लखनऊ : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन बुधवार को अपना 70वां जन्मदिन चेन्नई में मना रहे हैं. जन्मदिन के बहाने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी मोर्चाबंदी की रणनीति की जमीन तैयार होगी. दरअसल वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ रणनीति बनाने और विपक्षी दलों को एक साथ लाने की कवायद जारी है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव स्टालिन के जन्मदिन कार्यक्रम में पहुंचे हैं. जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव सहित अन्य तमाम नेता भी चेन्नई पहुंचे हुए हैं. अखिलेश यादव विपक्षी दलों को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्माण कर रहे हैं.
बता दें, विपक्षी मोर्चाबंदी या केंद्र में थर्ड फ्रंट जैसे किसी मोर्चे को लेकर अखिलेश यादव लगातार प्रयासरत हैं. देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में कौन कौन से दल के लोगों को अखिलेश यादव एक मंच पर ला पाते हैं. बहरहाला जन्मदिन पार्टी के बहाने विपक्षी एकता की रणनीति पर चर्चा हो सकती है और आगे की रूपरेखा तय की जाएगी. इसके पहले उत्तर प्रदेश में उन्होंने अपने चाचा शिवपाल यादव को मना लिया है. इस वक्त पूरा परिवार एकजुट होकर चुनावी मूड में है. इसके अलावा अन्य छोटे दलों को भी साथ लेकर लोकसभा चुनाव में बीजेपी को टक्कर देने की कोशिशों में लगे हुए हैं. उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में जो विपक्षी दल हैं उन्हें भी एक साथ लाकर एकजुट करते हुए आगे की अपनी रणनीति बनाने का काम कर रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि जनवरी में अखिलेश यादव हैदराबाद गए थे और तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. उस दौरान भी विपक्षी दलों के नेताओं की मौजूदगी में भविष्य की चुनावी रणनीति पर चर्चा की गई थी. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव इस कोशिश में लगे हुए हैं कि वह थर्ड फ्रंट की अगुवाई करने वाले राजनीतिक दलों के साथ कदमताल करते हुए मुख्य भूमिका का निवर्हन करें या फिर मुख्य रूप में नजर आएं. वहीं कुछ समय पहले कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी कि भारत जोड़ो यात्रा में शामिल ना होकर एक और बड़ा संदेश देने का काम अखिलेश यादव ने किया था.
दरअसल उत्तर प्रदेश जैसे हिंदी बेल्ट खासकर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी काफी कमजोर होती हुई नजर आ रही है. हाल के चुनावों में कांग्रेस पार्टी की स्थिति काफी कमजोर भी हुई है. ऐसे में अखिलेश यादव कांग्रेस से दूरी बनाना ही बेहतर समझ रहे हैं. अखिलेश यादव को पूर्व में कांग्रेस पार्टी के साथ जाने में कोई खास फायदा नहीं मिला. ऐसे में अब अखिलेश यादव केंद्रीय राजनीति में थर्ड फ्रंट के साथ कदमताल करते हुए अपनी सियासी रणनीति को आगे बढ़ा रहे हैं. इसी कवायद में वह अन्य राज्यों के विपक्षी नेताओं के साथ कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व विधायक ओम प्रकाश सिंह ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के जन्मदिन के कार्यक्रम में अखिलेश यादव गए हैं, लेकिन जिस प्रकार से देश में भय का माहौल है, संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है. वैसे विपक्षी दलों को एक मंच पर आना ही होगा और थर्ड फ्रंट या अन्य किसी राजनीतिक विकल्प के रूप में अखिलेश यादव अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं. कुछ ना कुछ चीज बेहतर होगी और 2024 की लड़ाई में सपा मुख्य भूमिका में नजर आएगी. थर्ड फ्रंट या फिर अन्य कोई राजनीतिक विकल्प या अन्य कोई मोर्चा बने इसको लेकर अखिलेश यादव प्रयास कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें : Agra Rape News: शौच के लिए गई नाबालिग से युवकों ने किया दुष्कर्म, FIR दर्ज