लखनऊ: आज (31 अक्टूबर) छठ पूजा का चौथा दिन यानि अंतिम (Chhath Puja 2022 Day 4 Sunrise Time) दिन है. सोमवार को प्रात:काल में सूर्योदय होने के साथ उषाकाल का अर्घ्य दिया गया. उगते हुए सूर्य देव को जल अर्पित करने के बाद व्रती प्रसाद खाकर पारण करते हैं, उसके साथ ही छठ महापर्व का समापन हो गया. पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को छठ पूजा के उषाकाल का अर्घ्य दिया जाता है और पारण करके व्रत को पूरा किया जाता है.
लखनऊ में लाखों की संख्या में व्रतियों ने सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया. उसके बाद प्रसाद ग्रहण करते ही चार दिनों की छठ पूजा की समाप्ति हुई. श्रद्धालुओं ने अपनी संतान की लंबी उम्र की कामना की. कठिन निर्जला व्रत का चार दिनों तक आयोजन होता है. वहीं, चौथे दिन उगते हुए सूरज को अर्घ्य देने के बाद प्रसाद ग्रहण करने के साथ यह व्रत समाप्त होता है. लक्ष्मण मेला मैदान सहित लखनऊ में 9 घाटों पर प्रबंध किए गए हैं. जहां पर बड़ी संख्या में पहुंचकर लोगों ने सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया है. व्यवस्थाओं को बनाए रखने के लिए लखनऊ जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन और नगर निगम ने खास इंतजाम किए हैं.
वाराणसी में छठ एकमात्र ऐसा पर्व है. जिसमें उगते और डूबते दोनों सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस कठिन व्रत के दौरान रविवार को व्रत करने वाली महिलाओं और पुरुषों ने मां गंगा के तट पर इकट्ठा होकर अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया था. आज (31 अक्टूबर) अपने इस व्रत की पूर्णाहुति सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ की गई. छठ के इस पर्व पर काशी के सभी गंगा घाटों पर व्रती महिलाओं सहित आस्थावानों का जनसैलाब उमड़ पड़ा. षष्ठी की संध्या के बाद सोमवार की सप्तमी की सुबह गंगा के घाटों के किनारे खड़े होकर उगते सूर्य को व्रती महिलाओं ने अर्घ्य दिया और भगवान भाष्कर से संतान की लंबी आयु की प्रार्थना की.
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भोजपुरी के मशहूर सिंगर और स्टार मनोज मिश्र ने अपने गीत-संगीत से श्रद्धालुओं को खूब आनंदित किया. गोरखपुर के छठ घाट पर व्रतियों और भक्तों को छठ मैया के गीत गाकर ओत-प्रोत कर दिया.
गोरखपुर में छठ के महापर्व को सोमवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ, महिलाओं ने पूर्णता प्रदान किया. इसके साथ उनका व्रत तो समाप्त हो गया, लेकिन पिछले 4 दिनों से श्रद्धा भाव लेकर जिस प्रकार वह भगवान भास्कर की आराधना में लीन थीं, उसकी कठिन तपस्या भी इस दौरान देखने को मिली. रविवार की शाम महिलाएं अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर अपने व्रत को आगे बढ़ाई. वहीं, सोमवार की सुबह एक बार फिर वह जल में खड़ी होकर सूर्य भगवान के निकलने और उनकी आभा का दर्शन पाने के लिए पूरे मनोयोग से जुटीं रहीं. गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर पोखरा, सूर्यकुंड धाम पोखरा से तमाम मोहल्ले में लोग निजी तौर पर छोटे-छोटे तालाब बनाकर इस अति महत्वपूर्ण व्रत पर्व को मनाने में पूरी श्रद्धा के साथ जुटे दिखाई दिए. इस व्रत में महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों की भी बड़ी भागीदारी देखी गई. कई घरों में पुरुष इस व्रत को करते नजर आए और उन्होंने भी भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया.
22 महिला बंदियों ने की छठ पूजा: गोरखपुर मंडलीय जेल में सोमवार की सुबह महिला बंदियों ने छठ पूजा की. कुल 22 महिलाओं ने उगते सूर्य को सुबह अर्घ्य दिया. जेल प्रशासन ने परिसर में ही कृत्रिम पोखरे का निर्माण कराया था. महिला बंदियों के छठ पूजा संपन्न कराने के लिए जेल प्रशासन ने पूरे इंतजाम किए थे. 22 महिला बंदियों के लिए पूजा सामग्री भी मुहैया कराई गई थी. इन महिला बंदियों ने अपने संतानों की लंबी उम्र की प्रार्थना छठी मैया से की पूरे विधि विधान के साथ की. वरिष्ठ जेल अधीक्षक ओमप्रकाश कटिहार ने महिला बंदियों के छठ पूजा के मद्देनजर जेल के अंदर ही कृतिम जलाशय का निर्माण कराया और व्रती महिलाओं को पूजा के लिए आवश्यक पूजन सामग्री भी मुहैया कराई थी. इस दौरान डिप्टी जेलर बृजेश पांडेय समेत अन्य कारागार कर्मी मौजूद रहे.
आगरा में यमुना किनारे छठ पूजा में सोमवार को ताजमहल के पार्श्व में उगते सूर्य को महिलाओं ने अर्घ्य दिया. महिला और पुरुष सूर्याेदय से पहले ही सुबह साढ़े पांच बजे दशहरा घाट समेत शहर के पोईया, बल्केश्वर, रामघाट, हाथीघाट पर पहुंच गए थे. लोगों ने सुबह करीब 5 बजकर 30 मिनट पर सूर्य की किरण नजर आने पर अर्घ्य देकर 36 घंटे लंबे उपवास को सम्पन्न किया. ताजमहल के पार्श्व में यमुना किनारे स्थित दशहरा घाट का नजारा देखने लायक था. वीडियो में देखें छठ पूजा का मनोरम और भक्तिभाव का दृश्य.
छठ पूजा 2022 पारण तिथि: पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिाथि का प्रारंभ सोमवार (31 अक्टूबर) को प्रात: 03 बजकर 27 मिनट पर हुआ और यह तिथि आज देर रात 01 बजकर 11 मिनट तक मान्य है. आज सुबह 05 बजकर 48 मिनट से सुबह 06 बजकर 32 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग बना. आज उषाकाल अर्घ्य और पारण सर्वार्थ सिद्धि योग में है. सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए कार्य सफल होते हैं.
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