लखनऊ: उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल गठन के बाद राज्य में पारदर्शिता और जीरो टॉलरेंस की नीति बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिटीजन चार्टर लागू करने के निर्देश दिए हैं. सीएम के इस फैसले के बाद शासन स्तर पर इसकी कवायद तेज हो चुकी है. जल्द ही इस पर औपचारिक रूप से काम शुरू होगा. इसके तहत जनहित से जुड़े मुद्दों और समस्याओं की निर्धारित समय पर सुनवाई होगी. उसका निस्तारण किया जाएगा.
सरकारी कार्यालयों में ई-ऑफिस व्यवस्था को पूरी तरह से लागू करने व सभी विभागों में सिटीजन चार्टर लागू करने का काम शुरू किया गया है. मुख्यमंत्री के स्तर पर लिए गए फैसले के अनुसार, विभागों के सभी कामकाज का निष्पादन डिजिटलाइजेशन किया जाएगा. सभी अधिकारी व कर्मचारी समय से कार्यालय में उपस्थित होकर कामकाज को प्रभावी ढंग से संपादित करेंगे.
इससे कार्यालय की ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित होगी जिससे आम जनता को किसी भी प्रकार की असुविधा न होने पाए. इतना ही नहीं, थाना ब्लॉक एवं तहसील स्तर पर जन समस्याओं के निस्तारण का काम संवेदनशीलता के साथ कराया जाएगा. सिटीजन चार्टर में संवेदनशीलता के साथ-साथ जन समस्याओं का निस्तारण समयबद्ध एवं प्रभावी रूप से किए जाने की भी बात कही गई है.
वहीं, न्यायालयों में लंबित मामलों का जल्द से जल्द निस्तारण कराने के मामलों को शामिल किया गया है. इसके अलावा आईजीआरएस व मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के कार्यों की नियमित समीक्षा, समस्याओं का निस्तारण मेरिट के आधार पर करने और जनता की समस्याओं को तत्काल रूप से निस्तारित करने की भी बात कही गई है. समस्याओं के निस्तारण के बाद जनता को अवगत कराने की भी जिम्मेदारी दी गई है.
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इस संबंध में भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार के पहले कार्यकाल में भी आम जनता तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंच सके, इसके लिए तेजी से प्रयास हो रहे थे. यही कारण है कि आज जो भी केंद्र और राज्य सरकार की योजनाएं हैं, गांव गरीब किसानों, महिलाओं और नौजवानों तक पहुंच रही है. काम समय पर हो और जनता की समस्याओं का निस्तारण पारदर्शिता के साथ हो, इसके लिए मुख्यमंत्री ने निर्देश जारी किए हैं.
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