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जालसाजों ने VVIP गेस्टहाउस को बनाया ठगी का अड्डा, आसानी से मिल जाती है एंट्री - cheating hub

लखनऊ में अति विशिष्ट अथिति गृह (VVIP Guesthouse) में बैठ कर जालसाजों ने जम कर ठगी की है. आईएएस अधिकारी बनकर जालसाज बेरोजगार युवकों को ठगने का प्रयास करते हैं.

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अति विशिष्ट अथति गृह
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Published : Aug 6, 2022, 5:56 PM IST

Updated : Aug 6, 2022, 10:54 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी ऑफलाइन ठगी में सबसे आगे है. जी हां, टेंडर के नाम पर करोड़ो की ठगी हो या फिर बेरोजगार युवकों को नौकरी के नाम पर चूना लगाना हो, जालसाजों ने लखनऊ को अपना अड्डा बना लिया है. आलम यह है कि लखनऊ में अति विशिष्ट अथिति गृह में बैठकर जालसाजों ने जमकर ठगी की है. ऐसे ठगों के लिए इन गेस्टहाउस में कमरा भी बुक हो जाता है.

दरअसल, दिल्ली का एक व्यापारी यूपी में बड़ा काम लेने की चाहत में एक व्यक्ति के माध्यम से 31 जुलाई को लखनऊ में आया था. उसे एक आईएएस अधिकारी से मिलने के लिए वीवीआईपी नैमिषारण गेस्ट हाउस में कमरा नंबर 506 में बुलाया गया. व्यापारी उनसे मिलने पहुंचा तो आईएएस ने काम दिलाने से पहले 50 लाख एडवांस मांग लिए, इसके बाद शक होने पर व्यापारी ने पुलिस से शिकायत की और जब आईएएस की गिरफ्तारी हुई तो पता चला ठग एसके बाजपई फर्जी आईएएस बना हुआ था.

यह भी पढ़ें- कानपुर 1984 सिख दंगे मामले में एसआईटी ने 2 और को किया गिरफ्तार

VVIP गेस्ट हाउस में ठगी करना है आसान
दिल्ली के व्यापारी से ठगी के मामले में सामने आया था कि ठगों ने वीवीआईपी नैमिषारण गेस्ट हाउस में बाकायदा कमरा बुक कराया था. पीड़ित स्वेत गोयल ने बताया कि जब उसे वीवीआईपी गेस्ट हाउस बुलाया गया था तब उसे यह लग गया था कि वह सच मे किसी आईएएस से ही मिलने आया था. उसे एक पल भी नहीं लगा कि वीवीआईपी गेस्ट हाउस ठगों को रूम देती है लेकिन थोड़ी देर में उनकी गलतफहमी दूर हो गयी और लग गया कि जिनसे वह टेंडर की चाहत में मिलने पहुंचा था वो जालसाज है. वीवीआईपी गेस्ट हाउस यानी अति विशिष्ट अथिति गृह, यहां राज्य व केंद्र के मंत्री, सांसद, विधायक, अधिकारियों को ही रूम दिया जाता है. इसके अलावा लखनऊ आए सरकार के विशिष्ट अथितियों के रहने के लिये रूम बुक किए जाते है. बावजूद इसके इन गेस्टहाउस में जुगाड़ से किसी भी व्यक्ति के नाम रूम बुक कर दिया जाता है.

गेस्टहाउस में होती थी ठगी की प्लानिंग
इसी तरह बीते दिनों सरकारी विभागों में नौकरी के नाम पर युवाओं को ठगने वाले गिरोह को गिरफ्तार किया था. पूछताछ में सरगना सचिवालय कर्मी विजय मंडल ने बताया था कि एक दिन वीवीआईपी गेस्ट हाउस बंदरियाबाग के वेटिंग एरिया में धर्मवीर से मुलाकात हुई थी. तभी से बेरोजगारों को ठगने का प्लान बनाया था और शिकार ढूंढे जाते थे. वीवीआईपी गेस्ट हाउस में बैठकर ठग यह जताने की कोशिश करते है कि उनके संपर्क बड़े-बड़े लोगों से है और वीवीआईपी गेस्ट हाउस में उनसे मिलने आते है. वहीं कुछ मामलों में गेस्ट हाउस में रूम लेकर भौकाल और भी सेट कर लेते है.

हजरतगंज थाना प्रभारी अखिलेश मिश्रा के मुताबिक वीवीआईपी गेस्ट हाउस के आसपास हुई ठगी के मामलों में कार्रवाई की गई है, जिन्होंने ठगी की है उन आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली गई है. फिलहाल अनाधिकृत रूप से गेस्टहाउस में बैठने पर रोक है, जिसे कड़ाई से लागू कराया जा रहा है.

