लखनऊ : अगर आप किसी बहुमंजिला अपार्टमेंट में रहते हैं और चाहते हैं कि घर के अंदर छोटा सा बगीचा हो और केमिकल फ्री सब्जियां मिल सके, तो इस नई तकनीक से आपका यह सपना सच हो सकता है. इस सपने को पूरा करने की दिशा में खेती से जुड़ी नई तकनीक हाइड्रोपोनिक्स काफी सफल हो रही है. इस तकनीक पर केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान का प्रयास सफल रहा है. इस तकनीक से फूल या सब्जियां या दूसरे तरह के पौधे उगाने के लिए मिट्टी की जरूरत नहीं पड़ती है. इस तकनीक से घर के अंदर जड़ी-बूटियां, फूल और सब्जियों को उगाना संभव है.
हाइड्रोपोनिक्स क्या है
हाइड्रोपोनिक्स तकनीक में पानी, पोषक तत्वों और दूसरे साधनों के जरिए घर के अंदर पौधों को तैयार किया जाता है. इसमें मिट्टी की जरूरत नहीं पड़ती है. यह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती कृषि तकनीकों में से एक है. अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर समेत दुनिया के कई हिस्सों में यह तकनीक का चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है.
हाइड्रोपोनिक जैविक खेती के कई लाभ हैं. इस खेती के लिए कम पानी के साथ-साथ बहुत कम जगह की आवश्यकता होती है और यहां तक कि खिड़कियां, बालकनियों, छतों पर भी इस तकनीक से सब्जियां उगाई जा सकती हैं. खास बात यह है कि इस तकनीक से सुरक्षित और अच्छी फसलों का उत्पादन होता है. इस तकनीक से उगाई गई फसल कीटनाशकों से मुक्त होती है और पैदावार अधिकतम पोषक तत्वों के साथ बेहतर गुणवत्ता वाली होती है.
केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. श्याम राज सिंह ने इस विषय के बारे में विस्तार से बताया. डॉ. श्याम ने कहा कि मिट्टी का इस्तेमाल किए बगैर घर के अंदर हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से स्मार्ट गार्डन की पेशकश कर रहे हैं. इस तकनीक से आप भी अपने घरों में केमिकल फ्री पौधों को उगा सकते हैं.
कम पानी में तैयार होते हैं पौधें
इस तकनीक के जरिए घर के अंदर सब्जियां और दूसरे पौधे तैयार करने से पानी की काफी बचत होती है. डॉ. श्याम के अनुसार, पारंपरिक तरीकों में मिट्टी में पौधे की सिंचाई करके पौधे तैयार किए जाते हैं. इससे पानी काफी बर्बाद चला जाता है. इस तकनीक में थोड़े से पानी के इस्तेमाल से भी पौधे तैयार हो जाते हैं.
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नई तकनीक से पौधों में नहीं लगता रोग
हाइड्रोपोनिक्स का एक अन्य लाभ यह है कि यह काफी इको-फ्रेंडली है. डॉ. श्याम कहना है कि इस तकनीक में पोधौं में रोग भी नहीं लगता है. पौधे को दिये पोषक तत्वों की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है. कंपनी ने हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से खेती करने के लिए 'कंप्लीट सॉल्युशन' की पेशकश की है. डॉ. श्याम का दावा है कि उनकी फर्म का मिशन 'बेहतर जीवन यापन' के लिए समाधान तैयार करना है, जहां हर इंसान प्रकृति के साथ स्वच्छ, कम दाम पर पौष्टिक भोजन का उपयोग कर सके.
लोगों की बढ़ रही दिलचस्पी
डॉ. श्याम ने बताया कि यह नई तकनीक लोगों को काफी पंसद आई है. इसमें बिना मानवीय हस्तक्षेप के पौधे तेजी से तैयार होते हैं. जनसाधारण में हाइड्रोपोनिक्स के प्रति बढ़ रहा आकर्षण यह संकेत देता है कि निकट भविष्य में संस्थान द्वारा विकसित की गई है. तकनीकी काफी लोकप्रिय होगी और कई लोगों को रोजगार दिलाने में भी सफल होगी.
यह सस्ता मिश्रण उपलब्ध कराने में संस्थान प्रयत्नशील
हाइड्रोपोनिक्स के बड़ी-बड़ी कंपनियों के मॉडल उपलब्ध हैं. परंतु इनके अधिक महंगा होने के कारण आम आदमी की पहुंच के बाहर हैं. कम दाम पर हाइड्रोपोनिक यूनिट तथा इस कार्य हेतु पोषक तत्वों का सस्ता मिश्रण उपलब्ध कराने के लिए संस्थान प्रयत्नशील है.
अगर आप केमिकल फ्री सब्जियां खाना चाहते हैं, तो नई तकनीक हाइड्रोपोनिक्स काफी सफल हो रही है. इस तकनीक पर केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान का प्रयास सफल रहा है. इस तकनीक से फूल या सब्जियां या दूसरे तरह के पौधे उगाने के लिए मिट्टी की जरूरत नहीं पड़ती है. आप अपने घर पर ही सब्जियां उगा सकते हैं.
-डॉ. श्याम राज सिंह, प्रधान वैज्ञानिक, केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान