लखनऊ: मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कोरोना संक्रमण के दौरान नॉन कोविड-19 निजी अस्पतालों में आकस्मिक चिकित्सा सुविधा के संचालन को लेकर महत्त्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए हैं. उन्होंने जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि नॉन कोविड-19 निजी अस्पताल कोरोना वायरस से बचाव को लेकर आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कराएं.
मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि इन्फेक्शन प्रीवेंशन प्रोटोकॉल के संबंध में सभी निजी चिकित्सालय प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं या नहीं. निजी चिकित्सालयों को सुरक्षात्मक उपकरण पीपीई किट और एन-95 मास्क की उपलब्धता जिलाधिकारी के माध्यम से महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र द्वारा उपलब्ध कराई जाए.
मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि यह सुविधा केवल उन्हीं निजी चिकित्सालयों को उपलब्ध कराई जाएंगी, जो 'आयुष्मान भारत योजना' में पंजीकृत हैं. मुख्य सचिव ने यह निर्देश सभी जिलाधिकारियों को पत्र के माध्यम से आदेशित किया है. उन्होंने कहा कि निजी चिकित्सालयों को यह सुविधा निर्यात प्रोत्साहन विभाग द्वारा महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से खरीद की 50% दर पर उपलब्ध कराई जाए. शेष 50% धनराशि की आपूर्ति जिला उद्योग केंद्र को कोविड-19 केयर फंड से की जाए.
मुख्य सचिव ने कहा कि जो निजी चिकित्सालय 'आयुष्मान भारत योजना' में पंजीकृत नहीं हैं और 'आयुष्मान भारत योजना' में निर्धारित दरों पर आकस्मिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के इच्छुक हों, उनके द्वारा मांग किए जाने पर पूरी दर पर महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र द्वारा उन्हें पीपीई किट और एन-95 मास्क आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराए जाएं.
मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने यह भी निर्देश दिए हैं कि डायलिसिस कैंसर हेतु कीमोथेरेपी, हृदय रोग संबंधी चिकित्सा सुविधा और अन्य आकस्मिक सुविधाएं जैसे गर्भवती महिलाओं के प्रसव संबंधी सेवाएं आदि नियमित रूप से उपलब्ध कराया जाना भी सभी निजी अस्पताल सुनिश्चित करें.
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