लखनऊः प्रदेश के सभी सरकारी विद्यालयों में रौनक वापस लौट आई है. गर्मियों की छुट्टियों के बाद आज गुरूवार से सरकारी विद्यालयों का संचालन शुरू हो गया है. आज स्कूल का पहला दिन था. बच्चे गर्मियों की छुट्टियों के बाद स्कूल लौटे, इसलिए उपस्थिति कुछ कम रही. हालांकि, बच्चे अपने सहपाठी और शिक्षकों से मिलने के बाद खिलखिला उठे. कई विद्यालयों में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मद्देनजर पहले दिन ही योग के अभ्यास के साथ कक्षाओं की शुरुआत की गई. उच्च प्राथमिक विद्यालय बरवलिया मोहनलालगंज के शिक्षक विनय कुमार सिंह ने बताया कि काफी दिनों के बाद बच्चे स्कूल वापस लौटे हैं. उपस्थिति कुछ कम रही लेकिन बच्चों का काफी उत्साह देखने को मिला.
महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरण आनंद ने गुरुवार सुबह लखनऊ के सरकारी प्राइमरी अपर प्राइमरी स्कूलों का औचक निरीक्षण किया. वह चिनहट ब्लॉक के प्राइमरी स्कूल मखदुमपुर पहुंचकर बच्चों के साथ संवाद किया. इस दौरान उनके साथ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी समेत कई अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे. यूपी में सरकारी स्कूलों की कुल स्कूलों की संख्या 1.35 लाख है. जबकि, पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 1.85 करोड़ है. जहां पढ़ाने वाले शिक्षकों की कुल संख्या 3.32 लाख है.
पहली बार विंटर वेकेशन की व्यवस्था लागू: इसके पहले तक 1 जुलाई से सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों की कक्षाओं की शुरुआत की जाती थी. लेकिन, पहली बार स्कूलों में भी विंटर वेकेशन की व्यवस्था लागू कर दी गई है. इसकी वजह से सरकारी प्राइमरी स्कूलों में समर वेकेशन 16 जून को खत्म कर कक्षाएं शुरु कर दी गई है. इसको लेकर शिक्षकों की तरफ से आपत्ति भी दर्ज कराई जा रही है. शिक्षकों का कहना है कि भीषण गर्मी में सरकारी स्कूलों में पंखे जैसी सामान्य सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं है. कई स्कूलों में तो पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में भीषण गर्मी के दौरान बच्चों को स्कूल बुलाकर कक्षाओं का नियमित संचालन करना आसान नहीं होगा.
समय बदलने की मांगः अभी इन स्कूलों की टाइमिंग सुबह 8:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक है. जबकि, उत्तर प्रदेश पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ लखनऊ के अध्यक्ष सुरेश जयसवाल ने कहा कि अगर विद्यालय बंद नहीं किए जा सकते हैं तो विद्यालय का समय प्रातः 7:00 से 11:00 तक किया जाए. जिससे अत्यधिक गर्मी बढ़ने के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर न पड़े.
अनुदेशक और शिक्षा मित्र नहीं पहुंचेः कई सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था अनुदेशकों और शिक्षामित्रों के भरोसे हैं. लेकिन, अनुबंध ना होने के कारण 80 फीसदी सरकारी प्राइमरी अपर प्राइमरी स्कूलों में गुरुवार को अनुदेशक और शिक्षामित्र नहीं पहुंचे. जिसकी वजह से विद्यालय खाली रहे. शिक्षामित्र ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि उनका अनुबंध सिर्फ 11 महीने के लिए होता है. यह अनुबंध मई में समाप्त हो चुका है. बेसिक शिक्षा परिषद के द्वारा अगला अनुबंध 1 जुलाई से लागू किया जाएगा. जिसकी वजह से ज्यादातर स्कूलों में नियमित कक्षाएं शुरू नहीं हो पा रही हैं.
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