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यूपी में एक नवंबर से होगी क्लस्टर मॉडल 2.0 की शुरुआत

कोरोना टीकाकरण अभियान में उत्तर प्रदेश दूसरे प्रदेशों से कहीं आगे है. प्रदेश ने सर्वाधिक टीकाकरण कर दूसरे प्रदेशों के सामने एक नजीर पेश की है.

क्लस्टर मॉडल 2.0 की शुरुआत
क्लस्टर मॉडल 2.0 की शुरुआत
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Published : Oct 24, 2021, 10:43 PM IST

लखनऊः कोरोना टीकाकरण अभियान में उत्तर प्रदेश दूसरे प्रदेशों से कहीं आगे है.सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार एक सधी रणनीति के तहत तेजी से टीकाकरण किया जा रहा है. प्रदेशवासियों को जल्द से जल्द टीकाकरण देने के उद्देश्य से प्रदेश में क्लस्टर अप्रोच को लागू किया गया था. जिसके तहत 19 अक्टूबर तक प्रदेश में करीब 64 फीसदी लोगों को टीके की पहली डोज और 19 फीसदी लोगों को दूसरी डोज दी जा चुकी है.

ग्रामों में क्लस्टर अप्रोच की सफलता को देखते हुए एक बार फिर से प्रदेश सरकार क्लस्टर अप्रोच 2.0 की शुरूआत करने जा रही है. टीकाकरण की दूसरी डोज की रफ्तार बढ़ाने के लिए वर्तमान में लागू टीकाकरण की व्यवस्थाएं फिक्स बूथ क्लस्टर अप्रोच, मेगा वैक्सीनेशन डे पहले की तरह लागू रहेंगे. प्रदेश में दूसरी डोज वैक्सीनेशन को वरीयता देते हुए शत-प्रतिशत टीकाकरण किया जाएगा. क्लस्टर मॉडल के जरिए जिन गावों, मोहल्लों में प्रथम डोज लगाने का कार्य सफलतापूर्वक किया गया था. उन गांवों में क्लस्टर मॉडल के तहत दूसरी डोज को लगाने का काम किया जाएगा.

टीकाकरण की पहली और दूसरी डोज के निर्धारित लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए अब ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. प्रदेश में एक बार फिर से क्लस्टर मॉडल 2.0 की शुरुआत एक नवंबर से होने जा रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण की रफ्तार को बढ़ाने के लिए ग्रामों को तीन वर्गों में बांट कर टीकाकरण किया जाएगा. जिस ग्राम पंचायत में पहली डोज पूरी तौर पर ग्रामवासियों की दी जा चुकी होगी. वहां दूसरी डोज देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इतना ही नहीं उस गांव को "प्रथम डोज संतृप्त ग्राम" की संज्ञा देने के साथ ही वहां के ग्राम प्रधान को सम्मानित भी किया जाएगा. वहीं दोनों डोज पूरी करने वाले ग्राम को कोविड सुरक्षित ग्राम की संज्ञा दी जाएगी. स्वास्थ्य विभाग द्वारा ब्लॉक स्तर पर सहभागी संस्थाओं (डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ समेत अन्‍य) के सहयोग से ग्रामों को वरीयता देते हुए क्लस्टर मॉडल कार्य योजना बनाई जाएगी.

प्रदेश में टीकाकरण टीम के साथ काम करने वाले मोबिलाइजर्स (आशा, आंगनबाडी, लिंक वर्कर) के द्वारा टीकाकरण दिवस पर क्षेत्र में टीकाकरण से छूटे हुए लोगों को चिन्हित किया जाएगा. ऐसे लोगों से संवाद स्‍थापित कर टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जाएगा. शहरी क्षेत्रों में जिन लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है, उनके लिए सुबह आठ बजे से रात दस बजे तक कम से कम एक फिक्सड कोविड टीकाकरण सत्र का संचालन किया जाएगा. जिसमें दो शिफ्टो में टीमे काम करेंगी.

इसे भी पढ़ें- यूपी भाजपा विधायक ने राजभर को बताया 'भैंस' तो बोले ओपी- दलितों से वोट न मांगे बीजेपी

भारत ने आज सौ करोड़ मुफ्त वैक्‍सीन की डोज देकर दुनिया के समक्ष नजीर पेश की है. जिसमें उत्‍तर प्रदेश ने अपनी अहम भूमिका निभाई है. सूबे के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुरू से ही कोरोना महामारी से निपटने में एक मजबूत हथियार के रूप में टीकाकरण अभियान पर विशेष जोर दिया. सर्वाधिक आबादी वाले उत्‍तर प्रदेश ने देश के दूसरे प्रदेशों को पीछे छोड़ते हुए कम समय में सबसे अधिक वैक्‍सीन की डोज दी है. 24 करोड़ वाली आबादी वाले यूपी में अब तक 12 करोड़ 54 लाख से अधिक टीकाकरण किया जा चुका है. जिसमें 09 करोड़ 58 लाख से अधिक पहली डोज और 02 करोड़ 95 लाख से अधिक दूसरी डोज दी जा चुकी है.

