लखनऊ : राज्य सरकार उत्तर प्रदेश के 12 शहरों से गुजरने वाली प्राचीन नदियों की सफाई (cleaning of ancient rivers) अब नमामि गंगे (namami gange) की तर्ज पर कराने जा रही है. लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ नदी सफाई से लोगों को जोड़ने भी जा रही है. सरकार की मंशा को पूरा करते हुए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफयर्स (एनआईयूए) ने मिलकर अन्य साझेदारों के साथ 12 शहरों की नदियों को निर्मल बनाने का बीड़ा उठाया है. गुरुवार को एक निजी होटल में आयोजित कार्यशाला में इस पर निर्णय लिया गया है. शहरों में नदियों की सूरत संवारने के लिये 'रिवर सिटीज एलायंस' की अवधारणा पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने दी है. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार इसको साकार रूप दे रही है.
राज्य में गंगा नदी की सफाई के साथ उसकी सहायक नदियों की सफाई के लिये राज्य सरकार ने अभियान छेड़ रखा है. कुछ दिनों पहले अभियान को गति देते हुए नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव (Principal Secretary Anurag Srivastava) ने जल निगम के एमडी बलकार सिंह के साथ कई जिलों का दौरा किया था. कानपुर, प्रयागराज में एसटीपी के निरीक्षण के दौरान कमी पाए जाने पर कार्रवाई के निर्देश भी दिए थे. सरकार के प्रयासों का असर है कि अब आगरा, इटावा में यमुना, बरेली में रामगंगा, गाजियाबाद में हिंडन, गोरखपुर में रामगढ़ताल, राप्ति, रोहिणी, घाघरा, जौनपुर, लखनऊ में गोमती, झांसी में बेतवा, कन्नौज में गंगा, मुज्फरननगर में काली, शाहजहांपुर में रामगंगा, सहानपुर में हिंडन नदी की सूरत बदलने की तैयारी पूरी कर ली गई है.
राजधानी में आयोजित कार्यशाला में 12 शहरी निकाय आगरा, बरेली, इटावा, गाजियाबाद, गोरखपुर, जौनपुर, कन्नौज, लखनऊ, सहारनपुर, शाहजहांपुर, मुजफ्फरनगर और झांसी के शहरी निकाय के अधिकारियों ने भाग लिया. कार्यक्रम में इन शहरों को ‘रिवर सिटीज एलायंस' का सदस्य बनाया गया. राज्य में ‘रिवर सिटीज एलायंस‘ में पहले से 8 शहर बिजनौर, अयोध्या, फर्रूखाबाद, कानपुर, मथुरा-वृंदावन, मुरादाबाद, प्रयागराज और वाराणसी शामिल हैं. 12 और शहरों के जुड़ जाने के बाद इनकी संख्या 20 हो गई है.
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