लखनऊ: कोरीया और चीन से आई हुई कोरोना वायरस जांच किट केजीएमयू की जांच में फेल पायी गई है. दरअसल चीन और कोरिया से आई हुई कोरोना जांच किट का ट्रायल आईसीएमआर की निगरानी में केजीएमयू में चल रहा था. इसका ट्रायल केजीएमयू में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों पर किया गया, जिसमें चीन और कोरिया से आई हुई जांच किट फेल हो गई है.
चीन और कोरिया की कोरोना जांच किट फेल
केजीएमयू की जांच में चीन और कोरिया की कोरोना जांच किट फेल हो गई है. इसका ट्रायल भर्ती मरीजों की जांच करके किया गया. पॉजिटिव मरीजों को किट ने निगेटिव करार दिया, जबकि बाद में एलाइजा जांच में मरीज पॉजिटिव मिले. इसके बाद केजीएमयू ने दोनों देशों की किट को चलन में नहीं लाने की मान्यता देने का निर्णय लिया है.
इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च
इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च आईसीएमआर ने केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग को कोविड-19 जांच में इस्तेमाल होने वाली जांच किट को मंजूरी और सत्यापन के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में चिन्हित किया है. इस संबंध में आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. जी एस तोतेजा ने केजीएमयू में पत्र भी जारी किया. केजीएमयू के कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट के मुताबिक बीते दिनों चीन और कोरिया से ट्रायल के रूप में रैपिड और पीसीआर किट भेजी गई थी. अलग-अलग बैच की करीब 25 किट का इस्तेमाल ट्रायल के दौरान किया गया. इनका इस्तेमाल भर्ती मरीजों की जांच में किया गया, जो कि जांच में किट उपयुक्त नहीं पाई गई. इसकी सूचना आईसीएमआर और दूसरे संबंधित अधिकारियों को दे दी गई है.
केजीएमयू भारत में कोरोना वायरस जांच की जाने वाली किट की गुणवत्ता को मान्यता देने का भी काम कर रहा है. अगर किट सभी मांगों को पूरा करेगी तो उसे मान्यता दे दी जाएगी. मगर उपयुक्त नहीं होगी तो इसकी सूचना संबंधित कंपनी को दे दी जाएगी. हालांकि अभी केजीएमयू ने चीन और कोरिया से आने वाली कोरोना जांच किट को फेल करार दे दिया है. इसके बाद उम्मीद है अब देश में केजीएमयू की दी गई इस मान्यता का पालन किया जाएगा. इसके बाद चीन और कोरिया से आने वाली किट का इस्तेमाल भारत में नहीं होगा.
डॉ. एमएलबी भट्ट, केजीएमयू कुलपति