लखनऊ : स्मार्ट जमाने में स्मार्ट सोच रखने वाले अभिभावक बच्चों की परवरिश (पैरेंटिंग) ठीक तरह से नहीं कर पा रहे हैं. इसके पीछे कई कारण है. मौजूदा समय में पति-पत्नी दोनों वर्किंग होने के कारण बच्चों को समय नहीं दे पाते हैं. कई बार अभिभावक बच्चों को इस तरह से पालते हैं कि बच्चे अपने ही माता-पिता से बातें शेयर करने में हिचकते हैं. छोटी-छोटी बातों को बच्चे छिपाने लगते हैं. अगर उनसे कोई गलती हो जाती है तो अपने माता-पिता से छुपाते हैं. उनके साथ क्या कुछ हो रहा है इस बारे में भी छुपा लेते हैं जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए.
सिविल अस्पताल की वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. दीप्ति सिंह के मुताबिक वर्तमान समय में बच्चों की परवरिश पर माता-पिता अधिक समय नहीं दे रहे हैं. इसका सबसे बड़ा कारण है कि माता-पिता दोनों ही वर्किंग है. जब माता-पिता दोनों ही वर्किंग होते हैं तो बच्चे को पर्याप्त समय नहीं मिल पाता है. माता-पिता अपने प्रोफेशनल लाइफ में अधिक सक्रिय होने के चलते पर्सनल लाइफ में फोकस नहीं कर पाते हैं. बच्चों को अगर दादी संभाले तो बच्चा सही मार्गदर्शन पाता है, वहीं अगर बच्चे को कोई आया संभाले तो बच्चे की परवरिश ठीक से नहीं हो पाती है. बच्चे का मार्गदर्शन भी ठीक नहीं होगा तो बच्चे का विकास भी संकुचित रह जाएगा.
बच्चों के साथ हुए तीन मामले
डॉ. दीप्ति के अनुसार हाल ही में लखनऊ में दो केस सामने आए. दोनों कैसे अलग-अलग हैं, लेकिन दोनों ही केस बच्चों की परवरिश पर आधारित हैं. ऐसा इसलिए है, क्योंकि बच्चे के साथ हम जिस तरह से पेश आएंगे बच्चे भी उसी तरह से हमें समझेंगे और अपनी बातें शेयर करेंगे. हाल ही में एक मामला उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से सामने आया था. जहां पर एक 14 साल के बच्चे को पड़ोस के कुत्ते ने काटा था. जिसकी जानकारी बच्चों ने माता-पिता की डांट के कारण उन्हें नहीं दी. जिसका अंजाम दुनियाभर के लोगों ने देखा. बच्चे को रेबीज हो गया था. पिता की गोद में ही बच्चे ने दम तोड़ दिया. हैरान कर देने वाला मामला था. जिसने देखा उसके रोंगटे खड़े हो गए.
फोन पर बात करती रही मां, बच्ची को कुचल गई गाड़ी
दूसरा मामला प्रदेश की राजधानी लखनऊ का है. जहां पर अपार्टमेंट के बाहर दो साल की बच्ची को लेकर महिला निकली. महिला का पूरा ध्यान उसके फोन पर था. बच्ची महिला से थोड़ी ही दूरी पर खेल रही थी. फोन पर बात करते हुए महिला थोड़ी दूर चली गई. उसका ध्यान अपनी बच्ची पर बिल्कुल भी नहीं था. इसी दौरान एक बड़ी गाड़ी आई और बच्ची को कुचलते हुए चली गई. मामला सीसीटीवी कैमरे पर कैद हो गया. जिसके बाद यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ था. इस वीडियो में साफ तौर पर देखा गया था कि इस हादसे में जितनी गलती गाड़ी चलाने वाले की थी, उतनी ही गलती उस महिला की भी थी. जिसका ध्यान उसकी बच्ची पर नहीं था.
लिफ्ट में अकेले फंसी नौ साल की बच्ची
बीते दिन बुधवार को भी एक मामला ऐसा सामने आया. जिसमें नौ साल की बच्ची अपार्टमेंट की लिफ्ट से अकेले अपने फ्लैट पर जा रही थी. माता-पिता को इस चीज को समझना चाहिए कि उनकी बच्ची कहां पर सुरक्षित है और कहां पर सुरक्षित नहीं है. बिजली कट जाने के कारण लिफ्ट रुक गई. जिसके चलते 20 मिनट तक बच्ची उसी लिफ्ट में फंसी रही और बचाने के लिए चिल्लाती रही. जिसने भी वीडियो देखा वह दंग रह गया. क्या माता-पिता के पास इतना भी समय नहीं था कि बच्ची को घर के अंदर छोड़ आते. हालांकि इस मामले में बच्ची ने बहुत बहादुरी से कम लिया बच्ची रोई नहीं, बल्कि हिम्मत दिखाते हुए लगातार लिफ्ट से बाहर निकालने के लिए चीखती चिल्लाती रही. फिलहाल बच्ची ठीक है, लेकिन सवाल सिर्फ इतना है कि माता-पिता इतने लापरवाह कैसे हो सकते हैं.
बच्चों की देखभाल को लेकर अभिभावकों में बढ़ती असुरक्षा और उसके कारण