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चीफ सेक्रेटरी ने की अयोध्या विजन 2047 की समीक्षा, बोले रोजगार के साथ प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल - home tap plan

चीफ सेक्रेटरी श्रीदुर्गा शंकर मिश्र ने अयोध्या विजन 2047 की समीक्षा की. चीफ सेक्रेटरी बोले अयोध्या विश्व की आध्यात्मिक राजधानी बनेगी तो रोजगार के साथ प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा.

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अयोध्या विजन 2047 की समीक्षा
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Published : Apr 6, 2022, 9:02 PM IST

लखनऊ: प्रदेश के मुख्य सचिव श्रीदुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि अयोध्या को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के साथ स्वच्छ, प्रदूषण मुक्त, वॉटर सेक्योर, वॉटर प्लस, सोलर और सुरक्षित सिटी के रूप में विकसित करना है. नई अयोध्या का निर्माण व पुरानी अयोध्या का कायाकल्प कर रामायणकालीन पर्यावरण के अनुकूल ऐसा शहर बनाना है जो विश्व के लिए मॉडल बने.

चीफ सेक्रेटरी ने अयोध्या विजन 2047 की समीक्षा
चीफ सेक्रेटरी ने अयोध्या विजन 2047 की समीक्षा

मुख्य सचिव ने यह बातें बुद्धवार को अयोध्या विजन 2047 की समीक्षा बैठक में अधिकारियों से कहीं. उन्होंने कहा कि पानी की हर एक बूंद को बचाना प्राथमिकता है. भविष्य को ध्यान में रखते हुए ऐसी कार्ययोजना बनायी जाए जिससे कि पानी की एक-एक बूंद का उपयोग हो सके. एक बूंद भी व्यर्थ न जाए. अमृत योजना के लक्ष्य के अनुरूप अयोध्या ऐसी मॉडर्न सिटी के रूप में विकसित हो जहां पर वर्षा के जल का संरक्षण हो और सीवेज जल के पुनर्चक्रण की व्यवस्था हो. हर घर नल योजना (Har Ghar Nal Yojana) के तहत सभी घरों में 24×7 नल से शुद्ध पीने के पानी की व्यवस्था हो. अयोध्या की पहचान वॉटर सेक्योर सिटी के रूप में बने.

उन्होंने कहा कि अगले पांच सालों में अयोध्या को वॉटर सेक्योर सिटी के साथ भारत का सबसे स्वच्छ शहर बनाना है. इसके लिए स्वच्छता, शुद्ध पेयजल व कूड़ा निस्तारण के लिये अन्य विकसित शहरों के मॉडल का अध्ययन कर प्रभावी प्लान तैयार किया जाए. उन्होंने कहा कि भविष्य में पर्यटकों की सुविधा को देखते हुए जल, भूमि के साथ, वायु प्रदूषण को दूर करने के लिए ट्रांसपोर्ट व्यवस्था में व्यापक सुधार की जरूरत है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट, शेयर ट्रांसपोर्ट समेत प्रदूषण रहित इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाए जिसके लिए बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएं. उनके अनुरूप रोड का निर्माण भी हो.

उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार अयोध्या को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में विकसित करना चाहती है. ऐसे में आध्यात्म, पर्यटन, कला-संस्कृति, हस्तशिल्प आदि के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर कौशल विकास से रोजगार सृजन सरकार की पहली प्राथमिकता में शामिल है. पर्यटन उद्योगों को बढ़ने से स्थानीय स्तर पर उच्च गुणवत्ता के रोजगार सृजन के साथ प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा. इसके अतिरिक्त अयोध्या को सेफ सिटी के रूप में भी विकसित करना है. अयोध्या के निवासियों और यहां आने वाले देश एवं विदेश के पर्यटकों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए.

यह भी पढ़ें:Gorakhnath Temple Attack: 'आस्तीन के सांप' को जितना भी दूध पिला लो, उगलेगा वह जहर ही: साक्षी महाराज

वहीं, प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नायल) की 13वीं बोर्ड बैठक आयोजित की गई. बैठक में नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट ज़ेवर के डेवलपमेंट प्लान के साथ अब तक एयरपोर्ट में हुई प्रगति का प्रस्तुतिकरण मुख्य कार्यपालक अधिकारी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट डॉ अरुण वीर सिंह ने दिया.