लखनऊः कोरोना टीकाकरण अभियान में उत्तर प्रदेश दूसरे प्रदेशों से कहीं आगे है.सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार एक सधी रणनीति के तहत तेजी से टीकाकरण किया जा रहा है. प्रदेशवासियों को जल्द से जल्द टीकाकरण देने के उद्देश्य से प्रदेश में क्लस्टर अप्रोच को लागू किया गया था. जिसके तहत 19 अक्टूबर तक प्रदेश में करीब 64 फीसदी लोगों को टीके की पहली डोज और 19 फीसदी लोगों को दूसरी डोज दी जा चुकी है.

ग्रामों में क्लस्टर अप्रोच की सफलता को देखते हुए एक बार फिर से प्रदेश सरकार क्लस्टर अप्रोच 2.0 की शुरूआत करने जा रही है. टीकाकरण की दूसरी डोज की रफ्तार बढ़ाने के लिए वर्तमान में लागू टीकाकरण की व्यवस्थाएं फिक्स बूथ क्लस्टर अप्रोच, मेगा वैक्सीनेशन डे पहले की तरह लागू रहेंगे. प्रदेश में दूसरी डोज वैक्सीनेशन को वरीयता देते हुए शत-प्रतिशत टीकाकरण किया जाएगा. क्लस्टर मॉडल के जरिए जिन गावों, मोहल्लों में प्रथम डोज लगाने का कार्य सफलतापूर्वक किया गया था. उन गांवों में क्लस्टर मॉडल के तहत दूसरी डोज को लगाने का काम किया जाएगा.

टीकाकरण की पहली और दूसरी डोज के निर्धारित लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए अब ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. प्रदेश में एक बार फिर से क्लस्टर मॉडल 2.0 की शुरुआत एक नवंबर से होने जा रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण की रफ्तार को बढ़ाने के लिए ग्रामों को तीन वर्गों में बांट कर टीकाकरण किया जाएगा. जिस ग्राम पंचायत में पहली डोज पूरी तौर पर ग्रामवासियों की दी जा चुकी होगी. वहां दूसरी डोज देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इतना ही नहीं उस गांव को "प्रथम डोज संतृप्त ग्राम" की संज्ञा देने के साथ ही वहां के ग्राम प्रधान को सम्मानित भी किया जाएगा. वहीं दोनों डोज पूरी करने वाले ग्राम को कोविड सुरक्षित ग्राम की संज्ञा दी जाएगी. स्वास्थ्य विभाग द्वारा ब्लॉक स्तर पर सहभागी संस्थाओं (डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ समेत अन्‍य) के सहयोग से ग्रामों को वरीयता देते हुए क्लस्टर मॉडल कार्य योजना बनाई जाएगी.

प्रदेश में टीकाकरण टीम के साथ काम करने वाले मोबिलाइजर्स (आशा, आंगनबाडी, लिंक वर्कर) के द्वारा टीकाकरण दिवस पर क्षेत्र में टीकाकरण से छूटे हुए लोगों को चिन्हित किया जाएगा. ऐसे लोगों से संवाद स्‍थापित कर टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जाएगा. शहरी क्षेत्रों में जिन लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है, उनके लिए सुबह आठ बजे से रात दस बजे तक कम से कम एक फिक्सड कोविड टीकाकरण सत्र का संचालन किया जाएगा. जिसमें दो शिफ्टो में टीमे काम करेंगी.

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भारत ने आज सौ करोड़ मुफ्त वैक्‍सीन की डोज देकर दुनिया के समक्ष नजीर पेश की है. जिसमें उत्‍तर प्रदेश ने अपनी अहम भूमिका निभाई है. सूबे के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुरू से ही कोरोना महामारी से निपटने में एक मजबूत हथियार के रूप में टीकाकरण अभियान पर विशेष जोर दिया. सर्वाधिक आबादी वाले उत्‍तर प्रदेश ने देश के दूसरे प्रदेशों को पीछे छोड़ते हुए कम समय में सबसे अधिक वैक्‍सीन की डोज दी है. 24 करोड़ वाली आबादी वाले यूपी में अब तक 12 करोड़ 54 लाख से अधिक टीकाकरण किया जा चुका है. जिसमें 09 करोड़ 58 लाख से अधिक पहली डोज और 02 करोड़ 95 लाख से अधिक दूसरी डोज दी जा चुकी है.

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