लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाढ़ नियंत्रण के लिए टीम वर्क तथा अन्तर्विभागीय समन्वय से काम किया जाए. उन्होंने कहा कि बेहतर टीम वर्क, अन्तर्विभागीय समन्वय तथा समय से की गई तैयारियों के कारण विगत चार वर्षों में प्रदेश में बाढ़ से बहुत ही कम जन और धन हानि हुई है. मुख्यमंत्री ने बुधवार को अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में बाढ़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा की. बैठक में सभी मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक और बाढ़ नियंत्रण से सम्बन्धित अधिकारी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए.
सभी जिलों में 15 जून के बाद बाढ़ के प्रति एलर्ट
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के प्रति अति संवेदनशील तथा संवेदनशील जिलों में बाढ़ बचाव से सम्बन्धित तैयारियों पर विशेष ध्यान दिया जाए. किसी आपात स्थिति से निपटने की सारी व्यवस्था पहले से की जाए. 15 जून के बाद सभी जिलों में बाढ़ के प्रति अलर्ट जारी किया जाए. मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों को बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील स्थलों का भ्रमण करने के निर्देश दिए. उन्होंने अधिकारियों को अपने-अपने जिलों में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित करने, बाढ़ संवेदनशील स्थलों की माॅनीटरिंग के साथ-साथ पेट्रोलिंग के निर्देश भी दिए.
राशन और भोजन बांटने की अभी से हो व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में बाढ़ कण्ट्रोल रूम को कार्यशील कर दिया जाए. इनमें प्रशिक्षित लोगों को निरन्तर निगरानी पर लगाया जाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अगले कुछ दिनों में माॅनसून के सक्रिय होने की सम्भावना है. अतः बाढ़ के प्रति संवेदनशील स्थलों को चिन्हित करते हुए आवश्यकतानुसार राहत सामग्री के पैकेट अभी से तैयार कर लिए जाएं. उन्होंने बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर प्रभावित लोगों को कम्युनिटी किचन के माध्यम से फूड पैकेट उपलब्ध कराने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को आवश्यकतानुसार ड्राई राशन वितरित करने के लिए अभी से राशन किट तैयार करने के भी निर्देश दिए.
बाढ़ चौकियां स्थापित हों
मुख्यमंत्री ने बाढ़ चैकियों की स्थापना, पेट्रोमैक्स की व्यवस्था के साथ-साथ तटबंधों की प्रभावी पेट्रोलिंग करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा पीएसी की फ्लड बटालियन को भी एक्टिवेट कर डिप्लाॅय करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को समय पर राहत सामग्री उपलब्ध करायी जाए. बाढ़ से प्रभावित होने वाले लोगों की हर सम्भव मदद की जाए.
इलाज की व्यवस्था करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य को बाढ़ के दौरान फैलने वाले संक्रमणों व अन्य स्वास्थ्यजनित परिस्थितियों को देखते हुए सभी तैयारियां करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान सर्पदंश, बिच्छू तथा कुत्ते के काटने की अनेक घटनाएं होती हैं. ऐसे में सभी जिलों में एंटी वेनम, एंटी रेबीज वैक्सीन की उपलब्धता अभी से सुनिश्चित की जाए. सभी आवश्यक दवाओं की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए.
बरसात में पशुओं की बीमारी के लिए दवाओं की व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव पशुपालन को बाढ़ के दौरान पशुओं में फैलने वाले खुरपका, मुंहपका जैसे रोग की रोकथाम के लिए आवश्यक वैक्सीन का प्रबन्ध समय से करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पशुओं के बीमार पड़ने की दशा में उनके इलाज की समुचित व्यवस्था की जाए. पशुओं के लिए आवश्यक दवाइयों का इंतजाम कर लिया जाए. पशुओं के लिए भूसे, हरे चारे, चोकर इत्यादि की भी पर्याप्त व्यवस्था की जाए.
मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव खाद्य को बाढ़ के मद्देनजर सभी जिलों में पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न, दाल की उपलब्धता करने के निर्देश दिए. उन्होंने पेट्रोल, डीजल, केरोसीन समेत अन्य आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. उन्होंने अपर मुख्य सचिव कृषि को बाढ़ के दृष्टिगत समस्त प्रबन्धन समय से करने के निर्देश देते हुए कहा कि किसानों के लिए बीज और खाद की कमी न होने पाए. उन्होंने राहत आयुक्त को सभी तैयारियां अभी से करने के निर्देश दिए, जिससे कि बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर राहत एवं बचाव कार्य प्रभावी ढंग से किए जा सके और आवश्यकतानुसार राहत सामग्री का वितरण किया जा सके. इस बैठक में जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह, मुख्य सचिव आरके तिवारी समेत शासन के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए.