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यूपी में बीजेपी, जेडीयू का 'चिराग' बुझाने कांग्रेस या सपा से गठबंधन कर सकती है LJP - लखनऊ न्यूज

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections 2022) का काउंटडाउन शुरू हो गया है. तमाम छोटे दल अपने लिए उचित स्थान की तलाश में बड़े दलों से संपर्क कर रहे हैं. बिहार की कई पार्टियां भी उत्तर प्रदेश में सक्रिय हैं. इन्हीं में से चिराग पासवान (Chirag Paswan) की लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) भी पूरे दमखम से चुनाव मैदान में उतरने को तैयार है. चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी (Chirag Paswan party LJP) यूपी में भाजपा (BJP) और जेडीयू (JDU) को हराने के लिए कांग्रेस (Congress) या फिर सपा (SP) से गठबंधन कर सकती है.

चिराग पासवान.
चिराग पासवान.
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Published : Aug 28, 2021, 7:38 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections 2022) का काउंटडाउन शुरू हो गया है. तमाम छोटे दल अपने लिए उचित स्थान की तलाश में बड़े दलों से संपर्क कर रहे हैं. बिहार की कई पार्टियां भी उत्तर प्रदेश में सक्रिय हैं. इन्हीं में से चिराग पासवान (Chirag Paswan) की लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) भी पूरे दमखम से चुनाव मैदान में उतरने को तैयार है. चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी (Chirag Paswan party LJP) उत्तर प्रदेश में भाजपा और जेडीयू को हराने के लिए कांग्रेस या फिर सपा से गठबंधन कर सकती है. पार्टी के नेता बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी और जेडीयू हारे इसके लिए अगर एलजेपी को किसी भी दल से गठबंधन करना पड़ेगा तो किया जाएगा. पूर्वी उत्तर प्रदेश में लोक जनशक्ति पार्टी अपने वोट बैंक के सहारे किसी को हराने में सक्षम है. 10 सितंबर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान चुनावी बिगुल फूंकेंगे.

अंतर्कलह से जूझ रही लोक जनशक्ति पार्टी यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर आशान्वित हैं. पार्टी को लग रहा है कि बिहार में भले ही चिराग पासवान की अध्यक्षता में एलजेपी को उम्मीद के मुताबिक नतीजे प्राप्त न हुए हों, लेकिन पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के नेता उम्मीद लगाए बैठे हैं. 10 सितंबर को पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान गाजीपुर की सरजमीं से लोक जनशक्ति पार्टी का चुनावी बिगुल फूंकेंगे. इसके बाद वे प्रदेश के विभिन्न जनपदों में सभाएं करेंगे, बैठक करेंगे. इनमें उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ भी शामिल है.

यूपी विधानसभा चुनाव 2022.

बिहार में बीजेपी, जेडीयू से अलग लड़ा था एलजेपी ने चुनाव

एनडीए में शामिल रही लोक जनशक्ति पार्टी बिहार में भारतीय जनता पार्टी और जेडीयू के गठबंधन से खुद को अलग रखे हुए थी. एलजेपी ने अकेले दम ही बिहार विधानसभा चुनाव में ताल ठोकी थी. यहीं से इन तीनों पार्टियों में आपसी दरार पड़ गई थी. इसके बाद लोक जनशक्ति पार्टी के अंदर ही चाचा और भतीजे में भी दरार पड़ गई और अब दोनों ही लोक जनशक्ति पार्टी को अपनी-अपनी पार्टी बता रहे हैं. हालांकि उत्तर प्रदेश में चिराग पासवान को ही पार्टी के नेता अपना नेता मान रहे हैं और उन्हीं के नेतृत्व में यूपी विधामनसभा चुनाव लड़ने की तैयारी भी है.