प्रस्तुतीकरण में मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि विकासकर्ता ज़ुरिक एयरपोर्ट की एसपीवी यमुना इंटनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड ने परियोजना हेतु डेवलपमेंट प्लान प्रस्तुत किया है. इसका परीक्षण इंडिपेंडेंट इंजीनियर-इंजीनियर इंडिया लिमिटेड के द्वारा किया गया है. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में डेवलपमेंट प्लान को अनुमोदन प्रदान किया गया.

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लखनऊ: प्रदेश के मुख्य सचिव श्रीदुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि अयोध्या को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के साथ स्वच्छ, प्रदूषण मुक्त, वॉटर सेक्योर, वॉटर प्लस, सोलर और सुरक्षित सिटी के रूप में विकसित करना है. नई अयोध्या का निर्माण व पुरानी अयोध्या का कायाकल्प कर रामायणकालीन पर्यावरण के अनुकूल ऐसा शहर बनाना है जो विश्व के लिए मॉडल बने.

चीफ सेक्रेटरी ने अयोध्या विजन 2047 की समीक्षा
चीफ सेक्रेटरी ने अयोध्या विजन 2047 की समीक्षा

मुख्य सचिव ने यह बातें बुद्धवार को अयोध्या विजन 2047 की समीक्षा बैठक में अधिकारियों से कहीं. उन्होंने कहा कि पानी की हर एक बूंद को बचाना प्राथमिकता है. भविष्य को ध्यान में रखते हुए ऐसी कार्ययोजना बनायी जाए जिससे कि पानी की एक-एक बूंद का उपयोग हो सके. एक बूंद भी व्यर्थ न जाए. अमृत योजना के लक्ष्य के अनुरूप अयोध्या ऐसी मॉडर्न सिटी के रूप में विकसित हो जहां पर वर्षा के जल का संरक्षण हो और सीवेज जल के पुनर्चक्रण की व्यवस्था हो. हर घर नल योजना (Har Ghar Nal Yojana) के तहत सभी घरों में 24×7 नल से शुद्ध पीने के पानी की व्यवस्था हो. अयोध्या की पहचान वॉटर सेक्योर सिटी के रूप में बने.

उन्होंने कहा कि अगले पांच सालों में अयोध्या को वॉटर सेक्योर सिटी के साथ भारत का सबसे स्वच्छ शहर बनाना है. इसके लिए स्वच्छता, शुद्ध पेयजल व कूड़ा निस्तारण के लिये अन्य विकसित शहरों के मॉडल का अध्ययन कर प्रभावी प्लान तैयार किया जाए. उन्होंने कहा कि भविष्य में पर्यटकों की सुविधा को देखते हुए जल, भूमि के साथ, वायु प्रदूषण को दूर करने के लिए ट्रांसपोर्ट व्यवस्था में व्यापक सुधार की जरूरत है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट, शेयर ट्रांसपोर्ट समेत प्रदूषण रहित इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाए जिसके लिए बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएं. उनके अनुरूप रोड का निर्माण भी हो.

उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार अयोध्या को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में विकसित करना चाहती है. ऐसे में आध्यात्म, पर्यटन, कला-संस्कृति, हस्तशिल्प आदि के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर कौशल विकास से रोजगार सृजन सरकार की पहली प्राथमिकता में शामिल है. पर्यटन उद्योगों को बढ़ने से स्थानीय स्तर पर उच्च गुणवत्ता के रोजगार सृजन के साथ प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा. इसके अतिरिक्त अयोध्या को सेफ सिटी के रूप में भी विकसित करना है. अयोध्या के निवासियों और यहां आने वाले देश एवं विदेश के पर्यटकों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए.

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वहीं, प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नायल) की 13वीं बोर्ड बैठक आयोजित की गई. बैठक में नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट ज़ेवर के डेवलपमेंट प्लान के साथ अब तक एयरपोर्ट में हुई प्रगति का प्रस्तुतिकरण मुख्य कार्यपालक अधिकारी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट डॉ अरुण वीर सिंह ने दिया.

प्रस्तुतीकरण में मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि विकासकर्ता ज़ुरिक एयरपोर्ट की एसपीवी यमुना इंटनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड ने परियोजना हेतु डेवलपमेंट प्लान प्रस्तुत किया है. इसका परीक्षण इंडिपेंडेंट इंजीनियर-इंजीनियर इंडिया लिमिटेड के द्वारा किया गया है. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में डेवलपमेंट प्लान को अनुमोदन प्रदान किया गया.

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