लखनऊ: गोमती नगर विस्तार में अपार्टमेंट बनाने के बाद सुविधाएं नहीं उपलब्ध कराई गई. बुकलेट में क्लब, स्विमिंग पूल और पार्क सहित अन्य सुविधाएं देने का वादा किया था. नौ साल बाद भी सुविधाएं नहीं मिलीं. शिकायत के बाद अब पीपीपी मॉडल पर क्लब और स्विमिंग पूल बनाया जाएगा. प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने एलडीए को निर्देश दिए हैं.
लखनऊ जनकल्याण महासमिति ने की थी शिकायत
लखनऊ जन कल्याण महासमिति ने हाल ही में कानून मंत्री बृजेश पाठक से मिलकर उनसे इसकी शिकायत की थी. कानून मंत्री ने प्रमुख सचिव आवास से वार्ता कराने के बाद समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया था. अब प्रमुख सचिव ने एलडीए उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में गोमती नगर विस्तार में क्लब, स्विमिंग पूल को पीपीपी मॉडल पर विकसित करने की कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. प्रमुख सचिव ने 15 दिनों में रिपोर्ट भी मांगी है. अपार्टमेंट में अग्निशमन उपकरण भी दुरुस्त नहीं हैं.
प्रमुख सचिव ने दिए हैं आदेश
प्रमुख सचिव आवास ने फायर के कामों को दुरुस्त कराने को कहा है. आरडब्लूए एएमसी देकर अपार्टमेंट का रखरखाव कर सके. एलडीए ने गोमती नगर विस्तार के रिवर व्यू अपार्टमेंट में पीएनजी गैस कनेक्शन के नाम पर 4077 आवंटियों से चार करोड़ 77 लाख रुपए वसूले हैं, लेकिन इसकी सुविधाएं भी अपार्टमेंट में नहीं दी हैं. प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने तत्काल सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं.
गोमती नगर और प्रियदर्शनी योजना के भूखंड़ों में किया गया फर्जीवाड़ा
लखनऊ विकास प्राधिकरण के बाबूओं ने फर्जी तरीके से आवंटित भूखंड बेच डाले हैं. गोमती नगर और प्रियदर्शनी योजना के भूखंड़ों में करीब दस साल पहले किया गया फर्जीवाड़ा अब खुला है. ले आउट में जमीन ज्यादा बचने पर नए भूखंड बने थे. अब इन भूखंडों का रिकार्ड कंप्यूटर से गायब है. रिकार्ड में फाइलें भी नहीं मिली हैं. वर्तमान में योजना देख रहे बाबूओं ने अधिकारियों से इससे अवगत कराया है. पूरे मामले को लेकर एलडीए प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं.
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एलडीए के कर्मचारियों ने किए हैं खूब खेल
एलडीए के कर्मचारियों ने दलालों की मिलीभगत से खूब खेल किए हैं. समय-समय पर घोटालों का जिन्न बाहर आता रहा है. बताया जा रहा है कि गोमती नगर के जिन भूखंडों में खेल किए गए, उन पर पांच मंजिला इमारत तक बन चुकी है. कई भूखंडों को दो से तीन बार बेच कर मुनाफा कमा लिया गया. विक्रांत, विपुल, विभूति व विनीत खंड और विराम खंड के भूखंड़ों में यह फर्जीवाड़ा बताया जा रहा है.
जानकारी के अनुसार इन भूखंडों की रजिस्ट्री बाहर ही बाहर हो गई. वर्तमान में तीन भूखंडों में बाउंड्री वाल है और दो बन गए हैं. इनमें एक एमआइजी भी है. 1/2बी विक्रांत खंड 300 वर्ग मीटर, 1/177 बी विनीत खंड 162 वर्ग मीटर, 6/24ए विपुल खंड 112 वर्ग मीटर, 6/43 विभूति खंड 112 वर्ग मीटर, 4/80 विराम खंड 300 वर्ग मीटर के दस्तावेज एलडीए के पास नहीं हैं. अब जांच के बाद ही सच से परदा उठेगा.