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अवैध होटल को संरक्षण देने वाले अफसरों की फंसी लिस्ट, सीएम ने मांगी रिपोर्ट - होटल विराट इंटरनेशनल

राजधानी लखनऊ के नाका चारबाग के अवैध होटल विराट इंटरनेशनल को संरक्षण देने वाले जिम्मेदार अधिकारियों व अभियंताओं के नाम की लिस्ट सीएम योगी को भेजने को लेकर अधिकारियों की हालत खराब है. वहीं लखनऊ विकास प्राधिकरण सोमवार तक नाम उपलब्ध कराने का समय मांगा है.

सीएम ने मांगी रिपोर्ट
सीएम ने मांगी रिपोर्ट
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Published : Jan 10, 2021, 7:08 AM IST

लखनऊ : नाका चारबाग के अवैध होटल विराट इंटरनेशनल को संरक्षण देने वाले जिम्मेदार अधिकारियों व अभियंताओं के नाम की लिस्ट सीएम योगी को भेजे जाने को लेकर लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारी पसीना-पसीना हो रहे हैं. दूसरी तरफ सीएम की नाराजगी के बावजूद अभियंता इस लिस्ट को तैयार करने में भी गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं. शुक्रवार को शासन स्तर पर शनिवार को हर हाल में जिम्मेदार अभियंताओं और अधिकारियों के नाम शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे. बावजूद उसके शनिवार को भी शासन को रिपोर्ट नहीं सौंपी जा सकी. अब सोमवार तक का समय अधिकारियों ने मांगा है.

एलडीए के अधिकारियों ने सोमवार तक का मांगा समय

अब एलडीए के अधिकारियों ने सोमवार तक का समय शासन से मांगा है. देखने वाली बात यह होगी कि सोमवार को अवैध होटल को संरक्षण देने वाले अधिकारियों और अभियंताओं के नाम वाली रिपोर्ट शासन को भेजी जाती है या फिर एलडीए के अधिकारी को कोई और बहाना ढूंढते हैं. उल्लेखनीय है कि नाका चारबाग स्थित अवैध होटल में आग लगने के कारण जून 2018 में 7 लोगों की मौत हो गई थी.

संरक्षण देने वालों का सीएम ने मांगा है रिपोर्ट

अवैध होटल को संरक्षण देने वाले एलडीए के अधिकारी और अभियंताओं पर कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरी रिपोर्ट तलब की है. शुक्रवार को शासन स्तर पर भी प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार की अध्यक्षता में बैठक हुई. शनिवार तक हर हाल में दोषी लोगों के नाम की रिपोर्ट मांगी गई. लेकिन शनिवार को भी एलडीए के अधिकारी जिम्मेदारों के नाम शासन को नहीं दे पाए. अब सोमवार तक का समय शासन से मांगा गया है.

30 अधिकारी व अभियंताओं के नाम हो सकते हैं शामिल

लखनऊ विकास प्राधिकरण से जुड़े सूत्र बताते हैं कि जून 2018 में जब नाका चारबाग स्थित अवैध होटल में आग लगी थी, उसमें 7 लोगों की मौत हो गई. लेकिन कार्रवाई के लिए हुए प्रयास के बाद भी कुछ नहीं हुआ. ऐसे में अब उस कालखंड में अवैध होटल को किन-किन अधिकारियों ने संरक्षण दिया, साथ ही नोटिस जारी होने के बावजूद अवैध होटल के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, ऐसे सभी लोगों के नाम मुख्यमंत्री को भेजने हैं. यही नहीं, अब 2012 से लेकर 2018 तक नाका चारबाग क्षेत्र में तैनात रहे अवर अभियंता, सहायक अभियंता, अधिशासी अभियंता विहित प्राधिकारी व अन्य जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर उनके नाम की रिपोर्ट शासन को भेजनी है.

पहले की रिपोर्ट में 24 थे दोषी, लेकिन नहीं हो सकी थी कार्रवाई

सूत्र बताते हैं कि इस मामले में पीसीएस अधिकारी से लेकर आईएएस अधिकारी व कई वरिष्ठ अभियंता भी शामिल हैं, जिनके नाम शासन को भेजने हैं. इससे पहले भी मुख्यमंत्री स्तर पर गठित कमेटी ने 24 लोगों को दोषी पाते हुए रिपोर्ट शासन को भेजी थी. लेकिन इनमें आईएएस, पीसीएस अधिकारी व कई सीनियर अभियंताओं के नाम होने की वजह से इन पर कार्रवाई नहीं हो सकी थी. एक बार फिर अब मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद रिपोर्ट भेजी जानी है.

