लखनऊ: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से चयनित स्टाफ नर्सों (UPPSC Staff nurse joining letter 2022) को रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नियुक्ति पत्र प्रदान किया. इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में काम करने वाले हर एक स्टॉफ नर्स, कर्मचारी, पैरामेडिकल कर्मचारी और डॉक्टरों को अपना व्यवहार ठीक रखना चाहिए. मरीज बीमारी से परेशान होकर चिकित्सालय में इलाज के लिए आता है. अगर उसके साथ आप सभी अच्छा व्यवहार नहीं करेंगे तो वह बीमारी से ठीक नहीं हो पाएगा.
सीएम योगी ने कहा कि अस्पताल में अच्छा वातावरण बनाएं, ताकि मरीज अस्पताल पहुंचकर जल्दी ठीक हो. ऐसा होगा जब आप मरीज से अच्छे से व्यवहार करेंगे. सिर्फ दवा से मरीज ठीक नहीं होता. डॉक्टर्स और नर्स जो मरीज का इलाज कर रहा है, अगर उनका व्यवहार अच्छा होगा, तो मरीज जल्दी स्वस्थ हो जाएगा. नर्स को अस्पताल में सभी सिस्टर कहते हैं. जो अपने आप में सम्मान वाला शब्द है. इसलिए आपको भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी.
स्टाफ नर्स को नियुक्ति पत्र प्रदान करते हुए सीएम योगी ने कहा कि नियुक्ति के समय सभी डॉक्टर, नर्स और कर्मचारी यह शपथ लेते हैं कि वह मरीजों की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे. ऐसे में कभी भी अपने शपथ को नहीं भूलना है. ड्यूटी जॉइन करने से पहले आप जो शपथ ले रहे हैं, उसे हमेशा याद रखना है. शपथ को हमेशा याद रखते हुए मरीजों की देखभाल करनी है. जब आप मरीज की इलाज करेंगे और आपका व्यवहार अच्छा होगा तो मरीज जल्द से जल्द बीमारी से ठीक हो जाएगा. उस समय आपके मन को तसल्ली मिलेगी. आप यह अपने काम से संतुष्ट होंगे. अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टर के लिए कैडेर बनाया गया है. विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को भेज दिया गया है और जल्दी सभी 75 जिलों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति होगी.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 3 बार संचारी रोग से निपटने के लिए विशेष संचारी अभियान चलाया जाता है. इस बार भी डेंगू मलेरिया टाइफाइड चिकनगुनिया फैलने ने से पहले संचारी अभियान चलाया गया था. जिसके कारण पिछले साल की तुलना में इस बार डेंगू मरीजों की संख्या काफी कम रही. वहीं, पिछले साल मरने वालों की हजारों संख्या थी. इस बार संचारी रोग से बहुत अधिक क्षति नहीं हुई है और वर्तमान में हमने 95 फीसदी संचारी रोग पर काबू पा लिया है. इसके लिए हमारे चिकित्सकों नर्सों और स्वास्थ्य कर्मचारी को श्रेय जाता है.
प्रदेश सरकार लगातार चिकित्सा सुविधा को बेहतर बनाने के लिए कार्य कर रही है. जल्दी प्रदेश के 75 जिलों में मेडिकल कॉलेज होगा. सभी मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स, लैब टेक्नीशियन, स्वास्थ्य कर्मचारी, एएनएम और जीएनएम की आवश्यकता भी होगी. जब सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज हो जाएगा, तो मरीज का इलाज कही भी किया जा सकेगा. ऐसे में राजधानी लखनऊ के पीजीआई, लोहिया, केजीएमयू में 8 से 10 हजार मरीज रोजाना इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. उनकी संख्या भी कम होगी. अंत में उन्होंने कहा किी वर्तमान में जो विद्यार्थी बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई कर रहे हैं, वह अच्छी तरह से पढ़ाई करें. ताकि उनका भविष्य उज्जवल हो.उन्हें इस बात की गंभीरता को समझना होगा कि इस पेशे में सब्र का होना बहुत अनिवार्य है.
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