लखनऊ: केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) द्वारा लखनऊ में भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक द्वारा प्रायोजित तीन दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई. साथ ही किसानों को औषधियों एवं सुगंधित फसलों की उन्नत कृषि तकनीकी तथा उसकी उन्नत प्रजाति के बारे में जानकारी दी गई.
इस कार्यक्रम में किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए फसलों को उन्नत किस्म और उपज बढ़ाने के बारे में बताया गया. इस कार्यक्रम में देश के 11 राज्यों से 69 किसानों उद्यमियों एवं महिलाओं ने ऑनलाइन भाग लिया.
राजधानी लखनऊ में स्थित केंद्रीय औषधि एवं सगंध पौधा संस्थान- (सीमैप) में भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक के सहयोग से उन्नत किस्म की फसलों के उत्पादन को लेकर किसानों के लिए तीन दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. इस दौरान परंपरागत फसलों की खेती करने वाले किसानों औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती करने वाले परंपरागत फसल चक्र में समाहित किसानों से चर्चा की गई. इनको बताया गया कि फसलों को सुखा एवं जलभराव के साथ उसर भूमियों में भी लगाकर लाभ प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही भूमियों को सुधार भी कर सकते हैं.
सीमैप के डायरेक्टर ने दी जानकारी
सीमैप के डायरेक्टर प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने किसानों से बात करते हुए बताया कि परंपरागत फसलों की खेती करने वाले किसान औषधि एवं सुगंधित पौधों की खेती को अपने परंपरागत फसल चक्र में समाहित कर सकते हैं. इन फसलों को सूखे एवं जलभराव के साथ-साथ उसरीली भूमियों में भी लगाकर लाभ प्राप्त किया जा सकता है. इससे भूमियों में भी काफी सुधार होता है.