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लखनऊ: बिजली बिल में 1 करोड़ रुपये के गबन मामले में लेखाकार और क्लर्क बर्खास्त - Madhyanchal Vidyut Vitran Nigam Ltd

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ने बिजली बिल घोटाले मामले में लेखाकार और क्लर्क को बर्खास्त करने का आदेश दिया है. दोनों ने मिलकर 99.62 लाख रुपये का गबन किया था.

गबन मामले में लेखाकार और क्लर्क बर्खास्त.
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Published : Sep 6, 2019, 12:13 PM IST

लखनऊ: मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय गोयल ने बिजली बिल में गबन करने के आरोपी लेखाकार और क्लर्क को बर्खास्त करने के आदेश दिए हैं. बिजली बिल का यह घोटाला बाराबंकी के लेखाकार रजनीश कुमार और क्लर्क सर्वेश कुमार चौधरी ने किया था. दोनों ने बिजली बिल की वसूली गई रकम को विभाग के खाते में जमा करने के बजाए खुद हड़प लिया था.

गबन मामले में लेखाकार और क्लर्क बर्खास्त.


यह प्रकरण अधिशासी अभियंता नजम अहमद की तैनाती के दौरान जुलाई 2017 का है. बाराबंकी के लेखाकार रजनीश कुमार और क्लर्क सर्वेश कुमार चौधरी दोनों ने मिलकर 99.62 लाख रुपये का गबन किया था.


लेखाकार और क्लर्क को किया गया बर्खास्त-
मध्यांचल के प्रबंध निदेशक संजय गोयल का कहना है कि लेखाकार की बर्खास्तगी का आदेश परिक्षेत्रीय लेखा कार्यालय बरेली, जहां वह तैनात है और क्लर्क का अधिशासी अभियंता परीक्षण खंड बाराबंकी को भेज दिया गया है. मध्यांचल बर्खास्त किए गए लेखाकार रजनीश कुमार से करीब 57 लाख रुपये और क्लर्क सर्वेश कुमार चौधरी से 18,75,634 रुपये वसूलेगा. अगर दोनों यह रकम जमा नहीं कर पाते हैं तो उनके घर कुर्की की कार्रवाई कराई जाएगी. नजम अहमद वर्तमान में वाराणसी डिस्कॉम के जौनपुर वितरण खंड में तैनात हैं, उन पर भी कार्रवाई होगी.

पढ़ें:- हाथरस: छात्रवृत्ति घोटाला मामले में पूर्व समाज कल्याण अधिकारी गिरफ्तार

बता दें कि वर्ष 2017 में बाराबंकी के फतेहपुर विद्युत वितरण खंड में यह घोटाला हुआ था. बाराबंकी पुलिस ने धोखाधड़ी का केस भी दर्ज किया था. तबसे मामले की गहन पड़ताल चल रही थी. बीच में लेखाकार को बरेली और क्लर्क को बाराबंकी में निलंबित कर अटैच किया गया था.

लखनऊ: मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय गोयल ने बिजली बिल में गबन करने के आरोपी लेखाकार और क्लर्क को बर्खास्त करने के आदेश दिए हैं. बिजली बिल का यह घोटाला बाराबंकी के लेखाकार रजनीश कुमार और क्लर्क सर्वेश कुमार चौधरी ने किया था. दोनों ने बिजली बिल की वसूली गई रकम को विभाग के खाते में जमा करने के बजाए खुद हड़प लिया था.

गबन मामले में लेखाकार और क्लर्क बर्खास्त.


यह प्रकरण अधिशासी अभियंता नजम अहमद की तैनाती के दौरान जुलाई 2017 का है. बाराबंकी के लेखाकार रजनीश कुमार और क्लर्क सर्वेश कुमार चौधरी दोनों ने मिलकर 99.62 लाख रुपये का गबन किया था.


लेखाकार और क्लर्क को किया गया बर्खास्त-
मध्यांचल के प्रबंध निदेशक संजय गोयल का कहना है कि लेखाकार की बर्खास्तगी का आदेश परिक्षेत्रीय लेखा कार्यालय बरेली, जहां वह तैनात है और क्लर्क का अधिशासी अभियंता परीक्षण खंड बाराबंकी को भेज दिया गया है. मध्यांचल बर्खास्त किए गए लेखाकार रजनीश कुमार से करीब 57 लाख रुपये और क्लर्क सर्वेश कुमार चौधरी से 18,75,634 रुपये वसूलेगा. अगर दोनों यह रकम जमा नहीं कर पाते हैं तो उनके घर कुर्की की कार्रवाई कराई जाएगी. नजम अहमद वर्तमान में वाराणसी डिस्कॉम के जौनपुर वितरण खंड में तैनात हैं, उन पर भी कार्रवाई होगी.

पढ़ें:- हाथरस: छात्रवृत्ति घोटाला मामले में पूर्व समाज कल्याण अधिकारी गिरफ्तार

बता दें कि वर्ष 2017 में बाराबंकी के फतेहपुर विद्युत वितरण खंड में यह घोटाला हुआ था. बाराबंकी पुलिस ने धोखाधड़ी का केस भी दर्ज किया था. तबसे मामले की गहन पड़ताल चल रही थी. बीच में लेखाकार को बरेली और क्लर्क को बाराबंकी में निलंबित कर अटैच किया गया था.

Intro:बिजली बिल का करीब एक करोड़ रुपए गबन करने पर एमडी ने लेखाकार समेत दो को किया बर्खास्त

लखनऊ। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय गोयल ने बिजली बिल के 99.62 लाख रुपए के गबन करने के आरोपी लेखाकार और क्लर्क को बर्खास्त करने के आदेश दे दिए हैं। बिजली बिल का यह घोटाला बाराबंकी के लेखाकार रजनीश कुमार और क्लर्क सर्वेश कुमार चौधरी ने किया था। इन्होंने बिजली बिल की वसूली गई रकम को विभाग के खाते में जमा करने के बजाए खुद हड़प लिया था। यह प्रकरण अधिशासी अधिशासी अभियंता नजम अहमद की तैनाती के दौरान जुलाई 2017 का है।


Body:मध्यांचल के प्रबंध निदेशक संजय गोयल का कहना है कि लेखाकार की बर्खास्तगी का आदेश परिक्षेत्रीय लेखा कार्यालय बरेली जहां वह तैनात है और लिपिक का अधिशासी अभियंता परीक्षण खंड बाराबंकी को भेज दिया गया है। मध्यांचल बर्खास्त किए गए लेखाकार रजनीश कुमार से करीब ₹5700000 और क्लर्क सर्वेश कुमार चौधरी से 18,75,634 रुपए वसूलेगा। अगर दोनों यह रकम जमा नहीं कर पाते हैं तो उनके घर कुर्की की कार्रवाई कराई जाएगी। नजम अहमद वर्तमान में वाराणसी डिस्कॉम के जौनपुर वितरण खंड में तैनात हैं, उन पर भी कार्रवाई होगी।


Conclusion:बता दें कि वर्ष 2017 के इस मामले में बाराबंकी के फतेहपुर विद्युत वितरण खंड में यह बड़ा घोटाला हुआ था। बाराबंकी पुलिस ने धोखाधड़ी का केस भी दर्ज किया था। तबसे इस मामले की गहन पड़ताल चल रही थी। बीच में लेखाकार को बरेली और लिपिक को बाराबंकी में निलंबित करके अटैच किया गया था। यहां तैनात रहे अधिशासी अभियंता जिनकी मौजूदा तैनाती जौनपुर में है उनके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई होगी।
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