राजधानी में हैं पांच गेस्टहाउस
लखनऊ में पांच राज्य अथिति गृह हैं. इनमें महात्मा गांधी मार्ग पर लखनऊ स्थित वीवीआईपी गेस्ट हाउस 'साकेत', डालीबाग स्थित वीआईपी गेस्ट हाउस 'यमुना', विक्रमादित्य मार्ग स्थित वीआईपी गेस्ट हाउस गोमती और मीराबाई मार्ग पर स्थित वीआईपी 'सरयू' व बटलर पैलेस कॉलोनी के वीवीआईपी गेस्ट हाउस 'नैमिषारण्य' मौजूद हैं.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी ऑफलाइन ठगी में सबसे आगे है. जी हां, टेंडर के नाम पर करोड़ो की ठगी हो या फिर बेरोजगार युवकों को नौकरी के नाम पर चूना लगाना हो, जालसाजों ने लखनऊ को अपना अड्डा बना लिया है. आलम यह है कि लखनऊ में अति विशिष्ट अथिति गृह में बैठकर जालसाजों ने जमकर ठगी की है. ऐसे ठगों के लिए इन गेस्टहाउस में कमरा भी बुक हो जाता है.

दरअसल, दिल्ली का एक व्यापारी यूपी में बड़ा काम लेने की चाहत में एक व्यक्ति के माध्यम से 31 जुलाई को लखनऊ में आया था. उसे एक आईएएस अधिकारी से मिलने के लिए वीवीआईपी नैमिषारण गेस्ट हाउस में कमरा नंबर 506 में बुलाया गया. व्यापारी उनसे मिलने पहुंचा तो आईएएस ने काम दिलाने से पहले 50 लाख एडवांस मांग लिए, इसके बाद शक होने पर व्यापारी ने पुलिस से शिकायत की और जब आईएएस की गिरफ्तारी हुई तो पता चला ठग एसके बाजपई फर्जी आईएएस बना हुआ था.

यह भी पढ़ें- कानपुर 1984 सिख दंगे मामले में एसआईटी ने 2 और को किया गिरफ्तार

VVIP गेस्ट हाउस में ठगी करना है आसान
दिल्ली के व्यापारी से ठगी के मामले में सामने आया था कि ठगों ने वीवीआईपी नैमिषारण गेस्ट हाउस में बाकायदा कमरा बुक कराया था. पीड़ित स्वेत गोयल ने बताया कि जब उसे वीवीआईपी गेस्ट हाउस बुलाया गया था तब उसे यह लग गया था कि वह सच मे किसी आईएएस से ही मिलने आया था. उसे एक पल भी नहीं लगा कि वीवीआईपी गेस्ट हाउस ठगों को रूम देती है लेकिन थोड़ी देर में उनकी गलतफहमी दूर हो गयी और लग गया कि जिनसे वह टेंडर की चाहत में मिलने पहुंचा था वो जालसाज है. वीवीआईपी गेस्ट हाउस यानी अति विशिष्ट अथिति गृह, यहां राज्य व केंद्र के मंत्री, सांसद, विधायक, अधिकारियों को ही रूम दिया जाता है. इसके अलावा लखनऊ आए सरकार के विशिष्ट अथितियों के रहने के लिये रूम बुक किए जाते है. बावजूद इसके इन गेस्टहाउस में जुगाड़ से किसी भी व्यक्ति के नाम रूम बुक कर दिया जाता है.

गेस्टहाउस में होती थी ठगी की प्लानिंग
इसी तरह बीते दिनों सरकारी विभागों में नौकरी के नाम पर युवाओं को ठगने वाले गिरोह को गिरफ्तार किया था. पूछताछ में सरगना सचिवालय कर्मी विजय मंडल ने बताया था कि एक दिन वीवीआईपी गेस्ट हाउस बंदरियाबाग के वेटिंग एरिया में धर्मवीर से मुलाकात हुई थी. तभी से बेरोजगारों को ठगने का प्लान बनाया था और शिकार ढूंढे जाते थे. वीवीआईपी गेस्ट हाउस में बैठकर ठग यह जताने की कोशिश करते है कि उनके संपर्क बड़े-बड़े लोगों से है और वीवीआईपी गेस्ट हाउस में उनसे मिलने आते है. वहीं कुछ मामलों में गेस्ट हाउस में रूम लेकर भौकाल और भी सेट कर लेते है.

हजरतगंज थाना प्रभारी अखिलेश मिश्रा के मुताबिक वीवीआईपी गेस्ट हाउस के आसपास हुई ठगी के मामलों में कार्रवाई की गई है, जिन्होंने ठगी की है उन आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली गई है. फिलहाल अनाधिकृत रूप से गेस्टहाउस में बैठने पर रोक है, जिसे कड़ाई से लागू कराया जा रहा है.

राजधानी में हैं पांच गेस्टहाउस
लखनऊ में पांच राज्य अथिति गृह हैं. इनमें महात्मा गांधी मार्ग पर लखनऊ स्थित वीवीआईपी गेस्ट हाउस 'साकेत', डालीबाग स्थित वीआईपी गेस्ट हाउस 'यमुना', विक्रमादित्य मार्ग स्थित वीआईपी गेस्ट हाउस गोमती और मीराबाई मार्ग पर स्थित वीआईपी 'सरयू' व बटलर पैलेस कॉलोनी के वीवीआईपी गेस्ट हाउस 'नैमिषारण्य' मौजूद हैं.

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Last Updated : Aug 6, 2022, 10:54 PM IST
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