इसे भी पढ़ें- गंगा में कितनी लाशें बहाई गईं, इसका जवाब दे भाजपा सरकारः सलमान खुर्शीद

यूपी में एलजेपी के लिए ये पार्टियां हैं विकल्प

प्रदेश में लोक जनशक्ति पार्टी गठबंधन के लिए विकल्प तलाश रही है. पार्टी के नेता कैमरे पर तो यह कहकर बच रहे हैं कि यह राष्ट्रीय नेतृत्व तय करेगा कि किससे गठबंधन करना है, लेकिन समाजवादी पार्टी को प्राथमिकता दे रहे हैं. अगर यहां पर बात नहीं बनती है तो कांग्रेस पार्टी को विकल्प के रूप में पार्टी के नेता मान रहे हैं. उधर पूर्वी उत्तर प्रदेश में मजबूती के साथ खड़े हो रहे राजभर के जनभागीदारी संकल्प मोर्चा के साथ जाने से भी नेताओं को परहेज नहीं है. पार्टी के नेता कहते हैं कि अगर जनभागीदारी संकल्प मोर्चा के साथ बात बनी तो लोक जनशक्ति पार्टी पीछे नहीं हटेगी. पार्टी के नेताओं का कहना है कि, भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड प्रदेश में चुनाव हारे, इसके लिए लोक जनशक्ति पार्टी पूरा जोर लगाएगी.

लोक जनशक्ति पार्टी.
लोक जनशक्ति पार्टी.

मजबूत प्रत्याशी उतारेगी एलजेपी

प्रदेश में जहां-जहां जनता दल यूनाइटेड के प्रत्याशी खड़े होंगे, वहां-वहां लोक जनशक्ति पार्टी अपने मजबूत प्रत्याशियों को उतारेगी जिससे जेडीयू के प्रत्याशियों को हराया जा सके. जहां तक बात भारतीय जनता पार्टी की है तो वह इस समय दोहरा चरित्र अपना रही है. उसके खिलाफ भी एनजीपी के अच्छे प्रत्याशियों को उतारा जाएगा. उत्तर प्रदेश में शीर्ष पार्टियों से गठबंधन को लेकर शीर्ष नेतृत्व की बात चल रही है. गठबंधन भी होगा. जेडीयू बीजेपी को हराने के लिए एलजेपी पूरे दम से मैदान में उतरेगी.

जनता दल यूनाइटेड.
जनता दल यूनाइटेड.

इसे भी पढ़ें- समाजवादी पार्टी 8 सितंबर से निकालेगी एक और यात्रा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष करेंगे नेतृत्व

चिराग ने खुद बुझा लिया अपना चिराग

जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश महासचिव शैलेंद्र कुमार कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में जनता दल यूनाइटेड का लोक जनशक्ति पार्टी क्या नुकसान करेगी, चिराग पासवान ने तो अपना ही चिराग बुझा लिया है. अब उनकी खुद की पार्टी नहीं है. वह सिर्फ बागी सांसद हैं. उत्तर प्रदेश में लोक जनशक्ति पार्टी का है ही क्या जो यहां पर जेडीयू और भारतीय जनता पार्टी को नुकसान पहुंचा पाएगी. जब बिहार में भी पार्टी ने पूरा दम लगा लिया और एक ही सीट जीत पाई तो उत्तर प्रदेश में कुछ अलग नहीं होगा.

लखनऊः उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections 2022) का काउंटडाउन शुरू हो गया है. तमाम छोटे दल अपने लिए उचित स्थान की तलाश में बड़े दलों से संपर्क कर रहे हैं. बिहार की कई पार्टियां भी उत्तर प्रदेश में सक्रिय हैं. इन्हीं में से चिराग पासवान (Chirag Paswan) की लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) भी पूरे दमखम से चुनाव मैदान में उतरने को तैयार है. चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी (Chirag Paswan party LJP) उत्तर प्रदेश में भाजपा और जेडीयू को हराने के लिए कांग्रेस या फिर सपा से गठबंधन कर सकती है. पार्टी के नेता बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी और जेडीयू हारे इसके लिए अगर एलजेपी को किसी भी दल से गठबंधन करना पड़ेगा तो किया जाएगा. पूर्वी उत्तर प्रदेश में लोक जनशक्ति पार्टी अपने वोट बैंक के सहारे किसी को हराने में सक्षम है. 10 सितंबर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान चुनावी बिगुल फूंकेंगे.

अंतर्कलह से जूझ रही लोक जनशक्ति पार्टी यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर आशान्वित हैं. पार्टी को लग रहा है कि बिहार में भले ही चिराग पासवान की अध्यक्षता में एलजेपी को उम्मीद के मुताबिक नतीजे प्राप्त न हुए हों, लेकिन पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के नेता उम्मीद लगाए बैठे हैं. 10 सितंबर को पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान गाजीपुर की सरजमीं से लोक जनशक्ति पार्टी का चुनावी बिगुल फूंकेंगे. इसके बाद वे प्रदेश के विभिन्न जनपदों में सभाएं करेंगे, बैठक करेंगे. इनमें उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ भी शामिल है.

