंपरागत उद्योगों का बंद होना है.
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प्रदेश की आय 28 फीसदी बढ़ोत्तरी
सीएम ने कहा कि हम लोग 'एक जनपद एक उत्पाद' को लेकर आए और परंपरागत उद्योग को आगे बढ़ाया. इसके बड़े अच्छे परिणाम हैं. देश के अन्य प्रदेश का प्रोडक्शन छह से आठ फीसदी बढ़ा, जबकि अकेले उत्तर प्रदेश की आय 28 फीसदी बढ़ी है.
साढ़े तीन माह में आर्थिक गणना का होगा काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगे साढ़े तीन माह में आर्थिक गणना का काम किया जाएगा. इससे आने वाले समय में उद्यमियों के लिए ठोस कार्य योजना बनाने में सहायता मिलेगी. इसके जरिए भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने में सफल होंगे. बहुत ही ऐसे छोटे बड़े कस्बे हैं, जहां अभी तक लोग पहुंच नहीं पाए हैं. इस गणना के माध्यम से सभी की जानकारी एकत्रित की जाएगी.
पहली बार 1977 में हुई थी आर्थिक गणना
भारत सरकार द्वारा पहली बार वर्ष 1977 में देशव्यापी आर्थिक गणना कराई गई थी. औद्योगिक इकाइयों की गतिशीलता एवं नश्वरता के दृष्टिगत प्रत्येक पांच वर्ष के अंतराल पर आर्थिक गणना की पुनरावृत्ति कराई जा रही है. इसी क्रम में वर्ष 1977, 1981, 1991, 1998, 2005 और 2012 को मिलाकर छह बार आर्थिक गणना कराई जा चुकी है.
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मुख्य सचिव आरके तिवारी ने कहा कि आर्थिक गणना बहुत लाभ देने वाली होगी. इसमें यूपी सरकार पूरी मदद करेगी. इसके अलावा राष्ट्रीय सांख्यिकी उप महानिदेशक सीएस मिश्र सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन महानिदेशक विजय कुमार ने भी अपने विचार रखे.