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लखनऊ में कपड़े का चिकन कारोबार महंगाई से हुआ प्रभावित

लखनऊ चिकन की कढ़ाई के लिए दूर-दूर तक मशहूर है. वहीं इन दिनों लखनऊ चिकन कढ़ाई के कारोबार करने वाले व्यापारियों का कारोबार महंगाई की चपेट में आ गई है.

कपड़े का चिकन कारोबार महंगाई से हुआ प्रभावित
कपड़े का चिकन कारोबार महंगाई से हुआ प्रभावित
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Published : Oct 26, 2021, 10:48 PM IST

लखनऊः राजधानी में चिकन कढ़ाई का कारोबार करने वाले व्यापारी महंगाई की चपेट में आ गए हैं. पिछले 2 महीने से कपड़े का दाम लगातार बढ़ता चला जा रहा है. जिससे चिकन के कारोबार करने वाले व्यापारियों पर इसका असर देखने को मिल रहा है. वहीं इन दिनों धागा जहां 1,500 रुपये से 1800 सो रुपये में 5 सौ रुपये प्रति किलो उपलब्ध हो जाता था. वही अब 5 किलो धागे की खरीदारी करने में 2,500 से 3.000 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. कारोबारियों का मानना है कि इसी वजह से पहले की अपेक्षा चिकन कढ़ाई वाले कपड़े की मांग घटी है. जिससे उन्हें व्यापार में घाटा होने लगा है.

आपको बता दें कि लखनऊ में करीब चिकन के कारोबार से 2 से 3 लाख लोग जुड़े हुए हैं. जिनकी जीविका चिकन के कारोबार से चलती है. लेकिन इन दिनों इनकी हालत यह है कि धागा और कपड़े की रेट दर में बढ़ोतरी होने के कारण लोग अपने रोजगार को ठप करने के लिए मजबूर हैं. वहीं बीते दिनों लॉकडाउन के चलते बहुत से हुनरमंद लोगों ने इस व्यापार को छोड़कर दूसरे कारोबार में चले गए थे. वहीं एक बार फिर महंगाई की दोहरी मार के चलते लोग अपना कारोबार बदलना शुरू कर दिए हैं.

कपड़े का चिकन कारोबार महंगाई से हुआ प्रभावित
कपड़े का चिकन कारोबार महंगाई से हुआ प्रभावित
कारोबारियों का कहना है कि कपड़ों से वह आसानी से कुर्ता सलवार जैसे अनेक कपड़ों की बुनाई कर चिकन का स्वरूप देकर कपड़ा बनाते थे. लेकिन इन दिनों उनको कपड़ा मंगाने में एक डेढ़ महीने का इंतजार करना पड़ रहा है. वहीं कारोबारियों का कहना है कि कपड़ा और धागा दोनों ही सूरत से लाया जाता था. लेकिन इन दिनों कपड़े की कमी होने के कारण आसानी से उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. वहीं दूसरी तरफ व्यापारियों द्वारा बताया गया कि सूरत में जहां बीते दिनों कोरोनाकाल के चलते मजदूर और कारीगर वापस अपने घर चले गए. जिससे उत्पादन में कमी आई है. इसके वजह से कपड़े आसानी से उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. कारोबारी कयास लगा रहे हैं कि आने वाले चार-पांच महीने में कपड़ों की आपूर्ति आसानी से हो सकती है. कपड़े के रेट दर में गिरावट देखने को मिल सकती है.

इसे भी पढ़ें- रामनगरी में दीपोत्सव कार्यक्रम से पहले होगा दीपोत्सव मेला, पहली बार हो रहा ये आयोजन

चौक के दुकानदार अभिषेक ने जानकारी दी कि इस बार हर बार की अपेक्षा चिकन के कारोबार में महंगाई देखने को मिल रहा है. साथ ही आसानी से चिकन से संबंधित कपड़े उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. इसके लिए 1 महीने पहले से ऑर्डर करना पड़ रहा है. वहीं बताया कि चिकन के कपड़ों के रेट दर बढ़ने की वजह से पहले की अपेक्षा महंगा होने के इसका असर व्यापार पर भी देखने को मिल रहा है. इसकी वजह से ग्राहक कढाई वाले कपड़े की ओर कम ध्यान दे रहे हैं.

