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मुख्यमंत्री योगी ने स्वच्छता और सैनिटाइजेशन अभियान चलाने के दिए निर्देश

प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित लोकभवन में कोरोना के संदर्भ में प्रदेश सरकार की तैयारियों और किए जा रहे कार्यों को लेकर अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने बताया कि कोविड-19, संचारी रोगों की रोकथाम, मेडिकल स्क्रीनिंग की कार्रवाई, स्वच्छ पेयजल आपूर्ति, स्वच्छता और सैनिटाइजेशन का कार्य पूरी गति से संचालित किया जाए.

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अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी
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Published : Jul 16, 2020, 8:23 PM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 और संचारी रोग के नियंत्रण के संबंध में अंतर विभागीय समन्वय के माध्यम से रणनीति तैयार कर कार्य करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने जिले में नोडल अधिकारियों को प्रत्येक दिन इसकी समीक्षा करने के निर्देश दिए है. साथ ही कहा है कि स्वच्छता और सैनिटाइजेशन के अभियान को मजबूती से आगे बढ़ाएं. संक्रामक बीमारी से बचने का यह बेहतर माध्यम है. प्रत्येक जिले में सरकार ने प्रशासनिक अधिकारियों की तैनाती की है, ताकि स्वच्छता और सैनिटाइजेशन का अभियान सफल बनाया जा सके.

सीएम ने छिड़काव और फॉगिंग अनिवार्य रूप से कराए जाने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को यहां अपने सरकारी आवास पर उच्च स्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि शासन द्वारा जनपदवार नामित किए गए वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी अपने प्रभार वाले जिले में स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन के विशेष अभियान की मॉनिटरिंग मुख्यालय से ही करें. अभियान के दौरान कोविड-19, संचारी रोगों की रोकथाम, मेडिकल स्क्रीनिंग की कार्रवाई, स्वच्छ पेयजल आपूर्ति, स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन का कार्य पूरी गति से संचालित किया जाए. उन्होंने विशेष स्वच्छता औऱ सैनिटाइजेशन अभियान के दौरान छिड़काव और फॉगिंग अनिवार्य रूप से कराए जाने के भी निर्देश दिए हैं.

48 हजार टेस्ट होने पर सीएम ने जताई खुशी
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने लोकभवन में जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश में 48 हजार टेस्ट प्रतिदिन की टेस्टिंग क्षमता अर्जित किए जाने पर संतोष व्यक्त किया है. साथ ही इसे बढ़ाकर 50 हजार किए जाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि इसके अंतर्गत आरटीपीसीआर विधि से 30 से 35 हजार टेस्ट, ट्रूनेट मशीन से दो से ढाई हजार टेस्ट तथा रैपिड एंटीजन टेस्ट के माध्यम से 20 से 25 हजार टेस्ट प्रतिदिन किए जाएं. टेली कंसल्टेंसी द्वारा चिकित्सीय परामर्श को प्रोत्साहित किया जाए. कोविड-19 से बचाव के संबंध में लोगों को जागरूक करने में मीडिया और पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम का उपयोग किया जाए.

पुलिस बल को संक्रमण से बचाने के लिए बरती जाएं सावधानियां
मुख्यमंत्री ने कहा है कि पुलिस बल को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए सभी सावधानियां बरती जाएं. प्रवर्तन ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मी को मास्क, ग्लब्स और सैनिटाइजर अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया जाए. कंटेनमेंट जोन में पुलिस बल को सहयोग प्रदान करने के लिए होमगार्ड, पीआरडी के जवानों के साथ-साथ एनसीसी कैडेटों की सेवाएं भी प्राप्त करने पर विचार किया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 संक्रामक रोग हैं, इसे नियंत्रित रखने में साफ-सफाई अत्यंत आवश्यक है. इसे दृष्टिगत रखते हुए एल-1 कोविड अस्पताल वहीं बनाया जाए, जहां स्वच्छता सहित सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हों. उन्होंने एल-1 कोविड चिकित्सालयों की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए सभी जरूरी उपाय करने के निर्देश दिए. साथ ही कहा कि एल-1 श्रेणी के कोविड अस्पतालों में भर्ती मरीजों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं.

कोरोना संक्रमण से 1,046 लोगों की हुई मौत
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और झांसी जिले में कोरोना के संक्रमण के प्रसार को बढ़ता देख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण से 1,046 लोगों की मृत्यु हुई है. इस समय आइसोलेशन वार्ड में 15,723 लोगों को रखा गया है, उनका इलाज किया जा रहा है. फैसिलिटी क्वारंटाइन में 4,103 लोग हैं. उनके सैंपल लेकर जांच करवाई जा रही है. कल प्रदेश में 48,086 सैंपल की जांच की गई. इस प्रकार अब तक प्रदेश में 13 लाख 25 हजार 327 सैंपल की जांच की जा चुकी है. कल विभिन्न जिलों से प्रयोगशालाओं में 36 हजार से अधिक सैंपल भेजे गए हैं. प्रदेश में 54 हजार से अधिक कोविड हेल्प डेस्क स्थापित की गईं हैं.

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि आज रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया के द्वारा मातृ मृत्यु दर का परिणाम आया है. 2016 से 2018 के बीच की मातृ मृत्यु दर जारी की गई है. उत्तर प्रदेश में मातृ मृत्यु दर का जो आंकड़ा है, वह पहले प्रति लाख जन्म पर 216 था, जोकि घटकर 197 हो गया है. इसके अतिरिक्त हमारे प्रदेश में 19 जिलों में नियमोकोकल वैक्सीन देने की प्रक्रिया शुरू की गई थी. यह वैक्सीन बच्चों को निमोनिया से बचाती है. पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु होती है, उसमें निमोनिया बहुत बड़ा कारण है. इससे बच्चों को लाभ होगा. आठ अगस्त से सभी 56 जिलों में यह वैक्सीन लगाने की व्यवस्था शुरू हो जाएगी.