कब तक होती है जिम्मेदारों पर कार्रवाई ?

अब देखने वाली बात यह होगी कि रिपोर्ट में जिन लोगों के नाम भेजे जाएंगे, उन पर कब तक और किस प्रकार की कार्रवाई होती है. वहीं अब 12 जनवरी को होटल को बुलडोजर से गिराने की भी कार्रवाई की जानी है. इसके लिए संयुक्त सचिव विहित प्राधिकारी ऋतु सुहास की तरफ से 12 जनवरी को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए पुलिस व प्रवर्तन दस्ते को आदेशित किया गया है.

घनी आबादी में भ्रष्टाचार करके बना अवैध होटल

चौंकाने वाली बात तो यह थी कि नाका चारबाग जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्र में यह अवैध होटल अफसरों और अभियंताओं के संरक्षण में बनता चला गया. इसमें कई मंजिल तक निर्माण किया गया और कई साल तक अवैध रूप से संचालित होता रहा. यही नहीं, इस होटल के खिलाफ कार्रवाई के लिए विहित प्राधिकारी की तरफ से नोटिस भी जारी की गई थी. इसे ध्वस्त करने के आदेश भी हुए थे, बावजूद इसके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई. अभियंता मिलीभगत व भ्रष्टाचार कर इस अवैध होटल को संरक्षण देते चले गए. जब 2018 के जून महीने में होटल में आग लगी तो इस अवैध होटल ने 7 लोगों की जिंदगी लील ली. उसके बाद से अब तक जिम्मेदारों पर कार्रवाई का इंतजार हो रहा है.

ढाई साल से दोषियों को बचाने का होता रहा है खेल

पिछले ढाई साल से इस पूरे मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण के स्तर पर दोषी व जिम्मेदार अभियंताओं, अधिकारियों को बचाने का खेल लगातार चलता आ रहा है. अब सीएम की नाराजगी और रिपोर्ट मांगे जाने के बाद अब उम्मीद है कि जल्द ही होटल में आग लगने और सात लोगों की मौत के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो सकेगी.

ये था मामला-

राजधानी लखनऊ के नाका स्थित एक होटल में जून 2018 में आग लगने से 7 लोगों की मौत हो गई थी. यह होटल बिना मानचित्र व फायर एनओसी के संचालित हो रहा था. इसके अलावा अन्य मानकों के विपरीत होटल संचालित हो रहा था, लेकिन जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई नहीं हो सकी.

लखनऊ : नाका चारबाग के अवैध होटल विराट इंटरनेशनल को संरक्षण देने वाले जिम्मेदार अधिकारियों व अभियंताओं के नाम की लिस्ट सीएम योगी को भेजे जाने को लेकर लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारी पसीना-पसीना हो रहे हैं. दूसरी तरफ सीएम की नाराजगी के बावजूद अभियंता इस लिस्ट को तैयार करने में भी गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं. शुक्रवार को शासन स्तर पर शनिवार को हर हाल में जिम्मेदार अभियंताओं और अधिकारियों के नाम शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे. बावजूद उसके शनिवार को भी शासन को रिपोर्ट नहीं सौंपी जा सकी. अब सोमवार तक का समय अधिकारियों ने मांगा है.

एलडीए के अधिकारियों ने सोमवार तक का मांगा समय

अब एलडीए के अधिकारियों ने सोमवार तक का समय शासन से मांगा है. देखने वाली बात यह होगी कि सोमवार को अवैध होटल को संरक्षण देने वाले अधिकारियों और अभियंताओं के नाम वाली रिपोर्ट शासन को भेजी जाती है या फिर एलडीए के अधिकारी को कोई और बहाना ढूंढते हैं. उल्लेखनीय है कि नाका चारबाग स्थित अवैध होटल में आग लगने के कारण जून 2018 में 7 लोगों की मौत हो गई थी.

संरक्षण देने वालों का सीएम ने मांगा है रिपोर्ट

अवैध होटल को संरक्षण देने वाले एलडीए के अधिकारी और अभियंताओं पर कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरी रिपोर्ट तलब की है. शुक्रवार को शासन स्तर पर भी प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार की अध्यक्षता में बैठक हुई. शनिवार तक हर हाल में दोषी लोगों के नाम की रिपोर्ट मांगी गई. लेकिन शनिवार को भी एलडीए के अधिकारी जिम्मेदारों के नाम शासन को नहीं दे पाए. अब सोमवार तक का समय शासन से मांगा गया है.

