लखनऊ : पांच दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट करके दुधवा नेशनल पार्क में बाघों की मौत का मामला उठाया था. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर गठित की गई जांच कमेटी ने अब तक कई अधिकारियों को हटा दिया है. मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक सुनील चौधरी के बाद दो और अधिकारियों को दुधवा नेशनल पार्क से हटा दिया गया है. माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में और कड़ी कार्रवाई की जाएगी. दुधवा नेशनल पार्क में पिछले कुछ दिनों में चार बाघों और एक तेंदुए की बीमारी से मौत हो गई है.
दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर बी प्रभाकर, बफर जोन के डीएफओ सुंदरेश व तीन वन रेंजरों को हटा दिया गया है. बरेली के मुख्य वन संरक्षक ललित वर्मा को दुधवा के फील्ड डायरेक्टर की जिम्मेदारी दी गई है. साथ ही मामले की जांच विशेषज्ञों की उच्चस्तरीय टीम से कराने का फैसला किया गया है. दुधवा में 10 दिनों के भीतर बाघों की मौत हो गई थी. वरिष्ठ वन अधिकारी बी प्रभाकर की अध्यक्षता में एक कमेटी मौके पर भेजी थी. कमेटी की रिपोर्ट को उच्च स्तर पर पर्याप्त नहीं माना गया है. वहीं बी. प्रभाकर को अब जैव विविधता बोर्ड के सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
लखीमपुर खीरी जिले में बीते शुक्रवार सुबह बाघ ने एक किसान को मार दिया था तो दोपहर होते-होते दुधवा टाइगर रिजर्व से खबर आई कि जंगल के कोर जोन में एक बाघ का शव पानी में उतराता मिला है. दुधवा टाइगर रिजर्व के किशनपुर सेंक्चुरी के मैलानी रेंज के कोर एरिया में बाघ का शव मिलने से हड़कंप मच गया था. जिसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने बाघ की मौत को संज्ञान में लेकर वन मंत्री को जांच के लिए दुधवा भेजा.
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5 जून यानी सोमवार की सुबह-सुबह खबर आई कि दक्षिण खीरी वन प्रभाग के गोला रेंज के गदियाना गांव में गन्ने के खेत में एक तेंदुए का शव पड़ा है. तेंदुए की मौत की खबर पर आसपास के गांव वाले भारी संख्या में देखने को उमड़ पड़े. वन विभाग को भी खबर की गई. वन विभाग ने तेंदुए के शव को कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी. वहीं, शुक्रवार को फिर मैलानी रेंज के कोर जोन में बाघ का शव एक तालाब में उतराता मिला था.