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 और संचारी रोग के नियंत्रण के संबंध में अंतर विभागीय समन्वय के माध्यम से रणनीति तैयार कर कार्य करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने जिले में नोडल अधिकारियों को प्रत्येक दिन इसकी समीक्षा करने के निर्देश दिए है. साथ ही कहा है कि स्वच्छता और सैनिटाइजेशन के अभियान को मजबूती से आगे बढ़ाएं. संक्रामक बीमारी से बचने का यह बेहतर माध्यम है. प्रत्येक जिले में सरकार ने प्रशासनिक अधिकारियों की तैनाती की है, ताकि स्वच्छता और सैनिटाइजेशन का अभियान सफल बनाया जा सके.

सीएम ने छिड़काव और फॉगिंग अनिवार्य रूप से कराए जाने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को यहां अपने सरकारी आवास पर उच्च स्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि शासन द्वारा जनपदवार नामित किए गए वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी अपने प्रभार वाले जिले में स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन के विशेष अभियान की मॉनिटरिंग मुख्यालय से ही करें. अभियान के दौरान कोविड-19, संचारी रोगों की रोकथाम, मेडिकल स्क्रीनिंग की कार्रवाई, स्वच्छ पेयजल आपूर्ति, स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन का कार्य पूरी गति से संचालित किया जाए. उन्होंने विशेष स्वच्छता औऱ सैनिटाइजेशन अभियान के दौरान छिड़काव और फॉगिंग अनिवार्य रूप से कराए जाने के भी निर्देश दिए हैं.

48 हजार टेस्ट होने पर सीएम ने जताई खुशी
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने लोकभवन में जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश में 48 हजार टेस्ट प्रतिदिन की टेस्टिंग क्षमता अर्जित किए जाने पर संतोष व्यक्त किया है. साथ ही इसे बढ़ाकर 50 हजार किए जाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि इसके अंतर्गत आरटीपीसीआर विधि से 30 से 35 हजार टेस्ट, ट्रूनेट मशीन से दो से ढाई हजार टेस्ट तथा रैपिड एंटीजन टेस्ट के माध्यम से 20 से 25 हजार टेस्ट प्रतिदिन किए जाएं. टेली कंसल्टेंसी द्वारा चिकित्सीय परामर्श को प्रोत्साहित किया जाए. कोविड-19 से बचाव के संबंध में लोगों को जागरूक करने में मीडिया और पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम का उपयोग किया जाए.

पुलिस बल को संक्रमण से बचाने के लिए बरती जाएं सावधानियां
मुख्यमंत्री ने कहा है कि पुलिस बल को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए सभी सावधानियां बरती जाएं. प्रवर्तन ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मी को मास्क, ग्लब्स और सैनिटाइजर अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया जाए. कंटेनमेंट जोन में पुलिस बल को सहयोग प्रदान करने के लिए होमगार्ड, पीआरडी के जवानों के साथ-साथ एनसीसी कैडेटों की सेवाएं भी प्राप्त करने पर विचार किया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 संक्रामक रोग हैं, इसे नियंत्रित रखने में साफ-सफाई अत्यंत आवश्यक है. इसे दृष्टिगत रखते हुए एल-1 कोविड अस्पताल वहीं बनाया जाए, जहां स्वच्छता सहित सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हों. उन्होंने एल-1 कोविड चिकित्सालयों की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए सभी जरूरी उपाय करने के निर्देश दिए. साथ ही कहा कि एल-1 श्रेणी के कोविड अस्पतालों में भर्ती मरीजों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं.

कोरोना संक्रमण से 1,046 लोगों की हुई मौत
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और झांसी जिले में कोरोना के संक्रमण के प्रसार को बढ़ता देख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण से 1,046 लोगों की मृत्यु हुई है. इस समय आइसोलेशन वार्ड में 15,723 लोगों को रखा गया है, उनका इलाज किया जा रहा है. फैसिलिटी क्वारंटाइन में 4,103 लोग हैं. उनके सैंपल लेकर जांच करवाई जा रही है. कल प्रदेश में 48,086 सैंपल की जांच की गई. इस प्रकार अब तक प्रदेश में 13 लाख 25 हजार 327 सैंपल की जांच की जा चुकी है. कल विभिन्न जिलों से प्रयोगशालाओं में 36 हजार से अधिक सैंपल भेजे गए हैं. प्रदेश में 54 हजार से अधिक कोविड हेल्प डेस्क स्थापित की गईं हैं.

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि आज रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया के द्वारा मातृ मृत्यु दर का परिणाम आया है. 2016 से 2018 के बीच की मातृ मृत्यु दर जारी की गई है. उत्तर प्रदेश में मातृ मृत्यु दर का जो आंकड़ा है, वह पहले प्रति लाख जन्म पर 216 था, जोकि घटकर 197 हो गया है. इसके अतिरिक्त हमारे प्रदेश में 19 जिलों में नियमोकोकल वैक्सीन देने की प्रक्रिया शुरू की गई थी. यह वैक्सीन बच्चों को निमोनिया से बचाती है. पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु होती है, उसमें निमोनिया बहुत बड़ा कारण है. इससे बच्चों को लाभ होगा. आठ अगस्त से सभी 56 जिलों में यह वैक्सीन लगाने की व्यवस्था शुरू हो जाएगी.

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