यूपी विधानसभा चुनाव 2022.

बिहार में बीजेपी, जेडीयू से अलग लड़ा था एलजेपी ने चुनाव

एनडीए में शामिल रही लोक जनशक्ति पार्टी बिहार में भारतीय जनता पार्टी और जेडीयू के गठबंधन से खुद को अलग रखे हुए थी. एलजेपी ने अकेले दम ही बिहार विधानसभा चुनाव में ताल ठोकी थी. यहीं से इन तीनों पार्टियों में आपसी दरार पड़ गई थी. इसके बाद लोक जनशक्ति पार्टी के अंदर ही चाचा और भतीजे में भी दरार पड़ गई और अब दोनों ही लोक जनशक्ति पार्टी को अपनी-अपनी पार्टी बता रहे हैं. हालांकि उत्तर प्रदेश में चिराग पासवान को ही पार्टी के नेता अपना नेता मान रहे हैं और उन्हीं के नेतृत्व में यूपी विधामनसभा चुनाव लड़ने की तैयारी भी है.

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यूपी में एलजेपी के लिए ये पार्टियां हैं विकल्प

प्रदेश में लोक जनशक्ति पार्टी गठबंधन के लिए विकल्प तलाश रही है. पार्टी के नेता कैमरे पर तो यह कहकर बच रहे हैं कि यह राष्ट्रीय नेतृत्व तय करेगा कि किससे गठबंधन करना है, लेकिन समाजवादी पार्टी को प्राथमिकता दे रहे हैं. अगर यहां पर बात नहीं बनती है तो कांग्रेस पार्टी को विकल्प के रूप में पार्टी के नेता मान रहे हैं. उधर पूर्वी उत्तर प्रदेश में मजबूती के साथ खड़े हो रहे राजभर के जनभागीदारी संकल्प मोर्चा के साथ जाने से भी नेताओं को परहेज नहीं है. पार्टी के नेता कहते हैं कि अगर जनभागीदारी संकल्प मोर्चा के साथ बात बनी तो लोक जनशक्ति पार्टी पीछे नहीं हटेगी. पार्टी के नेताओं का कहना है कि, भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड प्रदेश में चुनाव हारे, इसके लिए लोक जनशक्ति पार्टी पूरा जोर लगाएगी.

लोक जनशक्ति पार्टी.
लोक जनशक्ति पार्टी.

मजबूत प्रत्याशी उतारेगी एलजेपी

प्रदेश में जहां-जहां जनता दल यूनाइटेड के प्रत्याशी खड़े होंगे, वहां-वहां लोक जनशक्ति पार्टी अपने मजबूत प्रत्याशियों को उतारेगी जिससे जेडीयू के प्रत्याशियों को हराया जा सके. जहां तक बात भारतीय जनता पार्टी की है तो वह इस समय दोहरा चरित्र अपना रही है. उसके खिलाफ भी एनजीपी के अच्छे प्रत्याशियों को उतारा जाएगा. उत्तर प्रदेश में शीर्ष पार्टियों से गठबंधन को लेकर शीर्ष नेतृत्व की बात चल रही है. गठबंधन भी होगा. जेडीयू बीजेपी को हराने के लिए एलजेपी पूरे दम से मैदान में उतरेगी.

जनता दल यूनाइटेड.
जनता दल यूनाइटेड.

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चिराग ने खुद बुझा लिया अपना चिराग

जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश महासचिव शैलेंद्र कुमार कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में जनता दल यूनाइटेड का लोक जनशक्ति पार्टी क्या नुकसान करेगी, चिराग पासवान ने तो अपना ही चिराग बुझा लिया है. अब उनकी खुद की पार्टी नहीं है. वह सिर्फ बागी सांसद हैं. उत्तर प्रदेश में लोक जनशक्ति पार्टी का है ही क्या जो यहां पर जेडीयू और भारतीय जनता पार्टी को नुकसान पहुंचा पाएगी. जब बिहार में भी पार्टी ने पूरा दम लगा लिया और एक ही सीट जीत पाई तो उत्तर प्रदेश में कुछ अलग नहीं होगा.

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