लखनऊः राजधानी में चिकन कढ़ाई का कारोबार करने वाले व्यापारी महंगाई की चपेट में आ गए हैं. पिछले 2 महीने से कपड़े का दाम लगातार बढ़ता चला जा रहा है. जिससे चिकन के कारोबार करने वाले व्यापारियों पर इसका असर देखने को मिल रहा है. वहीं इन दिनों धागा जहां 1,500 रुपये से 1800 सो रुपये में 5 सौ रुपये प्रति किलो उपलब्ध हो जाता था. वही अब 5 किलो धागे की खरीदारी करने में 2,500 से 3.000 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. कारोबारियों का मानना है कि इसी वजह से पहले की अपेक्षा चिकन कढ़ाई वाले कपड़े की मांग घटी है. जिससे उन्हें व्यापार में घाटा होने लगा है.

आपको बता दें कि लखनऊ में करीब चिकन के कारोबार से 2 से 3 लाख लोग जुड़े हुए हैं. जिनकी जीविका चिकन के कारोबार से चलती है. लेकिन इन दिनों इनकी हालत यह है कि धागा और कपड़े की रेट दर में बढ़ोतरी होने के कारण लोग अपने रोजगार को ठप करने के लिए मजबूर हैं. वहीं बीते दिनों लॉकडाउन के चलते बहुत से हुनरमंद लोगों ने इस व्यापार को छोड़कर दूसरे कारोबार में चले गए थे. वहीं एक बार फिर महंगाई की दोहरी मार के चलते लोग अपना कारोबार बदलना शुरू कर दिए हैं.

कपड़े का चिकन कारोबार महंगाई से हुआ प्रभावित
कपड़े का चिकन कारोबार महंगाई से हुआ प्रभावित
कारोबारियों का कहना है कि कपड़ों से वह आसानी से कुर्ता सलवार जैसे अनेक कपड़ों की बुनाई कर चिकन का स्वरूप देकर कपड़ा बनाते थे. लेकिन इन दिनों उनको कपड़ा मंगाने में एक डेढ़ महीने का इंतजार करना पड़ रहा है. वहीं कारोबारियों का कहना है कि कपड़ा और धागा दोनों ही सूरत से लाया जाता था. लेकिन इन दिनों कपड़े की कमी होने के कारण आसानी से उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. वहीं दूसरी तरफ व्यापारियों द्वारा बताया गया कि सूरत में जहां बीते दिनों कोरोनाकाल के चलते मजदूर और कारीगर वापस अपने घर चले गए. जिससे उत्पादन में कमी आई है. इसके वजह से कपड़े आसानी से उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. कारोबारी कयास लगा रहे हैं कि आने वाले चार-पांच महीने में कपड़ों की आपूर्ति आसानी से हो सकती है. कपड़े के रेट दर में गिरावट देखने को मिल सकती है.

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चौक के दुकानदार अभिषेक ने जानकारी दी कि इस बार हर बार की अपेक्षा चिकन के कारोबार में महंगाई देखने को मिल रहा है. साथ ही आसानी से चिकन से संबंधित कपड़े उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. इसके लिए 1 महीने पहले से ऑर्डर करना पड़ रहा है. वहीं बताया कि चिकन के कपड़ों के रेट दर बढ़ने की वजह से पहले की अपेक्षा महंगा होने के इसका असर व्यापार पर भी देखने को मिल रहा है. इसकी वजह से ग्राहक कढाई वाले कपड़े की ओर कम ध्यान दे रहे हैं.

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