30 अधिकारी व अभियंताओं के नाम हो सकते हैं शामिल

लखनऊ विकास प्राधिकरण से जुड़े सूत्र बताते हैं कि जून 2018 में जब नाका चारबाग स्थित अवैध होटल में आग लगी थी, उसमें 7 लोगों की मौत हो गई. लेकिन कार्रवाई के लिए हुए प्रयास के बाद भी कुछ नहीं हुआ. ऐसे में अब उस कालखंड में अवैध होटल को किन-किन अधिकारियों ने संरक्षण दिया, साथ ही नोटिस जारी होने के बावजूद अवैध होटल के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, ऐसे सभी लोगों के नाम मुख्यमंत्री को भेजने हैं. यही नहीं, अब 2012 से लेकर 2018 तक नाका चारबाग क्षेत्र में तैनात रहे अवर अभियंता, सहायक अभियंता, अधिशासी अभियंता विहित प्राधिकारी व अन्य जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर उनके नाम की रिपोर्ट शासन को भेजनी है.

पहले की रिपोर्ट में 24 थे दोषी, लेकिन नहीं हो सकी थी कार्रवाई

सूत्र बताते हैं कि इस मामले में पीसीएस अधिकारी से लेकर आईएएस अधिकारी व कई वरिष्ठ अभियंता भी शामिल हैं, जिनके नाम शासन को भेजने हैं. इससे पहले भी मुख्यमंत्री स्तर पर गठित कमेटी ने 24 लोगों को दोषी पाते हुए रिपोर्ट शासन को भेजी थी. लेकिन इनमें आईएएस, पीसीएस अधिकारी व कई सीनियर अभियंताओं के नाम होने की वजह से इन पर कार्रवाई नहीं हो सकी थी. एक बार फिर अब मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद रिपोर्ट भेजी जानी है.

कब तक होती है जिम्मेदारों पर कार्रवाई ?

अब देखने वाली बात यह होगी कि रिपोर्ट में जिन लोगों के नाम भेजे जाएंगे, उन पर कब तक और किस प्रकार की कार्रवाई होती है. वहीं अब 12 जनवरी को होटल को बुलडोजर से गिराने की भी कार्रवाई की जानी है. इसके लिए संयुक्त सचिव विहित प्राधिकारी ऋतु सुहास की तरफ से 12 जनवरी को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए पुलिस व प्रवर्तन दस्ते को आदेशित किया गया है.

घनी आबादी में भ्रष्टाचार करके बना अवैध होटल

चौंकाने वाली बात तो यह थी कि नाका चारबाग जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्र में यह अवैध होटल अफसरों और अभियंताओं के संरक्षण में बनता चला गया. इसमें कई मंजिल तक निर्माण किया गया और कई साल तक अवैध रूप से संचालित होता रहा. यही नहीं, इस होटल के खिलाफ कार्रवाई के लिए विहित प्राधिकारी की तरफ से नोटिस भी जारी की गई थी. इसे ध्वस्त करने के आदेश भी हुए थे, बावजूद इसके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई. अभियंता मिलीभगत व भ्रष्टाचार कर इस अवैध होटल को संरक्षण देते चले गए. जब 2018 के जून महीने में होटल में आग लगी तो इस अवैध होटल ने 7 लोगों की जिंदगी लील ली. उसके बाद से अब तक जिम्मेदारों पर कार्रवाई का इंतजार हो रहा है.

ढाई साल से दोषियों को बचाने का होता रहा है खेल

पिछले ढाई साल से इस पूरे मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण के स्तर पर दोषी व जिम्मेदार अभियंताओं, अधिकारियों को बचाने का खेल लगातार चलता आ रहा है. अब सीएम की नाराजगी और रिपोर्ट मांगे जाने के बाद अब उम्मीद है कि जल्द ही होटल में आग लगने और सात लोगों की मौत के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो सकेगी.

ये था मामला-

राजधानी लखनऊ के नाका स्थित एक होटल में जून 2018 में आग लगने से 7 लोगों की मौत हो गई थी. यह होटल बिना मानचित्र व फायर एनओसी के संचालित हो रहा था. इसके अलावा अन्य मानकों के विपरीत होटल संचालित हो रहा था, लेकिन जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई नहीं हो सकी.

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