लखनऊ: यूपी में बड़े पैमाने पर कोरोना की टेस्टिंग की व्यवस्था सुनिश्चित कराने को लेकर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में बुधवार को लोक भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. बैठक में मुख्य सचिव ने कहा है कि वर्तमान में लगभग 4000 प्रतिदिन टेस्टिंग की क्षमता को बढ़ाया जाना आवश्यक है. ऐसे में टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने के लिए नवीनतम तकनीक का उपयोग करने पर भी मुख्य सचिव ने बल दिया.
टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने पर दिया जोर
बैठक में मुख्य सचिव ने बीरबल साहनी पुरावनस्पतिविज्ञान संस्थान द्वारा 30 अप्रैल से और सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा सप्ताह के अंत तक बढ़ी हुई क्षमता में टेस्टिंग शुरू किए जाने पर सहमति व्यक्त की है. साथ ही इस पर मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने चिकित्सा शिक्षा विभाग को आवश्यकतानुसार माइक्रोबायोलॉजिस्ट और आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं.
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वहीं बैठक में मुख्य रूप से प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. रजनीश दुबे, महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. के.के गुप्ता, कुलपति किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज डॉक्टर एमएलबी भट्ट, केजीएमयू में माइक्रोबायोलॉजिकल की विभागाध्यक्ष डॉ. अमिता जैन, कुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय, आईआईटीआर (निदेशक इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च) निदेशक सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे.